राहुल गांधी ने लंदन में प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा और आरएसएस को ऐसे क्या घेरा कि देश में बौखलाई भाजपा

राहुल गांधी ने लंदन में प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा और आरएसएस को ऐसे क्या घेरा कि देश में बौखलाई भाजपा लंदन: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लंदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा और आरएसएस पर जमकर हमला बोला. इससे देश में भाजपा बौखला गई है और उनपर चौतरफा हमला कर रही है. राहुल ने इस दौरान अपनी पार्टी द्वारा की गई गलतियां भी स्वीकार की. लंदन में उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया.

लंदन में अंतरराष्ट्रीय सामरिक अध्ययन संस्थान (आईआईएसएस) को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी डोकलाम के मुद्दे को समग्र रूप में नहीं देखते. उन्होंने कहा, ‘वह डोकलाम को एक कार्यक्रम (इवेंट) की तरह देखते हैं.’ लंदन स्थित थिंक टैंक में राहुल ने कहा, ‘डोकलाम कोई अलग मुद्दा नहीं है. यह एक घटनाक्रम का हिस्सा था, यह एक प्रक्रिया थी.’

उन्होंने दावा किया कि ‘सच्चाई यह है कि चीनी आज भी डोकलाम में मौजूद हैं.’ विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने पिछले महीने राज्यसभा को बताया था कि डोकलाम में चीन के साथ टकराव की जगह और इसके आसपास कोई नई घटना नहीं हुई है और इलाके में यथास्थिति बनी हुई है.

डोकलाम में भारत और चीन के बीच गतिरोध पिछले साल 16 जून को तब आरंभ हुआ था जब भारतीय पक्ष ने इलाके में चीनी सेना की ओर से किए जा रहे सड़क निर्माण कार्य को रोक दिया था. यह गतिरोध 73 दिन बाद 28 अगस्त को खत्म हुआ था.

आईआईएसएस को संबोधित करते हुए राहुल ने भारत-पाकिस्तान संबंधों के बारे में भी बात की. राहुल ने कहा, ‘पाकिस्तान से बातचीत करना काफी मुश्किल है, क्योंकि वहां कोई एक संस्था सर्वोच्च नहीं है’

पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों की ओर से भारतीय सैन्य ठिकानों पर किए गए हमलों के बाद दोनों देशों के रिश्तों में बेहद तल्खी आ गई है. भारत ने साफ कर दिया था कि वह पाकिस्तान से वार्ता नहीं करेगा, क्योंकि आतंकवाद और बातचीत दोनों साथ-साथ नहीं चल सकते.

राहुल ने कहा, ‘जब पाकिस्तान की बात आती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास कोई सोच-समझकर तैयार की गई नीति नहीं है.’ उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान से बातचीत करना बहुत मुश्किल है.

साल 1947 में पाकिस्तान की आजादी के बाद से करीब आधे समय तक इसकी ताकतवर सेना ने ही वहां की सत्ता संभाली है. राहुल ने कहा, ‘पाकिस्तान से बातचीत करना काफी मुश्किल है, क्योंकि वहां कोई एक संस्था सर्वोच्च नहीं है.’

संभवत: इमरान खान की अगुवाई वाली पाकिस्तान की नई सरकार की तरफ इशारा करते हुए राहुल ने कहा, ‘तो हमें तब तक इंतजार करना चाहिए जब तक वे एकजुट ढांचा नहीं बना लेते.’

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का हाल के दिनों में जिस तरह से हिंदू मंदिरों में आना-जाना बढ़ा है, उसी तरह से उनका लगातार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना भी बढ़ा है. गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बढ़त मिली, जबकि सत्ता विरोधी लहर को धता बताते हुए कर्नाटक में वह गठबंधन सरकार बनाने में सफल रही. इन दोनों राज्यों में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मंदिर जाते रहे जिसका फायदा उन्हें मिलते हुए भी दिखा.

धार्मिक स्थलों पर जाना और हिंदुत्ववादी संगठन आरएसएस को नियमित तौर पर निशाना बनाकर राहुल गांधी सनातन धर्म और कट्टर हिंदुत्व का अंतर रेखांकित कर देना चाहते हैं. इसी रणनीति के तहत वह संघ को निशाना बना रहे हैं. राहुल ने लंदन में अपने वक्तव्य में और इससे पहले भी कई बार कहा है कि संघ की विचारधारा भारत के विचार यानी 'आइडिया ऑफ इंडिया' को विखंडित करने वाली है जबकि भारतीय समाज अपने ढांचे में बहुलतावादी है.

