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कांग्रेस कार्यसमिति की वर्धा बैठक में बापू की नीतियों और किसान पर प्रस्ताव, रैली में राहुल राफेल को लेकर मोदी पर बरसे

कांग्रेस कार्यसमिति की वर्धा बैठक में बापू की नीतियों और किसान  पर प्रस्ताव, रैली में राहुल राफेल को लेकर मोदी पर बरसे नई दिल्लीः महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर कांग्रेस ने राष्ट्रपिता की कर्मभूमि वर्धा के सेवाग्राम में कार्य समिति की बैठक की और मोदी सरकार की शांति और किसान विरोधी नीतियों की जमकर आलोचना की. इस बैठक के बाद कांग्रेस की वर्धा में संकल्प रैली की.

इस रैली में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई कांग्रेसी दिग्गज मौजूद रहे. रैली में राहुल गांधी ने एक बार फिर पीएम मोदी पर राफेल से लेकर रोजगार तक पर कई हमले किए.

रैली में राहुल ने गांधी जयंती पर मोदी के आर्टिकल का जिक्र करते हुए कहा कि उनके मित्र अनिल अंबानी, जिन्हें एचएएल से राफेल का कॉन्ट्रैक्ट छीन कर दिया गया, उनकी जेब में 30 हजार करोड़ डाले. आप बताएं कि ये कैसी चौकीदारी है. अनिल अंबानी पर 45 हजार करोड़ का कर्जा है. कॉन्ट्रैक्ट मिलने से 10 दिन पहले अनिल अंबानी ने कंपनी बनाई.

फ्रांस के राष्ट्रपति ने बताया कि मुझे नरेंद्र मोदी ने अनिल अंबानी की कंपनी के बारे में बताया. राहुल ने फिर पीएम से सवाल किया कि मोदी बताएं कि उन्होंने क्यों 526 करोड़ का राफेल 1600 करोड़ में खरीदा. राहुल ने कहा कि पीएम मोदी देश की आंख में आंख नहीं डाल पा रहे, क्योंकि उन्होंने झूठ बोला.

राहुल ने कहा कि देश के सबसे अमीर 15-20 लोगों का कर्जा पीएम माफ करेंगे, लेकिन गरीब किसानों का कर्जा माफ नहीं करेंगे. राहुल ने कहा कि नोटबंदी के समय जब आम आदमी लाइन में खड़ा था, तब ये अमीर लोग बैंक में पीछे के दरवाजे से सारा पैसा समेट ले गए.

राहुल ने युवाओं से कहा कि देश के सामने रोजगार बड़ी समस्या है. राहुल ने मेड इन चाइना पर पीएम को घेरा. उन्होंने कहा कि मोदी देश के युवाओं को रोजगार नहीं दिला सकती. कांग्रेस युवाओं को दिल से दम लगाकर नौकरी देगी. राहुल ने कहा कि मैं चाहता हूं कि वर्धा के युवा जब सेल्फी लें तो फोन के पीछे लिखा हो मेड इन वर्धा, मेड इन महाराष्ट्र.

रैली में लोगों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि गांधी जी ने पूरे देश को रास्ता दिखाया था, अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी. गांधी जी ने अपनी पूरी जिंदगी में न किसी से नफरत की, न किसी से गलत बोला और ना हिंसा की. उन्होंने प्यार से बात की.

15 अगस्त को पीएम मोदी ने कहा कि मेरे प्रधानमंत्री बनने से पहले हिंदुस्तान सो रहा था, मेरे प्रधानमंत्री बनने के बाद हिंदुस्तान जगा. ये उनके शब्द थे. मैं सोच रहा थी देश का प्रधानमंत्री कैसा व्यक्ति है. वे झूठ बोलकर बापू का अपमान किया. उन्होंने लाल किला से सबका अपमान किया.

