जम्मू-कश्मीर में CRPF के काफिले पर बड़ा आतंकी हमला 20 जवान शहीद

जनता जनार्दन संवाददाता , Feb 14, 2019, 17:08 pm IST
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जम्मू-कश्मीर में CRPF के काफिले पर बड़ा आतंकी हमला 20 जवान शहीद

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने एक बार फिर सुरक्षाबलों को निशाना बनाया है. पुलवामा में अवंतीपोरा के गोरीपोरा इलाके में सुरक्षाबलों के काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन ने हमला किया. इस दौरान आईईडी धमाका हुआ. इस धमाके में 20 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए और 18 जवान गंभीर रूप से घायल हैं. घाटी में काफी लंबे समय के बाद आतंकियों ने आईईडी धमाके के जरिए सुरक्षाबलों पर बड़े हमले को अंजाम दिया है.

घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसके साथ ही इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि काफिले में सीआरपीएफ की करीब दर्जनभर गाड़ियों में 2500 से अधिक जवान सवार थे. आतंकियों ने सुरक्षाबलों की दो गाड़ियों को निशाना बनाया है. उरी के बाद यह बड़ा आतंकी हमला है. उरी हमले में 19 जवान शहीद हुए थे.

 

जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने  CRPF के काफिले पर फिदायीन हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें एक दर्जन से अधिक जवानों के शहीद होने की खबर है और कई घायल हैं. जेईएम प्रवक्ता मुहम्मद हसन ने एक बयान में कहा कि हमले में सुरक्षाबलों के दर्जनों वाहन नष्ट कर दिए.

घाटी आधारित समाचार एजेंसियों को दिए एक टेली स्टेटमेंट में जैश ए मोहम्मद के प्रवक्ता ने बताया कि यह फिदायीन हमला था. इसको अंजाम देने वाला ड्राइवर पुलवामा के गुंडई बाग का रहने वाला है. इसका नाम आदिल अहमद उर्फ वकास कमांडो है.

सीआरपीएफ के सूत्रों का कहना है कि सड़क पर एक चार पहिया वाहन में IED लगाया गया था. कार हाईवे पर खड़ी थी. जैसे ही सुरक्षाबलों का काफिला कार के पास से गुजरा, उसमें ब्लास्ट हो गया. इस दौरान काफिले पर फायरिंग की भी खबर है. इस हमले में 12 सीआरपीएफ जवानों की मौत गई, जबकि 18 गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. सबसे अधिक संभावना है कि यह एक रिमोट कंट्रोल्ड व्हीकल आईईडी था.

काफिले में 2500 जवान थे शामिल

 

सीआरपीएफ के डीजी आरआर भटनागर ने कहा कि जम्मू से श्रीनगर काफिला जा रहा था. काफिले में करीब 2500 लोग थे. वहीं, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि अभी 10 जवानों के शहीद होने की खबर है.

घाटे के काले दिनों की याद दिलाता है हमला

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद ने फिदायीन हमले का दावा किया है. यह हमला 2004-05 के पहले के काले दिनों की याद दिलाते हैं.

अफजल गुरू की बरसी यानि 8 फरवरी को ख़ुफ़िया एजेंसियों ने बड़ा अलर्ट जारी किया था, जिसमें IED प्लांट का अलर्ट था. इस अलर्ट में कहा गया था कि जम्मू कश्मीर में आतंकी सुरक्षा बलों के डिप्लॉयमेन्ट और उनके आने जाने के रास्ते पर IED से हमला कर सकते हैं. सुरक्षा बलों को अलर्ट करते हुए ख़ुफ़िया एजेंसियों ने कहा था कि एरिया को बिना सेंसिटाइज किए उस एरिया में ड्यूटी पर न जाएं.

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