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ताइवान को कब्जाने के लिए ड्रैगन ने चली एक और चाल
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Oct 22, 2022, 14:27 pm IST
Keywords: China Taiwan Relation चीन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना कांग्रेस ताइवान चीन और ताइवान
![]() प्रस्ताव में कहा गया, ‘कांग्रेस ताइवान की आजादी की मांग करने वाले अलगाववादियों का कड़ा विरोध करने और उन्हें रोकने के लिए प्रयास करने को संविधान में शामिल करने के लिए सहमत है.’ इस फैसले से एक बार फिर साफ हो गया है कि चीन ताइवान पर अपना दावा छोड़ने वाला नहीं है. उसने इसे अपना अंग मानते हुए इसकी स्वतंत्रता का विरोध किया है. बता दें कि चीन और ताइवान के बीच पिछले 2 महीने काफी तनावपूर्ण स्थिति बनी रही. हमेशा युद्ध का खतरा मंडराता रहा. चीन ने जहां ताइवान को घेरकर आक्रमण की तैयारी की तो वहीं ताइवान ने भी अमेरिका के समर्थन से चीन को खूब जवाब दिया. अमेरिका ने भी ऐलान किया था कि अगर चीन ताइवान पर हमला करेगा तो वह उसके बचाव के लिए चीन से युद्ध करेगा. सम्मेलन के आखिरी दिन कई और बड़े फैसले लिए गए. इसमें राष्ट्रपति चिनफिंग का नाम तीसरे कार्यकाल के लिए पास करना भी था. इसके अलावा नवनिर्वाचित केंद्रीय समिति का भी गठन किया गया. इसमें करीब 370 वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया गया है. शीर्ष नेताओं की केंद्रीय समिति की बैठक रविवार को राजनीतिक ब्यूरो (पॉलिटिकल ब्यूरो) के चुनाव के लिए होगी. राजनीतिक ब्यूरो शक्तिशाली स्थायी समिति का चुनाव करेगी जिसमें सात सदस्य होते हैं. बाद में पार्टी प्रक्रिया के तहत स्थायी समिति पार्टी महासचिव का चुनाव करेगी. जिनफिंग 2012 से ही पार्टी के महासचिव हैं और उम्मीद की जा रही है कि नयी स्थायी समिति उनके तीसरे कार्यकाल के लिए प्रस्ताव पेश करेगी. जिनफिंग इस साल सीपीसी प्रमुख और राष्ट्रपति के तौर पर अपना 10 साल का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं. पार्टी संस्थापक माओत्से तुंग के बाद वह पहले चीनी नेता होंगे जो सत्ता में तीसरे कार्यकाल तक कायम रहेंगे. माओत्से तुंग ने लगभग तीन दशक तक शासन किया था. |
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