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सपा नेता ने मुलायम को लिखी चिट्ठी, कहा- याकूब मेमन की पत्नी को सांसद बनाया जाए
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Aug 01, 2015, 14:52 pm IST
Keywords: Samajwadi Party Mulayam Singh Yadav Yakub Memon's widow Raheen Mumbai serial blasts convict Rajya Sabha MP Mohammed Farooq Ghosi समाजवादी पार्टी फारूक घोसी याकूब मेमन की पत्नी राहीन मेमन मुलायम सिंह यादव
![]() हालांकि, बाद में एक रिपोर्ट के अनुसार, फारूक ने राहीन को सांसद बनाने की डिमांड पर यूटर्न ले लिया और कहा कि यह उनकी निजी राय थी। वहीं, समाजवादी पार्टी ने फारूकी घोसी को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया है। उन्हें महाराष्ट्र एसपी के उपाध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया है। इस चिट्ठी में फारूख ने लिखा है कि आपसे गुजारिश है कि 30 जुलाई, 2015 को याकूब मेमन को फांसी देने के बाद मेरे मन में यहां कुछ सवाल खड़े हुए जो आपको लिख रहा हूं। याकूब मेमन के साथ उनकी पत्नी राहीन याकूब मेमन भी गिरफ्तार हुई थी परन्तु माननीय न्यायालय ने याकूब मेमन को दोषी करार दिया और श्रीमती राहीन को बरी कर दिया। वह भी कई सालों तक जेल में रही कितनी तकलीफ सही होगी और हम समाजवादियों की एक खूबी है कि मन में जो बात रहे उसे कहना जरूरी है। अपने पत्र में यह भी लिखा कि आप (मुलायम) एक नेता हैं और आप गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए जाने जाते हैं। मेरे मुताबिक याकूब की पत्नी राहीन को इस समय मदद की जरूररत है और बहुत सारी इस देश में उसी की तरह दयनीय हालत में अपनी जिंदगी गुजार रही हैं। हमें इन औरतों की मदद करनी चाहिए। आज मुस्लिमों को वोट बैंक की तरह देखा जाता है और मुख्य राजनीतिक पार्टियों ने उन्हें साइड लाइन कर दिया है। फारूक ने कहा यदि मुलायम सिंह ऐसा फैसला लेते हैं, तो इसके कष्ट पर मरहम लगाया जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि मैंने जो पत्र मुलायम सिंह को लिखा है इस बारे में न मुलायम सिंह से बात हुई हैं ना प्रदेश अध्यक्ष अबु आजमी से, यह मेरी व्यक्तिगत राय है। फारूक का कहना है कि राहीन 21 सालों से अपने पति के बिना रह रही है. अगर राहीन राजनीति में आती है तो वह जरूरतमंद लोगों की आवाज बन सकती है। इसलिए मैंने मुलायम सिंह यादव से उसे सांसद बनाए जाने की मांग की है। उधर, यूपी के मंत्री आजम खान ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि ये अभिव्यक्ति की आजादी है। घोसी ने मुलायम सिंह को चिट्ठी लिखी है और अब फैसला मुलायम सिंह यादव को करना है। वैसे राज्य सभा से कौन सांसद बनेगा यह पार्लियामेंटरी बोर्ड तय करती है, इसलिए उन्हें अपनी बात पार्लियामेंटरी बोर्ड के सामने रखनी चाहिए। |
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