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सकलडीहा विधानसभा, चंदौली जिले की खास सीट
अमिय पाण्डेय ,
Mar 07, 2017, 16:35 pm IST
Keywords: Poll analysis Sakaldiha Assembly constituency UP Assembly election UP Assembly election 2017
![]() चुनावी मुद्दों की बात की जाय तो बिजली पानी सड़क और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों के आलावा निम्न मुद्दे चुनाव में खास तौर पर देखे जा जा रहे है सकलडीहा में सिचाई के लगभग दो दशक पूर्व लगाये गए सभी संसाधन अब ध्वस्त हो चुके हैं. बीते तीस वर्षो में कोई भी ऐसा बांध या पम्प कैनाल नहीं बना जो यहाँ के किसानो के खेतो कि प्यास बुझा सके किसान खेती के सीजन में नहरों से खेत के आखिरी छोर तक पानी पहुचाये जाने कि मांग को लेकर बराबर आन्दोलन भी करते रहते है यहाँ नहरों का जाल तो है लेकिन वो भी ठीक ढंग से देख रेख न होने के कारण पूरी तरह से जर्जर हो चुके है किसानो कि ये समस्या इस बार यहाँ मुख्य चुनावी मुद्दा हो सकती है. कानून व्यवस्था भी इस क्षेत्र में बड़ा चुनावी मुद्दा रहता है. लूट, हत्या के ज्यादातर मामले इस इलाके में देखने को मिलते हैं. युवाओं की अच्छी खासी संख्या इस विधान सभा क्षेत्र में है. उच्च शिक्षा के साथ साथ रोजगारपरक शिक्षा संस्थानों की कमी भी मुख्य चुनावी मुद्दा है. राजनीतिक समीकरण- सकलडीहा विधानसभा में यादव दलित वोट की भूमिका अहम् होने वाली है. जहाँ एक तरफ पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे सपा के प्रभुनारायण की मुश्किलें सुशील सिंह के विधानसभा बदल देने से आसान लगने लगी है वही इस बार दलित मुस्लिम गठजोड़ की राजनीति कर रही बसपा भी कांटे की टक्कर देने का दम्भ भर रही है. इन सब के बीच भाजपा ने राजनीति में नए खिलाड़ी को दिग्गजों के सामने खड़ा करके टिकट की खानापूर्ति तो कर दीं, लेकिन देखने वाली बात यह होगी की बड़े खिलाड़ियों के आगे भाजपा के उम्मीदवार अपनी स्वच्छ छवि के दम पर कितना संघर्ष कर पाते हैं। जो मैदान में हैं- 1-प्रभुनरायण सिंह यादव, सपा 381 विधानसभा सकलडीहा से सपा ने प्रभुनरायण सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया है. 1996 से विधानसभा का चुनाव लगातार समाजवादी पार्टी से लड़ रहे हैं प्रभू नरायण दो बार विधायक रहे हैं और 2012 में वर्तमान विधायक सुशील सिंह से लगभग 5000 मतों से चुनाव हारे थे. एक बार फिर सपा ने इन पर विश्वास जताया है. प्रभुनरायन यादव सकलडीहा डिग्री कॉलेज से ग्रेजुएट हैं. राजनीतिक इतिहास. 1989 में पहली बार प्रभुनरायण सिंह प्रधान रहे. उसी बीच जिला पंचायत सदस्य चुन लिए गए. दोबारा 1996 में जिला पंचायत सदस्य. पहली बार 1996 में धानापुर विधानसभा से समाजवादी पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़े थे, जिसमें जीत हासिल की थी. इसके बाद दोबारा 2002 में धानापुर विधानसभा चुनाव लड़े थे, जिसमें पुनः जीत हासिल किया था. इस बार भी समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है आपराधिक इतिहास- प्रभुनरायन यादव की छवि एक प्रबुद्ध राजनीतिज्ञ की है, इनके ऊपर भी 5 राजनैतिक मुकदमे दर्ज हैं. 2- उपेंद्र सिंह गुड्डू, बसपा - 381 विधानसभा सकलडीहा से उपेंद्र सिंह गुड्डू को बसपा ने अपना प्रत्यासी घोषित किया है. जिनकी शैक्षणिक योग्यता एमए ( जियोग्राफी) है. उपेंद्र सिंह ने पंचायत चुनाव से राजनीति की शुरुआत की है. जिन्होंने पहले बीडीसी का चुनाव लड़कर जीता. साथ ही उनकी पत्नी भी बीडीसी का चुनाव जीतकर चहनियां ब्लॉक से प्रमुख बनीं. वर्तमान में इनकी पत्नी सकलडीहा से जिला पंचायत की सदस्य हैम. उपेंद्र सिंह गुड्डू हाल ही में पार्टी से जुड़े हैं. जिन्हें 2017 में बसपा ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है। हालांकि लिस्ट घोषित होने से पहले टिकट मिलने और कटने का मामला सामने आ चुका है. आपराधिक इतिहास- उपेंद्र सिंह के ऊपर 2002 से 2012 के बीच करीब एक दर्जन से ज्यादा मुक़दमे दर्ज हैं, जिसमे लूट, हत्या, हत्या के प्रयास का मामला भी दर्ज है, मुम्बई में भी इनका आपराधिक इतिहास रहा है, जिसमें फिल्म अभिनेत्री मनीषा कोइराला के सेक्रेटरी की हत्या में नामजद रहे हैं। 3. सूर्यमुनि तिवारी- भाजपा 381 सकलडीहा से भाजपा ने सूर्यमुनि तिवारी को प्रत्याशी बनाया है. करीब पांच वर्ष से राजनीति में आये सूर्यमुनि मूलतः चंदौली जिले के रहने वाले हैं और वर्तमान में चंदौली जिले से जिला पंचायत सदस्य भी हैं. इनकी शिक्षा स्नातक है और व्यवसाय के नाम पर एक विद्यालय बबुरी में यूनिवर्सल पब्लिक स्कूल है, जिसके सूर्यमुनी तिवारी प्रबंधक हैं. इनका कोई आपराधिक इतिहास सामने नहीं आया है. सकलडीहा विधानसभा कुल मतदाता 316547 पुरुष मतदाता -175142 महिला मतदाता- 141404 थर्ड जेंडर - 1 सकलडीहा विधानसभा का जातिगत आधार मुसलमान- 22हजार यादव- 60 हजार दलित- 55 हजार राजभर - 30 हजार वैश्य- 18 हजार निषाद - 12 हजार चौहान - 16 हजार 300 बिन्द - 5 हजार पटेल ( कुर्मी )- 2 हजार कोइरी कुशवाहा- 20 हजार ब्राम्हण- 40 हजार राजपूत- 16 हजार व 18 हजार अन्य मतदाता सकलडीहा विधान सभा के 2012 के परिणाम की बात करें, तो यहाँ तत्कालीन निर्दल अब भाजपा में शामिल सुशील सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के प्रभुनारायण सिंह यादव को 6848 मतो से मात दी थी. |
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