राहुल गांधी ने 15 लाख और रोजगार पर पीएम को घेरा. उन्होंने किसानों से किया गया वादा भी याद दिलाया. उन्होंने कहा कि पीएम किसानों से झूठ बोलते हैं.  उन्होंने कहा था कि किसानों को फसल का सही दाम दूंगा. राहुल ने किसानों को कांग्रेस के राज में सोयाबीन, कपास, तूर की दाल का दाम बताकर तुलना की. उन्होंने कहा कि मोदी ने पूरे देश की जनता से कहा कि मुझे देश का चौकीदार बनाओ, मैं देश की चौकीदारी करना चाहता हूं.

राहुल ने गांधी जयंती पर मोदी के आर्टिकल का जिक्र करते हुए कहा कि आपके मित्र अनिल अंबानी, जिन्हें आपने एचएएल से राफेल का कॉन्ट्रैक्ट छीन कर दिया, उनके जेब में 30 हजार करोड़ डाला. आप बताएं कि ये कैसी चौकीदारी है. ये चौकीदार नहीं भागीदार हैं.

कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि आज देश में लोकतंत्र खतरे में है. रैली में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज सरकार मीडिया पर हावी हो गई है. ये झूठ को सच और सच को झूठ साबित कर रही है. आज जिस तरह से नफरत का माहौल फैलाया जा रहा है. इसके लिए हमें संकल्प लेना है कि हम इसे जड़ से मिटा देंगे.

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि काले धन पर मोदी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि नोटबंदी से सभी को नुकसान हुआ. मोदी सरकार ने नोटबंदी से सभी लोगों को परेशान किया. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार हर क्षेत्र में नाकाम साबित हो रही है. उन्होंने बीजेपी के नारे पर तंज कसते हुए कहा कि अबकी बार पेट्रोल 100 रुपये पार.

कांग्रेस इस बैठक में देश के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक माहौल पर चर्चा करेगी और लोगों को प्यार, शांति और भाईचारे के अपने दृष्टिकोण का पालन करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया. इसके अलावा देश में व्याप्त 'भय, घृणा और हिंसा के माहौल' के विरुद्ध संदेश देने की कोशिश की जाएगी.

सूत्रों का कहना है कि नागपुर में आरएसएस का मुख्यालय है. ऐसे में कांग्रेस गांधी की कर्मभूमि सेवाग्राम से 2019 के लिए राजनीतिक एजेंडा तय करने की संभावना है. कांग्रेस सेवाग्राम में प्रार्थना सभा, शांति मार्च और जनसभा करेगी, जिसमें राहुल गांधी उनका संदेश देंगे.

वर्धा में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक करने का काफी प्रतीकात्मक महत्व है. कांग्रेस ने कहा कि व्यक्तिगत सत्याग्रह की प्राथमिक चर्चा 1940 में सेवाग्राम में हुई. 14 जुलाई, 1942 को सेवाग्राम में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई थी और उसमें भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव पारित किया गया था.

इससे पहले दोपहर साढ़े 12 बजे महादेव भवन में सेवाग्राम आश्रम में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई. इसके बाद शाम चार बजे सर्कस ग्राउंड, रामनगर, जिला वर्धा में संकल्प रैली की गई .

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पारित प्रस्ताव, सेवाग्राम (महादेव भाई भवन), वर्धा -  2 अक्टूबर, 2018

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150वीं जन्मजयंती पर आज कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक, ऐतिहासिक सेवाग्राम, वर्धा में आयोजित की जा रही है । सेवाग्राम, जिसकी स्थापना बापू ने साल 1936 में की , एक दशक से अधिक समय तक बापू की कर्मभूमि रही। नौ दिनों की व्यापक मंत्रणा के बाद यहीं से कांग्रेस कार्यसमिति ने 14 जुलाई,1942 को 'भारत छोड़ो आंदोलन' का आगाज़ किया था। इसके एक माह बाद, महात्मा गाँधी के नेतृत्व में 'भारत छोड़ो आन्दोलन' ने देश भर में एक जनक्रांति का आकार ले लिया। समूचे देश में 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' का नारा गूँजने लगा और पूरा भारत एक आवाज़ और एक निश्चय के साथ अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ फ़ेकने के लिए इस आंदोलन की जनक्रांति में शामिल हुआ।  

