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वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए इस मंदिर का रहस्य
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jul 24, 2023, 17:39 pm IST
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![]() इस मंदिर को बने 1 हजार साल से अधिक का समय गुजर चुका है, लेकिन आज तक तक मंदिर अपनी जगह से डिगा तक नहीं है. जबकि, इस मंदिर की कोई नींव तक नहीं है. देखने में यह मंदिर पिरामिड के आकार का लगता है. इस मंदिर में लगे पत्थरों को आपस में जोड़ने के लिए किसी चूने या सीमेंट का सहारा नहीं लिया गया है, बल्कि, पत्थरों के खांचे काटकर उन्हें आपस में फंसाकर जोड़ा गया है. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर के गुंबद की कोई परछाई नहीं बनती है. मंदिर के गुंबद का वजन करीब 88 टन है, जिसे केवल एक ही पत्थर से बनाया गया है. गुंबद के ऊपर करीब 12 फुट का स्वर्ण कलश रखा हुआ है. हालांकि, इतने वजनी गुंबद के पत्थर को मंदिर के ऊपरी छोर पर कैसे ले जाया गया होगा, इसका आज तक पता नहीं चल पाया है. |
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