अनुराग ठाकुर: देश के शीर्ष क्रिकेट प्रशासक

अनुराग ठाकुर: देश के शीर्ष क्रिकेट प्रशासक शिमला: हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के राजनीतिक सफर में कई बार रुकावट डालने की कोशिश की. यहां तक कि उनके और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए गए, लेकिन सभी परेशानियों का पूरी हिम्मत के साथ सामना करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संसदीय सदस्य निर्विरोध रूप से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष चुने गए.

मुम्बई स्थित बीसीसीआई मुख्यालय में आयोजित विशेष आम बैठक (एसजीएम) में रविवार सुबह 41 वर्षीय ठाकुर को सर्वसम्मित से विश्व के सबसे धनी बोर्ड का नया मुखिया चुना गया। वह इस पद पर आसीन होने वाले सबसे युवा प्रतिनिधि हैं.

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद ठाकुर को शशांक मनोहर के स्थान पर इस पद पर नियुक्त किया गया है.

शशांक के बीसीसीआई अध्यक्ष पद छोड़ने और फिर आईसीसी का पहला स्वतंत्र चैयरमैन बनने के बाद से ही बीसीसीआई सचिव ठाकुर के इस पद पर आसीन होने की अटकलें लगाई जा रही थीं.

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि मई 2008 में संसदीय उपचुनाव में पहली जीत हासिल करने वाले ठाकुर अच्छी संपत्ति की पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले व्यक्ति हैं और उनका प्रतिष्ठित व्यक्तियों तथा फिल्म सितारों के साथ भी उठना-बैठना है, शायद इसी कारण से वह कांग्रेस के निशाने पर रहे.

अपनी सरजमीं तथा सुंदर पहाड़ियों से घिरे राज्य के लिए समर्पित और इसके लिए आधुनिक बुनियादी सुविधाओं के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने वाले हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) के अध्यक्ष ठाकुर की मेहनत का ही नतीजा है कि यहां पांच क्रिकेट स्टेडियमों का निर्माण हुआ, जिसमें से दो विश्व स्तरीय स्टेडियम धर्मशाला में हैं। इसके साथ ही शिमला में एक क्रिकेट अकादमी भी है।

एचपीसीए के मीडिया सचिव मोहित सूद ने आईएएनएस को बताया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार और एचपीसीए के आपसी संघर्ष के कारण पिछले तीन साल से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मुकाबलों की मेजबानी करने वाले और 60 साल से दलाई लामा का निवास स्थान माने जाने वाले धर्मशाला की रौनक छिन गई है।

धर्मशाला में सुविधायुक्त सुंदर आवासीय परिसर और 100 करोड़ रुपये के लागत वाले स्टेडियम का निर्माण कराने वाले ठाकुर ने कहा, "भारत-पाकिस्तान के मैच पर संदेहयुक्त माहौल बनाने वाले केवल हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिह ही थे।"

इस स्टेडियम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान सबसे पहले 2005 में मिली थी, जब इसमें भारत के दौरे पर आई पाकिस्तानी क्रिकेट टीम और भारतीय बोर्ड अध्यक्ष की एकादश टीम के बीच अभ्यास मुकाबले का आयोजन हुआ।

समुद्र तल से 4,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित स्टेडियम भारत का पहला ऐसा स्टेडियम है, जहां पारा 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे होने के बाद भी इसकी घास हरी और खिली हुई रहती है।

राज्य में 2012 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने एचपीसीए के खिलाफ धोखाधड़ी और गबन का मामला दर्ज किया था।

इसके साथ ही आईटी ने धर्मशाला स्टेडियम के पास खिलाड़ियों के लिए एक आवासीय परिसर के निर्माण हेतु एचपीसीए पर भूमि के आवंटन में गलत कार्य का आरोप लगाया था।

राज्य को बाद में दो बार मुख्यमंत्री रह चुके भाजपा नेता और ठाकुर के पिता प्रेम कुमार धूमल के खिलाफ अपने कार्यकाल के दौरान एचपीसीए को भूमि आवंटित करने के आरोप में कार्यवाही करने की मंजूरी भी मिल गई।

एचपीसीए की कमान ठाकुर के पास 2000 से है और सर्तकता विभाग ने उनके तथा उनके छोटे भाई अरुण धूमल के खिलाफ कथित तौर पर राजस्व रिकॉर्ड बनाकर धर्मशाला के पास जमीन हथियाने का मामला दर्ज किया। यह मामला अब भी विभिन्न अदालतों में लंबित है।

एचपीसीए को अपने दायरे में लाने के लिए राज्य विधानसभा में पिछले साल अप्रैल में ध्वनिमत से विधेयक पारित किया। इसके कारण एचपीसीए सहित 42 खेल निकाय राज्य सरकार के नियंत्रण में आए।

सदन में मुख्यमंत्री वीरभद्र ने कहा कि एचपीसीए को स्टेडियम बनाने के लिए भूमि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा कौड़ियों के दाम आवंटित की गई।

सूद ने कहा कि एचपीसीए संघ ने अमतार, गुम्मा और उना के अलावा लुहनु मैदान का भी विकास किया है, जो तीन ओर से बिलासपुर में भाखड़ा बांध के पानी से घिरा हुआ है।

सूद ने कहा कि एचपीसीए ने महिला अंतर्राष्ट्रीय विकेटकीपर सुषमा वर्मा और पुरुष क्रिकेट टीम के लिए ऋषि धवन जैसे खिलाड़ी दिए हैं। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश से भारत की अंडर-19 टीम में अंकित काल्सी और अंकुश बैंस जैसे खिलाड़ी शामिल हैं।

ठाकुर के क्रिकेट जगत में सफर की शुरुआत 14 वर्ष की उम्र में ही हो गई थी, वह भी एक खिलाड़ी के तौर पर। उन्होंने भारत विजय मर्चेट ट्रॉफी जीतने वाली पंजाब अंडर-16 टीम का नेतृत्व किया था। इसके बाद उन्हें पंजाब की अंडर-19 टीम और नोर्थ जोन अंडर-19 टीम का कप्तान बनाया गया, जिसने ऑल इंडिया चैम्पियनशिप जीती।

ठाकुर को 25 वर्ष की उम्र में एचपीसीए का अध्यक्ष नियुक्त किया गया और वह इस पद पर आसीन होने वाले पहले युवा सदस्य बने। वह बीसीसीआई से सम्बंद्ध किसी राज्य क्रिकेट संघ के सबसे युवा अध्यक्ष रहे हैं।
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