भाजपा के पितृ संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सदैव बापू की विचारधारा के विरुद्ध निरंतर षड्यंत्र किया है। कांग्रेस कार्यसमिति यह रेखांकित करती है कि आज वही पाखंडी ताकतें, सत्ता की स्वार्थ सिद्धि के लिए बापू की विचारधारा अपनाने का ढ़ोंग रच रही है। जबकि सच्चाई यह है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा नफ़रत, बँटवारे और घृणा का वातावरण बनाया गया था और उसी के परिणाम स्वरुप राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की दुखद हत्या हुई।

कांग्रेस कार्यसमिति ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री व गांधी जी के अनुयायी, श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर उन्हें भावांजलि अर्पित की। कांग्रेस कार्यसमिति ने इस बात पर बल दिया कि 'जय जवान, जय किसान’ एक नारा नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी के लिए जीवन पद्यति का मार्ग है।  

समय की माँग है कि एक नए स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत सेवाग्राम से हो - एक ऐसी मोदी सरकार के ख़िलाफ़ जिसने देश में बँटवारे और पूर्वाग्रह का वातावरण पैदा किया है, जिसकी राजनीति का आधार भय व डर है, जिसकी कार्यशैली ध्रुवीकरण पर आधारित है, जिसकी सोच हर आवाज़ को दबाने व हर विरोध का गला घोंटने की है, जिसका चरित्र हिन्दुस्तान के बहुलतावाद को समाप्त कर उन्माद फैलाने का है। भारतवर्ष सदैव भिन्न-भिन्न भाषाओं, धर्मों, संस्कृति व संस्कारों का एक बहुलतावादी गुल्दस्ता रहा है। इसमें जड़ता का कोई स्थान नहीं। मोदी सरकार ने संवैधानिक परम्पराओं व मानवीय मूल्यों को कुचल, केवल प्रतिशोध की राजनीति की है, जिसकी नींव झूठ, धोखा, बेईमानी और छल की भाजपाई शैली पर आधारित है।
 
कांग्रेस कार्यसमिति का यह मानना है कि महात्मा गाँधी के जीवन मूल्यों और सिद्धान्तों को भाषणों में व्यक्त करना तो आसान है, मगर सत्य-अहिंसा -सामजिक सद्बभाव की गांधीवादी विचारधारा को जीवन में आत्मसात करना उन व्यकितयों के लिये असंभव है, जो महात्मा गाँधी के नाम में भी सिर्फ राजनैतिक अवसरवादिता खोजते हैं। आप बापू के चश्मे को राजनैतिक प्रचार पाने के लिए उधार तो ले सकते हैं, मगर उनके सिद्धांतों को अपनाए बिना उनके आदर्शों पर अमल नहीं कर सकते। कांग्रेस कार्यसमिति यह संकल्प लेती है कि खोखले आदर्शों व  दोहरे चरित्र वाले ऐसे सब समूहों और व्यक्तियों को बेनक़ाब करेंगे, जिन्होंने कभी भी गाँधी जी के दिखाए सच्चाई, सहिष्णुता, समरसता और अहिंसा के प्रशस्त मार्ग को नहीं अपनाया।

महात्मा गाँधी ने भारत के साम्प्रदायिक व सामजिक सौहार्द्र के लिये अपने प्राणों की आहुति दी। जब समूचा देश बापू की जघन्य ह्त्या से आहत था, उसके छः सप्ताह से भी कम समय में प्रधानमंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू, कांग्रेस व देश के वरिष्ठ नेता तथा गाँधी जी के सहयोगी सेवाग्राम में पुनः एकत्रित हुए और घृणा-बँटवारे के विषैले वातावरण के खिलाफ तथा देश को गांधीवादी विचारधारा पर चल एक सूत्र में बाँधने का आह्वान किया। पंडित नेहरू ने तब कहा था  कि "हर प्रकार के खतरों से लड़ना और प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना ही कांगेस का रास्ता है।" मौज़ूदा परिस्थिति में पंडित नेहरू का यह संदेश कांग्रेस संगठन के लिये और अधिक प्रासंगिक है।