एंटनी समिति की रिपोर्ट आने के बाद से कांग्रेस का झुकाव सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर देखा जा सकता है. इसके अलावा 2014 के लोकसभा चुनावों में और उसके बाद हुए कई विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जीत के बाद से ही कांग्रेस की कोशिश है कि सॉफ्ट हिंदुत्व वाले वोटर को आरएसएस और बीजेपी से अलग कर अपनी ओर मिला लिया जाए.

राहुल गांधी ने लंदन में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आफ स्ट्रेटजिक स्टडीज (आईआईएसएस) के एक कार्यक्रम में यह बात कहने की कोशिश की. उन्होंने शुक्रवार को आरएसएस की तुलना सुन्नी इस्लामी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से की. उन्होंने कहा कि आरएसएस भारत के हर संस्थान पर कब्जा करना चाहता है और देश के स्वरूप को ही बदलना चाहता है.

बताते चलें कि मुस्लिम ब्रदरहुड मिस्र का सबसे पुराना और सबसे बड़ा इस्लामी संगठन है जिसकी स्थापना 1928 में हसन अल-बन्ना ने की थी. मुस्लिम ब्रदरहुड का एक मुख्य मकसद है कि देश का शासन इस्लामी कानून यानी शरिया के आधार पर चलाना है. अरब देशों में सक्रिय इस संगठन पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का भी आरोप लगता रहा है. मिस्र में इस संगठन फिलहाल अवैध करार दिया जा चुका है.

राहुल गांधी लगातार यह संदेश देना चाह रहे हैं कि आरएसएस देश को अपने अधिनायकवादी विचारों से संचालित करना चाहता है. इसलिए उन्होंने लंदन में कहा, "हम एक संगठन से संघर्ष कर रहे हैं जिसका नाम आरएसएस है जो भारत के मूल स्वरूप (नेचर ऑफ इंडिया) को बदलना चाहता है. भारत में ऐसा कोई दूसरा संगठन नहीं है जो देश के संस्थानों पर कब्जा जमाना चाहता हो."

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "हम जिससे जूझ रहे हैं वह एकदम नया विचार है. यह ऐसा विचार है जो अरब जगत में मुस्लिम ब्रदरहुड के रूप में पाया जाता है, और यह विचार यह है कि एक खास विचार को हर संस्थान को संचालित करना चाहिए, एक विचार को बाकी सभी विचारों को कुचल देना चाहिए."

राहुल ने कुछ उदाहरण देते हुए कहा, "आप सर्वोच्च न्यायालय के चार न्यायाधीशों की प्रतिक्रिया देखिए जो सामने आकर कहते हैं कि उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा है. आप रघुराम राजन (पूर्व रिजर्व बैंक गवर्नर) और नोटबंदी के झटके को देखिए. आप देख सकते हैं कि भारत के संस्थानों को कैसे एक-एक कर तोड़ा जा रहा है. इस सबका जवाब दिया जाना चाहिए, एक ऐसा जवाब जिसमें वे सब शामिल हों जो भारत ने जो कुछ हासिल किया है, उसका मूल्य समझते हों."

राहुल ने कहा कि नोटबंदी का फैसला हर एक संस्थान की अवहेलना कर लिया गया. कुछ हफ्ते लगे अर्थशास्त्रियों को यह समझने में कि क्या हुआ है. रिजर्व बैंक से बात नहीं की गई, वित्त मंत्री इसके बारे में नहीं जानते थे. इसका विचार सीधे आरएसएस से आया था.

राहुल गांधी सांकेतिक तौर पर यह बता रहे हैं कि मुस्लिम ब्रदरहुड की तर्ज पर ही आरएसएस देश को मनुस्मृति जरिये चलाना चाहता है जहां, महिलाओं को दोयम दर्जे का माना जाएगा. मुस्लिम ब्रदरहुड शरिया के शासन पर जोर देता है. बर्लिन में राहुल गांधी ने कहा था कि भाजपा और कांग्रेस में विचारधारा का अंतर है, आरएसएस में कभी आपको कोई महिला नहीं दिखेगी. वे लोग महिलाओं के साथ भेदभाव करते हैं, लेकिन कांग्रेस में ये आपको नहीं दिखेगा.

