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चंद्रयान मिशन का तमिलनाडु से है खास कनेक्शन
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Aug 23, 2023, 16:03 pm IST
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![]() चंद्रयान-3 के 14 जुलाई को दोपहर 2.35 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरने के बाद वीरमुथुवेल रॉकेट पर नजर रखने के लिए वापस बेंगलुरु के इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (ISTRAC) चले गए. इसरो की 23 अगस्त को शाम 6.04 बजे चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की योजना है. प्रणोदन मॉड्यूल का एसएचएपीई पेलोड इस अभियान की एक और विशेषता है. इसरो के मुताबिक 'एसएचएपीई' यानी 'स्पेक्ट्रो-पोलरीमेट्री ऑफ हैबिटेबल प्लानेट अर्थ' चंद्रयान-3 पर मौजूद एक प्रायोगिक पेलोड है, जो निकट-अवरक्त तरंग दैर्ध्य रेंज (नियर-इंफ्रारेड वेवलेंथ रेंज) में पृथ्वी की स्पेक्ट्रो-पोलरीमेट्रिक विशेषताओं का अध्ययन करेगा. अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक एसएचएपीई चंद्रयान-3 मिशन के प्रणोदन मॉड्यूल में मौजूद एकमात्र वैज्ञानिक पेलोड है. SHAPE' को बेंगलुरु स्थित यू आर राव उपग्रह केंद्र के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है. इसका मुख्य लक्ष्य चंद्रमा की कक्षा के सुविधाजनक बिंदु से विभिन्न चरण कोणों पर पृथ्वी के एकीकृत स्पेक्ट्रम और ध्रुवीकरण पैमानों को चिह्नित करना है.इसरो के अनुसार एसएचएपीई पेलोड के जरिये जिन प्रमुख वैज्ञानिक गुत्थियों को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा, उनमें पृथ्वी जैसे एक्सो-प्लानेट का डिस्क-एकीकृत स्पेक्ट्रम क्या हो सकता है और पृथ्वी जैसे एक्सो-प्लानेट से डिस्क-एकीकृत ध्रुवीकरण जैसे रहस्य शामिल हैं. |
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