कांग्रेस कार्यसमिति इस बात के लिए वचनबद्ध है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ही वह राजनैतिक दल है जो सच्चे अर्थों में भारत के समावेशीय, बहुलतावादी, धर्मनिरपेक्ष व उदारवादी चरित्र को आत्मसात और प्रतिबिंबित करती है। कांग्रेस ही है जो आत्मा की गहराई से 'न्याय के सिद्धांत, उदारवाद, समानता और भाईचारे' के प्रति अटूट रूप से कट्टीबद्ध है, जो संविधान की प्रस्तावना में अंकित समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता व लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप है। कांग्रेस कार्यसमिति यह संकल्प लेती है कि कांग्रेस का हर कार्यकर्ता इस बुनियादी संदेश को भारत के कोने कोने तक पहुंचायेगा, खासकर देश की युवा पीढ़ी तक।

महात्मा गाँधी का दृढ़ इरादा व विचार था कि हर आवाज़ को सुना जाए और उन सब ताकतों को निर्णायक तौर से परास्त किया जाए जो भारत के नागरिकों की उम्मीद व बढ़ते क़दमो को रौंदती व रोकती है। आज फ़िर, कांग्रेस कार्यसमिति महात्मा गांधी की इस अटूट प्रतिबद्धता में अपना विश्वास दोहराती है। चुनावी राजनीति से आगे बढ़कर विचारधारा की यह लड़ाई अनवरत जारी रहेगी। कांग्रेस कार्यसमिति इन पवित्र उद्देश्यों के प्रति स्वयं को समर्पित करती है।

कांग्रेस कार्यसमिति ने समूचे राष्ट्र को आह्वान करते हुए कहा कि भारत के बुनियादी मूल्यों व सिद्धांतों की निडरता से एक जुट हो रक्षा करना ही वक़्त की मांग है। महात्मा गाँधी इन मूल्यों के लिए सदैव जिये, अडिग रहे और भारतीयता के इन्हीं मूल्यों की रक्षा हेतु उन्होंने कुर्बानी दी।  

कांग्रेस कार्यसमिति ने सभी देशवासियों, विशेषतः युवाओं के लिए उद्घोष किया कि वो भय, डर, झूठ और धोख़े की राजनीति का निर्भीकता से मुक़ाबला करें -'न झुकें ,न रुकें, जब तक मंज़िल प्राप्त ना हो जाए। '

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में  किसानों को लेकर पारित प्रस्ताव, सेवाग्राम (महादेव भाई भवन), वर्धा -  2 अक्टूबर, 2018

आज महात्मा गाँधी की 150वीं जन्मजयंती पर देश के हज़ारों किसान सैंकड़ों किलोमीटर की यात्रा कर अपनी माँगो को लेकर ,मोदी सरकार के द्वार आये थे । उनकी पीड़ा की हुँकार और व्यथा की चीत्कार सुनने की बजाय, अहंकारी व क्रूर मोदी-योगी सरकारों ने उनपर बर्बरता पूर्वक लाठियाँ भांजी। देश का किसान फ़सल के उचित मूल्य की मांग को ले मोदी जी को ‘लागत जमा 50% का मुनाफा’ देने का वादा याद करवाने आया था। क़र्ज़ के बोझ के तले दबा पीड़ित किसान पुकार-पुकार कर मोदी सरकार से क़र्ज़ राहत की मांग कर रहा है। डीज़ल व खाद के आसमान छूते दामों ने किसान की कमर तोड़ डाली है। ऊपर से मोदी सरकार ने खेती पर 5% से 18% तक GST लगा दिया। न्याय मांगने वाले किसानों पर आयेदिन भाजपा सरकारें उल्टा गोली चलाती है।  

कांग्रेस कार्यसमिति किसानों के ऊपर हुए लाठीचार्ज व बर्बरता पूर्ण व्यवहार की घोर निंदा करती है। महात्मा गाँधी की 150वीं जन्मजयंती पर किसानों पर यह अत्याचार देश बर्दाश्त नहीं करेगा। किसान कल्याण के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कटिबद्ध है तथा सदैव किसान अधिकारों की रक्षा के लिए हम संघर्ष करने का संकल्प फ़िर दोहराते है।
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