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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया संस्कार प्रज्ञा का अनावरण, एनसीडीसी की भूमिका महत्वपूर्ण
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Nov 24, 2020, 17:23 pm IST
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![]() दिल्ली: सहकार प्रज्ञा का अनावरण केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया. कृषि मंत्री ने एनसीडीसी को समर्पित एवं नवीनतम प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से प्राथमिक सहकारी समितियों में किसानों को सशक्त बनाने की सलाह दी है.
आपको बता दे कि सहकार प्रज्ञा एन.सी.डी.सी. (राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम), जो वर्ष 1963 में संसद के एक अधिनियम के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा गठित एक शीर्ष स्तरीय सांविधिक स्वायत्त संस्था हैं, को किसानों के लिए बनाई गई है चूंकि हमारा देश कृषि प्रधान देश हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कहा कि एनसीडीसी सहकार प्रज्ञा द्वारा प्रशिक्षण के लिए समर्पित लक्ष्मणराव इनामदार राष्ट्रीय सहकारिता अनुसंधान एवं विकास अकादमी(लिनाक), जो कि एनसीडीसी से संबद्ध एवं वित्त पोषित है, द्वारा देश भर में 18 (अठारह) क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्रों के फैले अपने विस्तृत नेटवर्क के माध्यम से एनसीडीसी की प्रशिक्षण क्षमता को 18 (अठारह) गुना तक बढ़ाने का संकल्प करती है। प्राथमिक सहकारी समितियों को तैयार करने के उद्देश्य से ज्ञान, कौशल एवं संगठनात्मक क्षमताओं को अंतरण करने हेतु सहकार प्रज्ञा में 45 (पैंतालीस) प्रशिक्षण मॉड्यूल सम्मिलित हैं जिससे माननीय प्रधानमंत्री के ‘आत्म निर्भर भारत’ संकल्पना में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा ।
साथ ही उन्होंने कहा कि लिनाक, वर्ष 1985 से अपनी यात्रा में, सहकारी समितियों के 30,000 से अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षित कर चुका है ।
वहीं एनसीडीसी के प्रबंध निदेशक, संदीप कुमार नायक ने कहा कि लिनाक ने एक वर्ष में सहकारी समितियों में लगभग 5000 किसानों को प्रशिक्षित करने की योजना बनाई है । प्रबंध निदेशल द्वारा आगे कहा गया कि सहकारी समितियों को बाजार की अर्थव्यवस्था के पेशेवर व्यावसायिक शर्तों से संबधित मामलों से निपटने हेतु पैंतालीस समर्पित प्रशिक्षण मॉड्यूल से लैस करेंगे ।
एक नज़र एनसीडीसी के बारें में-
एनसीडीसी का गठन सहकारी सिद्धांतों पर कृषि उत्पादों, खाद्य पदार्थों, औद्योगिक वस्तुओं, पशुधन, कुछ अन्य वस्तुओं के उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन, भंडारण, निर्यात एवं आयात तथा सेवाओं जैसे कि अस्पताल व स्वास्थ्य और शिक्षा आदि के लिए कार्यक्रमों की योजना बनाने और बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। यह तीनों स्तरों, प्राथमिक, जिला और शीर्ष / बहु-राज्यीय सहकारी समितियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है । एनसीडीसी कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन कार्यरत है ।
एनसीडीसी सहकारी ग्राहक को उत्पादों एवं सेवाओं की व्यापक वित्तीय महाशक्ति प्रदत करने के रूप में उभरा है। अब तक इसने देश भर की विभिन्न श्रेणियों की सहकारी समितियों के लिए 1.58 लाख करोड़ रुपये के अग्रिम ऋण दिए हैं । एन.सी.डी.सी एक आई.एस.ओ. 9001: 2015 प्रमाणित संगठन है ।
अपनी अखिल भारतीय मौजूदगी के साथ, एन.सी.डी.सी. कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों में बाजार से जुड़े सहकारी व्यापार योजना पारिस्थितिकी तंत्र(इकोसिस्टम) बनाने में सबसे आगे रहा है। माननीय प्रधान मंत्री के किसानों की आय दोगुनी करने के आदर्श विचारों के साथ काम करते हुए, स्टैंड अप इंडिया और स्किल्ड इंडिया के आदर्शात्मक विचारों के साथ काम करते हुए, एनसीडीसी ने फोकस- 222 जिलों में सहकारी समितियों को विकसित करने के लिए सहकार -22 सहित महत्वकांक्षी जिलों, प्राथमिक स्तर के सहकारी समितियों का पोषण, सहकार मित्र–स्कीम इंटर्नशिप कार्यक्रम, सहकारिताओं में युवा सहकार- स्टार्टअप स्कीम, आयुष्मान सहकार - स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे के निर्माण और सेवाएँ जैसे कई पहल और कार्यक्रमों को शुरू किया गया हैं ।
एन.सी.डी.सी वित्त पोषण और परियोजना आदर्श के साथ देश भर में सहकारी समितियों के लिए जाना जाता है, यह सहकारी क्षेत्र के लिए उन्नतशीत समाधान देने में सक्रिय रहा है। एनसीडीसी द्वारा पहलों की श्रृंखला में, केंद्रीय कृषि मंत्री ने पूर्व में सहकारी आंदोलन में युवाओं को शामिल करने के उद्देश्य से सहकार कॉपट्यूब एनसीडीसी चैनल लॉन्च किया था । नई सहकारी समितियों का गठन सहकारी आंदोलन के दायरे में नए जीवन तथा समर्पण लाने के लिए एक शर्त है । सहकार कॉपट्यूब पर 18 राज्यों की स्थानीय आवश्यकताओं को पूर्ण करने वाली विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध एनसीडीसी के मार्गदर्शन वीडियो 10,000 एफपीओ को बढ़ावा देने और गठन के लिए भारत सरकार की प्रमुख पहल को सुदृढ़ करते हैं ।
आज भारत में लगभग 290 मिलियन सदस्यों सहित 8.50 लाख से अधिक सहकारी समितियों का विशाल नेटवर्क है । भारत में 94% किसान कम से कम एक सहकारी समिति के सदस्य हैं । सहकारिता किसानों को कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में जोखिम को कम करने और बेईमान व्यापारियों द्वारा शोषण के विरुद्ध ढाल के रूप में काम करने की शक्ति देती है। आत्मनिर्भर भारत में सहकारिता की प्रमुख भूमिका है।
लिनाक ने पिछले कई महीनों के दौरान एनसीडीसी के कर्मचारियों द्वारा देश भर में 5500 से अधिक प्राथमिक सहकारी समितियों के साथ प्रत्यक्ष दौरा/ संपर्क के आधार पर 45 प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किए हैं। |
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