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वेदप्रकाश शर्मा के अंतिम संस्कार में पहुंचे साहित्य के दिग्गज
जनता जनार्दन डेस्क ,
Feb 19, 2017, 12:44 pm IST
Keywords: वेदप्रकाश शर्मा वेदप्रकाश शर्मा के अंतिम संस्कार वेद प्रकाश शर्मा ने वर्दी वाला गुंडा केशव पंडित बहू मांगे इंसाफ दहेज में रिवाल्वर तीन तिलंगे डायन भस्मासुर सुपरस्टार पैंतरा सारे जहां से ऊंचा रैना कहे पुकार के मदारी Ved Prakash Sharma Elegance Receiving News Literary World. Cancer Novelist Poet Film Hari Om Pawar Meerut News Meerut News Today Meerut News Live Meerut News Headlines
![]() हमेशा पाठकों के जेहन में रहेंगे वेदप्रकाश शर्मा एक साल से कैंसर जैसी भयानक बीमारी से लड़ रहे थे, लेकिन शुक्रवार की रात वह कैंसर से हार गए। उनकी मौत की खबर सुनते ही पूरे साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई। लेकिन उनका लेखन हमेशा पाठकों के जेहन में रहेगा। अपनी कृतियों से वह अजर और अमर रहेंगे। वर्दी वाला गुंडा' उपन्यास से चर्चित हुए उपन्यासकार वेदप्रकाश शर्मा का शनिवार को दाह संस्कार कर दिया गया. शुक्रवार देर रात मेरठ स्थित अपने आवास पर 61 वर्षीय लेखक का देहांत हुआ था. बताया जा रहा है कि वेदप्रकाश शर्मा लंबे समय से फेफड़े के संक्रमण से ग्रसित थे. कुछ दिन पहले ही वह मुंबई से इलाज कराकर लौटे थे. इस मशहूर उपन्यासकार का जन्म 6 जून 1955 को हुआ था. युवा अवस्था में ही उपन्यास लिखने के शौक के चलते वे इस क्षेत्र में आ गए. साल 1993 में आई वर्दी वाला गुंडा उपन्यास से उन्हें पहली बार शोहरत मिली. एक अनुमान है कि इस उपन्यास की अब तक आठ करोड़ से ज्यादा कॉपी बिक चुकी हैं. फिल्मों में स्क्रिन प्ले राइटर रहे वेदप्रकाश शर्मा ने करीब छह फिल्मों में स्क्रिन प्ले राइटर भी रहे. फिल्म 'सबसे बड़ा खिलाड़ी' उनके उपन्यास लल्लू पर आधारित थी. इसके अलावा 'इंटरनेशनल खिलाड़ी' फिल्म की पटकथा भी उन्होंने ही लिखी थी. उनके उपन्यास छोटे पर्दे पर सीरियल के रूप में भी सामने आए. पहली बार उपन्यास आग के बेटे (1973) के मुख पृष्ठ पर वेद प्रकाश शर्मा का पूरा नाम प्रकाशित हुआ था. बाद में ज्योति प्रकाशन और माधुरी प्रकाशन ने उनके नाम के साथ फोटो छापना भी शुरू कर दिया था. उनके सौवें नॉवेल कैदी नं. 100 की ढाई लाख प्रतियां बिकी थीं. उन्होंने 1985 में खुद तुलसी पॉकेट बुक्स के नाम से प्रकाशन शुरू किया. उनके 70 से ज्यादा उपन्यास इसी प्रकाशन ने छापे हैं. वेदप्रकाश के चर्चित उपन्यास वेद प्रकाश शर्मा ने वर्दी वाला गुंडा, केशव पंडित, बहू मांगे इंसाफ, दहेज में रिवाल्वर, तीन तिलंगे, डायन, भस्मासुर, सुपरस्टार, पैंतरा, सारे जहां से ऊंचा, रैना कहे पुकार के, मदारी, क्योंकि वो बीवियां बदलते हैं, कुबड़ा, चक्रव्यूह, शेर का बच्चा, सबसे बड़ा जासूस, रणभूमि, लाश कहां छुपाऊं, कफन तेरे बेटे का, देश न जल जाए, सीआईए का आतंक, हिंद का बेटा, कर्फ्यू, बदसूरत, चकमा, गैंडा, अपराधी विकास, सिंगही और मर्डर लैंड, मंगल सम्राट विकास समेत 250 से अधिक उपन्यास लिखे हैं. |
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