नोटबंदी की आलोचना करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘नोटबंदी का विचार सीधा आरएसएस से आया, वित्त मंत्री और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की अनदेखी की गई और प्रधानमंत्री के दिमाग में बात डाली गई.’

गौरतलब है कि आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी का ऐलान किया गया था, जिसके तहत 500 और 1000 के पुराने नोटों पर पाबंदी लगा दी गई थी. नोटबंदी का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि इससे काला धन, अवैध गतिविधियों एवं आतंकवाद पर लगाम लगेगी.

राहुल ने कहा कि भारत की आर्थिक ताकत लाखों सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम में निहित है, क्योंकि वे नौकरियां पैदा करते हैं. उन्होंने कहा, ‘जब कोई समूचे संस्थागत ढांचे की अनदेखी करता है और देश में नोटबंदी का फैसला करता है तो उससे भारत की ताकत बढ़ती नहीं है.’

आईआईएसएस में एक सवाल के जवाब में गांधी ने कहा, ‘आपको सुनना होगा-नेतृत्व का आशय सीखना है.’ गांधी से जब पूछा गया कि उनकी पार्टी ने 2014 में मिली चुनावी शिकस्त से क्या सीखा, तो उन्होंने कहा, ‘10 साल तक सत्ता में रहने के बाद कांग्रेस में कुछ हद तक दंभ आ गया था और हमनें सबक सीखा.’

राहुल ने कहा कि भारत नौकरियां देकर ही अपना कद बढ़ा सकता है और भारत में ‘नौकरियों का संकट’ है. उन्होंने कहा कि चीन जहां प्रत्येक 24 घंटे में 50,000 नौकरियों का सृजन करता है वहीं भारत इस अवधि में महज 450 नौकरियां सृजित कर पाता है.

उन्होंने कहा, ‘भारत अपना प्रभाव कैसे बढ़ा सकता है जब आप मूल तत्वों की अनदेखी करते हैं. आप अपने कृषि क्षेत्र का समर्थन नहीं करते.’ गांधी ने कहा, ‘अगर आप भारत की सफलता को देखेंगे तो इसे तब हासिल किया गया जब यहां विकेंद्रीकरण था. भारत के सर्वश्रेष्ठ और सबसे सफल शासकों ने सत्ता का विकेंद्रीकरण किया.’

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि 21वीं सदी को महात्मा गांधी के करूणा और अहिंसा के संदेश से परिभाषित किया जाना चाहिए.

ब्रिटिश संसद के ग्रैंड कमिटी रूम में बोलने के लिए आमंत्रित किए गए विपक्षी दल के पहले विदेशी नेता राहुल ने कहा कि भारत और ब्रिटेन एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं क्योंकि वे वैचारिक आधार पर लोगों से मुकाबला करते हैं.

हाउस ऑफ कॉमंस के ग्रैंड कमिटी रूम में बोल चुकी अन्य प्रमुख हस्तियों में तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला और पूर्ववर्ती सोवियत संघ के पूर्व राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव शामिल हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष ने सभा में श्रोताओं के तौर पर शामिल सांसदों और स्थानीय नेताओं से कहा, ‘भारत और ब्रिटेन को जो बात जोड़ती है वह है कि हमारे यहां लोग वैचारिक लड़ाई लड़ते हैं… 21वीं सदी में सबसे बड़ा विचार करूणा और अहिंसा है जो मेरे नायक महात्मा गांधी के दिखाए रास्ते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘भले ही अंग्रेजों ने हम पर शासन किया. वे कई विचार पीछे छोड़ कर गए जिनमें से कुछ को मजबूती दी गई.’ उन्होंने भारतीय मूल के नेताओं की प्रशंसा की जो ब्रिटेन के राजनीतिक प्रतिष्ठान का हिस्सा हैं.

उन्होंने कहा, ‘ये वैसे ही कमरे हैं जहां से अंग्रेजों ने भारत पर शासन किया…और आज काफी संख्या में भारतीय ब्रिटेन को चलाने में मदद कर रहे हैं. दुनिया कहां से कहां पहुंच गई है.’ ‘भारत और विश्व’ नामक कार्यक्रम में विपक्षी लेबर पार्टी के वरिष्ठ नेता कीथ वाज, वीरेंद्र शर्मा और सीमा मल्होत्रा भी शामिल थीं.

