आरक्षण के खिलाफ आज भारत बंदः कहीं कर्फ्यू, तो कहीं इंटरनेट बंद, पूरे देश में सुरक्षा के कड़े इंतजाम

आरक्षण के खिलाफ आज भारत बंदः कहीं कर्फ्यू, तो कहीं इंटरनेट बंद, पूरे देश में सुरक्षा के कड़े इंतजाम नई दिल्ली: कुछ समूहों द्वारा नौकरियों और शिक्षा में जाति आधारित आरक्षण के खिलाफ मंगलवार को किए गए भारत बंद का मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है. बिहार के आरा में प्रदर्शनकारियों द्वारा ट्रेन रोकने की खबर है. मध्यप्रदेश के भिंड में सोमवार शाम 6 बजे से ही कर्फ्यू लगा दिया गया है.

एहतियातन ग्वालियर जिले के पांच थाना क्षेत्रों में भी कर्फ्यू लगाया गया है. वहीं भोपाल समेत एमपी के कई जिलों में धारा 144 लगी हुई है. यूपी के चार जिलों में भी सुरक्षा को देखते हुए इंटरनेट सेवा बंद कर धारा 144 लगा दी गई है. राजस्थान के जयपुर में भी 24 घंटे के लिए इंटरनेट सर्विसेज बंद कर दी गई हैं.

वहीं दूसरी तरफ, केंद्र ने सभी राज्यों को सुरक्षा व्यवस्था नियंत्रण में रखने का आदेश दिया है. गृह मंत्रालय ने कहा कि अपने इलाके में होने वाली किसी भी हिंसा के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे.

करीब एक हफ्ते पहले हुए ऐसे ही प्रदर्शन के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसा में एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने सभी राज्यों को एक एडवाइजरी जारी की है कि कुछ समूहों द्वारा सोशल मीडिया पर 10 अप्रैल को बुलाए गए भारत बंद के मद्देनजर ज़रूरी कदम उठाए जाएं.

बीते 2 अप्रैल को दलित संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के दौरान भड़की हिंसा के खिलाफ आज (मंगलवार को) देशभर में कई संगठनों ने फिर से भारत बंद का आह्वान किया है.

बिहार के दरभंगा जिले से आ रही ट्रेन बिहार संपर्क क्रांति को छात्रों ने रोका, आरक्षण के लिए छात्र नारेबाजी कर रहे हैं. बिहार के आरा जिले के आनन्दनगर मुहल्ले में बंद समर्थक और बंद विरोधी समर्थकों के बीच हिंसक झड़प, किसी के हताहत होने की खबर नहीं

भारत बंद के दौरान कोई हिंसक घटनाएं न हों, इसके लिए केंद्र और राज्‍य सरकारों ने पुख्‍ता तैयारियां की हैं और भारी संख्‍या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. देश के कई राज्‍यों में संवेदनशील जगहों पर धारा 144 लागू की गई है. खासकर उस जगहों पर सख्‍ती बरती जा रही है, जहां पिछले 2 अप्रैल को हिंसा हुई थी. कई जगह इंटरनेट सेवाएं स्थगित की गई हैं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम करने को कहा है. गृह मंत्रालय ने राज्यों को भारत बंद के संबंध में परामर्श जारी करते हुए कहा है कि अगर किसी इलाके में हिंसा हुई, तो इसके लिए वहां के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे. यानि हिंसा होने के लिहाज से उन पर गाज गिरनी तय है. मंत्रालय ने एडवाइजरी में यह भी कहा है कि कुछ समूहों द्वारा सोशल मीडिया पर 10 अप्रैल को बुलाए गए भारत बंद के मद्देनजर जरूरी एहतियाती कदम उठाए जाएं.

भारत बंद के आह्वान को देखते हुए राजस्थान में सुरक्षा के कडे़ बंदोबस्त किए गए हैं. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एनआर के रेड्डी ने बताया कि बंद के आह्वान को देखते हुए जयपुर शहर में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है.

उन्‍होंने कहा कि मंगलवार रात से अगले 24 घंटों के लिए जयपुर में इंटरनेट सेवाओं को बंद किया गया है. उन्‍होंने कहा कि मंगलवार को ना तो कोई रैली नहीं निकाली जा सकेगी, ना ही लोग एकत्रित हो सकेंगे. रेंज के पुलिस महानिरीक्षकों, जिला कलेक्टर्स, पुलिस आयुक्तों को ऐसे तत्वों के साथ तुरंत सख्ती से निपटने के साफ निर्देश दिए गए हैं.

उधर, मध्यप्रदेश के अनेक हिस्सों में एहतियात के तौर पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्‍त किए गए हैं. पिछली बार दलित संगठनों द्वारा बुलाए गए दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान हिंसा भड़कने से प्रदेश के ग्वालियर और चंबल संभाग में 8 लोगों की मौत हो गई थी. भोपाल के पुलिस उपमहानिरीक्षक धमेन्द्र चौधरी ने कहा कि मंगलवार के बंद को देखते हुए पुलिस सोशल मीडिया के संदेशों पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा, 'सोशल मीडिया पर नफरत भरे संदेशों को फैलाने वाले लोगों की खिलाफ IPC की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी.' भोपाल में एहतियात के तौर पर धारा 144 लागू की गई है, लेकिन स्कूल, सरकारी कार्यालय और बैंक सामान्य दिनों की तरह काम करते रहेंगे. बंद को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था सख्त रहेगी. हालांकि यहां भी कोई संगठन बंद के समर्थन में आगे नहीं आया है.

