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'इक्कीस तोपों की सलामी' आम आदमी की कहानी

'इक्कीस तोपों की सलामी' आम आदमी की कहानी नई दिल्ली: हर फिल्म को देखने के लिए कुछ कुछ खास कारण होता है। "इक्कीस तोपों की सलामी' ऐसी फिल्म है जिसमें रिश्ते, समाज, आम आदमी की समस्याएं और उनके निराकरण शामिल हैं। इस बार समीक्षकों से पहले खुद फिल्म की स्टारकास्ट बता रही है कि ये फिल्म क्यों देखनी चाहिए।

पिता की भूमिका निभा रहे अनुपम खेर कहते हैं कि ये आज के दौर से जोड़ती कहानी है। इसमें पिता-पुत्र के रिश्तों की जटिलता जरूर है लेकिन दोनों ही समय अनुसार अपने-अपने रास्ते पर सही हैं। केवल रिश्ते ही नहीं मधुर संगीत, पॉलिटिकल सटायर और कलाकारों की कमाल स्क्रीन प्रेजेंस इस फिल्म की यूएसपी है।
 
बेटे की भूमिका निभा रहे मनु ऋषि के लिए "इक्कीस तोपों...’ ऐसी लज्जतदार रेसिपी है जिसमें हास्य का जबरदस्त पुट है और दर्शकों को एंटरटेन करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई है।
 
दिव्येंदु शर्मा कहते हैं, "लंबे समय से कोई ऐसी फिल्म नहीं बनी जिसमें हमने पिता-पुत्र के रिश्तों का खिंचाव और उनके दिलों की नजदीकियां देखी हों। आम आदमी की जिंदगी और उसके हौसले को सलाम करने वाली इस फिल्म को पूरी फैमिली के साथ देखा जा सकता है।'
 
अदिति शर्मा कहती हैं, "ये कोई फॉर्मूला फिल्म नहीं है। ये हमारी ही जिंदगियों से जुड़ी कहानी है जिसमें कुछ बड़े सवालों के जवाब हासिल करने की बात है। फिल्म में मसाला एलिमेंट भी है और एक खास पंच जो आपको मजबूर कर देगा अपने परिवार और समाज के सही रखवालों को इक्कीस तोपों की सलामी देने के लिए।’
 
फिल्म का गाना "घूर घूर के' हिट हो चुका है और नेहा धूपिया के लुक्स पसंद किए जा रहे हैं। नेहा कहती हैं, "ये दिलों की बड़ी बातें कहने वाली छोटी फिल्म है। इमोशन, ड्रामा, थ्रिल के साथ आम आदमी की जिंदगी को सम्मानित करती कहानी है। पिता-पुत्र के बीच फिल्माई गयी नोक-झोंक और निश्चल प्रेम आपको प्रेरित करेगा, हर वो काम अपने पिता के लिए करने का जिसे आपने सोचा जरूर लेकिन कर नहीं पाए।

'जन्म से लेकर पढ़ाई-लिखाई और आगे बढ़ने तक में पिता का हर बच्चे की जिंदगी में खास योगदान होता है। अपने पिता को शुक्रिया नहीं कह पाए हैं या कहना चाहते हैं तो ये फिल्म जरूर देखें। आम आदमी की संघर्षों के आगे कभी झुकने की कहानी भी आपको अपनी ही लगेगी।'-रविन्द्र गौतम, निर्देशक
 
'मैं चाहता हूं कि मेरी फिल्म सब देखें। इसे बनाने का फैसला ही इसलिए लिया था ताकि हर दर्शक खुद को कनेक्ट कर सके। फिल्म की फाइनल कॉपी देखकर मुझे टीम के प्रयासों पर गर्व है। भरोसा है कि दिल के छोटे-छोटे भावों को छूने वाली ये फिल्म दर्शकों को पसंद आएगी।'
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