हाउस ऑफ कॉमंस परिसर में ‘भारत एवं विश्व’ नाम के एक परिचर्चा कार्यक्रम के दौरान राहुल ने देश की पिछड़ी जातियों और अल्पसंख्यकों को अलग-थलग रखने की राजनीति के जरिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) जैसी ताकतों की कट्टर और नफरत से भरी विचारधारा को भारत पर थोपने की कोशिश के खिलाफ चेताया.

राहुल ने कहा, ‘हम 2019 में चुनाव जीतने जा रहे हैं और हम ऐसे भारत में वापसी कर सकते हैं जहां लोगों का सम्मान किया जाता था और पूरे देश को एकजुट रखा जाता था.’ उन्होंने कहा कि भारत में बांटने वाली ताकतों से मुकाबले के लिए कांग्रेस पार्टी एक ‘ताकतवर गठबंधन’ बना रहा है.

राहुल ने कहा कि कांग्रेस ‘कमजोरों के संरक्षण’ के लिए समर्पित पार्टी है. उन्होंने ‘सत्तासीन ताकतों’ पर हमला बोलते हुए कहा कि वह विमर्श और अपने विचारों से इत्तेफाक नहीं रखने वालों को दबा रही है.

ब्रिटेन के सांसदों और स्थानीय नेताओं को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि युवा नेताओं को साथ लाकर और महिला नेताओं को ज्यादा जगह देकर पार्टी खुद को बदलने को लेकर प्रतिबद्ध है.

साल 1984 के सिख विरोधी दंगों में कांग्रेस पार्टी की ‘संलिप्तता’ के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में राहुल ने उस घटना को ‘त्रासदी’ और ‘दर्दनाक अनुभव’ करार दिया, लेकिन इस बात से सहमत नहीं हुए कि कांग्रेस इसमें ‘शामिल’ थी.

उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि किसी के खिलाफ की गई कोई भी हिंसा गलत है. भारत में कानूनी प्रक्रियाएं चल रही हैं, लेकिन जहां तक मेरी राय है, उस दौरान हुई किसी भी गलती के लिए सजा मिलनी चाहिए…मैं इसमें 100 फीसदी समर्थन दूंगा.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ब्रिटेन में कई अरब डॉलर वाले राफेल समझौते का मुद्दा भी उठाया और भाजपा सरकार पर कर्ज में फंसे एक उद्योगपति को लाभ पहुंचाने के लिए करार में बदलाव करने का आरोप लगाया.

लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) में नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एल्युमनाई यूनियन (ब्रिटेन) के साथ बातचीत में गांधी ने राफेल समझौते में कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक कारोबारी का पक्ष लेने का आरोप लगाया जिसके पास विमान उत्पादन में कोई अनुभव नहीं था.

गांधी इस समझौते को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोलते रहे हैं और उसपर यूपीए के पूर्व शासन में तय हुए समझौते से ज्यादा कीमत पर करार का आरोप लगाते रहे हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अगर भाजपा संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित कराना चाहेगी तो कांग्रेस खुशी-खुशी उनका साथ देगी. लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में एक परिचर्चा में 48 वर्षीय राहुल ने कहा कि उन्होंने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संदेश भेजा है.

राहुल ने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री को संदेश भेजा है, जिस दिन वह महिला आरक्षण विधेयक पारित कराना चाहते हैं, पूरी कांग्रेस पार्टी भाजपा के साथ खुशी से सहयोग करेगी.’ राज्यसभा ने मार्च 2010 में महिला आरक्षण विधेयक पारित कर दिया था लेकिन लोकसभा में यह अटक गया. कांग्रेस अध्यक्ष ने इस मौके पर यह भी कहा कि पिछले कुछ दशकों में संसद में बहस का स्तर गिर गया है.

उन्होंने कहा, ‘इसी संसद में 50 और 60 के दशक में चर्चा का स्तर ऊंचा था, लेकिन आज बहस का स्तर आप देखेंगे तो गुणवत्ता कम हो गयी है. ऐसा इसलिए है क्योंकि सांसदों को कानून बनाने का अधिकार नहीं है.’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पिछले कुछ सालों में अल्पसंख्यकों ने प्रगति की है. उन्होंने कहा, ‘अगर आप पिछले 70 साल में भारत के इतिहास को देखेंगे तो आप समझेंगे कि बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक आगे बढ़ने में सफल रहे हैं.’