चंबल पुलिस रेंज के उपमहानिरीक्षक सुधीर लाड ने बताया कि किसी भी अनहोनी घटना को रोकने के लिए भिण्ड में सोमवार रात 9 बजे से मंगलवार शाम 6 बजे तक कर्फ्यू लगाया गया है. चंबल संभाग में अफवाहों पर नियंत्रण के लिये इंटरनेट सेवाएं बाधित की गई हैं. वहीं, भिण्ड के कलेक्टर इलेया राजा टी ने कहा कि हिंसा की किसी भी हरकत से निपटने के लिए वर्तमान में आरएएफ और एसएएफ की छह कंपनियां यहां तैनात हैं तथा जरूरत पड़ने पर और कंपनियों को बुलाया जा सकता है. दो अप्रैल को बंद के दौरान भड़की हिंसा में भिण्ड जिले में चार लोगों की मौत हो गई थी. सागर जिले में धारा 144 लागू की गई है. वहां भी दो अप्रैल को विरोध प्रदर्शन हुए थे.

मुरैना के कलेक्टर भास्कर लाछाकार ने बताया कि मंगलवार को बंद के मद्देनजर से शहर में दो अप्रैल से लगाए कर्फ्यू के बाद पिछले तीन दिन से सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक दी जा रही कर्फ्यू में ढील मंगलवार को नहीं दी जाएगी और दिन और रात में कर्फ्यू लागू रहेगा. जिले में इंटरनेट सेवाएं बाधित रहेंगी तथा सेना को अलर्ट पर रखा गया है और जरूरत पड़ने पर उसे बुलाया जा सकता है.

भारत बंद से जुड़ी खास बातें

  1.     देश के गृह मंत्रालय ने राज्यों को सुरक्षा-व्यवस्था मजबूत करने और जरूरत पड़ने पर निषेधाज्ञा जारी करने सहित किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए उचित व्यवस्था करने की सलाह दी गई है.
  2.     गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी तरह के जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए राज्यों को सभी संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.
  3.     भोपाल के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) धमेन्द्र चौधरी ने कहा कि मंगलवार के बंद को देखते हुए पुलिस सोशल मीडिया के संदेशों पर विशेष ध्यान दे रही है. उन्होंने कहा, ‘‘सोशल मीडिया पर नफरत भरे संदेशों को फैलाने वाले लोगों की खिलाफ भादवि की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जायेगी.’’ भोपाल के संभाग आयुक्त अजातशत्रु ने संवाददाताओं से कहा कि मंगलवार को भोपाल में एहतियात के तौर पर धारा 144 लागू की गयी है। लेकिन स्कूल, सरकारी कार्यालय और बैंक सामान्य दिनों की तरह काम करते रहेंगे. बंद को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था सख्त रहेगी. हालांकि यहां भी कोई संगठन बंद के समर्थन में आगे नहीं आया है.
  4.     जयपुर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एन आर के रेड्डी ने बताया कि बंद के आह्वान को देखते हुए जयपुर शहर में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है. उन्होंने बताया कि आज रात से अगले 24 घंटों के लिये जयपुर में इंटरनेट सेवाओं को बंद किया गया है. उन्होंने बताया कि किसी ने भी इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है, इसलिये यह संभव है कि कोई भी असामाजिक तत्व शांति भंग कर सकता है, ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी चाहे वह किसी भी जाति, संगठन, या किसी भी समाज से संबंध रखता हो.
  5.     इस बीच, केरल में 30 दलित संगठनों द्वारा बंद का आह्वान किए जाने के बाद सोमवार को राज्य में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ.
  6.     यह बंद अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अधिनियम को कमजोर करने के खिलाफ आहूत किया गया है.
  7.     ट्रेड यूनियनों द्वारा देशभर में बुलाए गए बंद के चलते दो अप्रैल को भी राज्य में ऐसे ही बंद का असर देखने को मिला था.
  8.     सरकारी स्वामित्व वाले सड़क परिवहन निगम, निजी बस संचालकों और व्यापार निकाय ने इससे पहले ऐलान किया था कि परिवहन और कामकाज सामान्य रहेगा, लेकिन कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने बसों की आवाजाही रोकने के लिए सड़कें अवरुद्ध कर दी.
  9.     दुकानों, खासकर कन्नूर जिले की दुकानों को बंद रखने के लिए कहा गया. कोल्लम में सरकारी बसों पर पत्थर फेंके गए. विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया है.
  10.     सर्वोच्च न्यायालय ने तीन अप्रैल को अपने फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, जिसके बारे में कार्यकताओं का कहना है कि यह दलित और अनुसूचित जनजाति को संरक्षण प्रदान करने वाले कानून को कमजोर करता है.
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