दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में गजेंद्र साहू की एकल कला प्रदर्शनी, उनके 45 साल के उत्कृष्ट रचनात्मक कार्य प्रदर्शित

दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में गजेंद्र साहू की एकल कला प्रदर्शनी, उनके 45 साल के उत्कृष्ट रचनात्मक कार्य प्रदर्शित
नई दिल्ली: प्रख्यात कलाकार गजेंद्र प्रसाद साहू की एकल कला प्रदर्शनी नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में विजुअल आर्ट गैलरी में चल रही है. पांच दिनों तक चलने वाली इस प्रदर्शनी का नाम 'चित्रकाव्य' है, जिसे 10 अप्रैल 2023 तक देखा जा सकेगा.
 
इस एकल प्रदर्शनी में श्री साहू की 45 वर्षों की रचनात्मक उत्कृष्टता और कलात्मक उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है. केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी द्वारा इसका उद्घाटन किया गया. इस अद्वितीय प्रदर्शनी में 'परिवार का महत्त्व' और 'प्रकृति की सुगंध' जैसे विषयों पर आधारित लगभग 40 अनूठे और अद्वितीय चित्र प्रदर्शित किए गए हैं.
 
इस प्रदर्शनी में प्रस्तुत किए गए चित्रों की विशेषता यह है कि सभी पेंटिंग कैनवस पर इंक पेन और एक्रेलिक कलर का उपयोग करके डिजाइन की गई हैं. भगवान बुद्ध के दर्शन और परिवार-सह-प्रकृति की अवधारणा को चित्रित करने वाले दो विशाल कैनवस क्रमशः 20 फीट से 8 फीट और 10 फीट से 7 फीट के आकार में पूरी गैलरी में आकर्षण का केंद्र हैं.
 
विशाल आकार के कैनवस पर पेन और इंक द्वारा बनाई गई इस तरह की कलाकृतियां अपने चित्रण की प्रकृति में दुर्लभ हैं और भारत में अपनी तरह की पहली हैं.
 
श्री साहू के अन्य उत्कृष्ट कार्यों में अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, तेनजिंग नोर्गे और ध्यानचंद जैसे राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों की ट्राफियां और स्मृति चिन्ह, पाइका विद्रोह के 200 साल के उत्सव के लिए स्मारक सिक्का, भगवान जगन्नाथ के नबा कलेवर पर लोगो सह डाक टिकट आदि शामिल हैं.  इसके अलावा आप द्वारा निर्मित बहुप्रशंसित मॉडल खंडगिरि-उदयगिरि की गुफा वास्तुकला, नाव नौकायन समारोह, डोला मेलान और भगवान लिंगराज के रुकुना रथ जैसे विषयों पर आधारित ओडिशा के टैबलॉयड को गणतंत्र दिवस परेड के दौरान प्रदर्शित और सम्मानित भी किया गया.
 
इस मेगा आर्ट इवेंट का मुख्य आकर्षण वह छह संगीत सीडी भी है, जिसका शीर्षक 'स्वरवर्ण' है, जिसे श्री साहू ने अपने सौंदर्य कौशल की बहुमुखी प्रतिभा का चित्रण करते हुए निर्मित किया है।
 
श्री साहू की यह चौथी एकल प्रदर्शनी है. इससे पहले उन्होंने भुवनेश्वर, नई दिल्ली और यू.एस.ए. में अत्यधिक लोकप्रिय एकल प्रदर्शनियां की थीं.
 
कई वर्षों तक भुवनेश्वर में प्रसिद्ध बी.के.आर्ट कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में और ओडिशा राज्य ललित कला अकादमी के सचिव के रूप में गजेंद्र प्रसाद साहू का ओडिशा के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर कला क्षेत्र को समृद्ध करने में शानदार और ठोस योगदान रहा है।
 
श्री साहू द्वारा इंडिया हैबिटेट सेंटर में चल रही इस प्रदर्शनी को गणमान्य  अतिथियिं, चर्चित व्यक्तियों, विवेकशील कला प्रेमियों, संग्रहकर्ताओं, पारखी, आलोचकों, कलाकारों और कला दीर्घा के पेशेवरों द्वारा बहुत सराहा जा रहा है.
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