राहुल ने राफेल सौदे में भ्रष्टाचार के आरोप दोहराते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक कारोबारी का पक्ष लेने का आरोप लगाया जिसके पास विमान उत्पादन में कोई अनुभव नहीं था.

राहुल गांधी के इस हमले का अपेक्षित असर भी हुआ है, उनके इस वार पर भाजपा और आरएसएस दोनों की ओर से पलटवार किया जा रहा है. भाजपा ने कहा है कि राहुल अपने बयानों से विदेश में भारत की छवि खराब कर रहे हैं. आरएसएस ने राहुल के आरोपों के बाद कहा है कि धर्म का अर्थ हर किसी को जोड़ने का होता है न कि बांटने का, यह समाज को उठाने का काम करता है. धर्म का मतलब भाईचारा है.

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (जिनका हाल में निधन हुआ) जैसे लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक की पृष्ठभूमि के हैं और गांधी द्वारा लंदन में एक कार्यक्रम में संगठन की तुलना एक इस्लामी संगठन से किया जाना ‘अक्षम्य’ है.

उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी क्या आपने हिंदुस्तान की सुपारी ली हुई है, क्या आपने भारतवर्ष की सभ्यता और संस्कृति तथा लोकतांतत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार की सुपारी ली हुई है जो विदेश जाकर अपने ही देश को बदनाम करने पर तुले हो.’

पात्रा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को इसके लिए तत्काल माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि गांधी यह कैसे कह सकते हैं कि हिंदुस्तान की सोच, लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार की सोच आतंकी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड की सोच है? क्या वह कहना चाहते हैं कि हिंदुस्तान ने एक आतंकी संगठन को समर्थन दिया है और देश की जनता की सोच एक आतंकी संगठन की सोच है.

उन्होंने कहा कि गांधी को भारत की अभिकल्पना से धोखा करना बंद करना चाहिए. पात्रा ने कहा कि भारतीय होने पर गर्व करने की जगह राहुल गांधी देश को अपमानित और नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि गांधी के पास न नेतृत्व क्षमता के गुण हैं, न उन्हें भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की समझ है और न ही हिन्दुस्तान की जनता के प्रति सेवा का कोई भाव है.

भाजपा नेता ने कहा कि गांधी के पास केवल एक ही योग्यता है कि वह मोदी, भाजपा और आरएसएस के प्रति नफरत का भाव रखते हैं और उनकी गैर जिम्मेदार तथा अपरिपक्व टिप्पणियां इसी का परिणाम हैं.

उन्होंने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता द्वारा दिखाई गई ‘हताशा’ठीक उसी तरह की है जैसी कि 2014 के आम चुनाव से पहले उनकी पार्टी ने 2013 में दिखाई थी और आरएसएस पर आतंकी शिविर चलाने का आरोप लगाया था तथा हिंदू आतंकवाद का झूठा राग अलापा था.

पात्रा ने कहा, ‘आप (गांधी) लोकतंत्र के प्रति इतनी नफरत क्यों रखते हो…आप हिंदुओं से नफरत क्यों करते हो?’

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने जो कहा है, वह पाकिस्तान के अखबारों की सुर्खियों में होगा. भाजपा नेता ने कहा कि राहुल गांधी, नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में सहन नहीं कर सकते क्योंकि मोदी गरीब पृष्ठभूमि और पिछड़े समुदाय से हैं.

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने लंदन में रह रहे और भारत में वांछित विजय माल्या के वकीलों को बचाव का एक मौका दे दिया है. पात्रा ने सवाल किया, ‘क्या राहुल गांधी को विजय माल्या जैसे गुनाहगारों के बचाव के लिए कमीशन मिला है?’

कुल मिलाकर राहुल गांधी जिस लीक पर चल रहे हैं, उससे भाजपा की हिंदुत्व की तो कलई खुलेगी ही, उसका भ्रष्टाचार और गलतबयानी भी उजागर हो सकता है, जिसका असर चुनाव में दिख सकता है. यही वजह है कि भाजपा दोगुनी ताकत से जवाब देने में जुट गई है.
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