...तो क्या अब 100 रुपये किलो बिकेगा प्याज!

...तो क्या अब 100 रुपये किलो बिकेगा प्याज! नई दिल्ली: महंगाई का डंक एक बार फिर आम लोगों को डस रहा है। खाने पीने की चीजों के दामों में 50 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है। मंहगे प्याज ने एक बार फिर रुलाना शुरू कर दिया है। दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई शहरों में प्याज 80 रुपए किलो तक बिक रहा है। हालत ये है कि अगर जल्द ही कोई सख्त कदम नहीं उठाए गए तो प्याज की कीमत 100 रुपए प्रति किलो तक भी पहुंच सकती है।

दिल्ली में प्याज के दाम 70 से 80 रुपए तक पहुंच गए हैं। प्याज खरीदन आई रीना (गृहणी) ने बताया कि प्याज बहुत मंहगा हो गया है। सोचते हैं न खऱीदे तो अच्छा है लेकिन बिना खरीदे रह भी नहीं पाते। वहीं गुरूमीत कौर( गृहणी) का कहना है कि प्याज की बढ़ती कीमतें हर किसी के लिए परेशानी की बात है। ये सरकार कुछ नहीं कर रही है।

उधर मध्य प्रदेश के लोग भी प्याज के दामों से परेशान हैं। जब तरह से प्याज की कीमतें बढ़ रही हैं उससे ये साबित होता है कि आम लोगों के लिए कही जाने वाली चीज एक दुर्लभ सब्जी बन गई है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार है। आम आदमी की मुसीबत कम नहीं होने वाली क्योंकि आने वाले दिनों में प्याज के दाम और बढ़ने वाले हैं।

प्याज और दूसरी सब्जियों के बेहताशा बढ़ते दामों की वजह से खाद्य मंहगाई दर में इजाफा हुआ है। अगस्त महीने में खाद्य मंहगाई दर करीब पचास फीसदी बढ़कर 18.18 फीसदी पहुंच गई है। जुलाई में ये दर 11.91 फीसदी थी। इस वजह से थोक मंहगाई दर छह महीने के सबसे ऊंचे स्तर 6.1 फीसदी पर पहुंच गई है। जबकि जुलाई में ये 5.79 फीसदी थी। इस बीच सरकार ने जून के महंगाई आंकड़े को संशोधित कर 4.86 फीसदी से बढ़ाकर 5.16 फीसदी कर दिया है।

प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार समिति के चेयरमैन, सी रंगराजन का कहना है कि खाद्य महंगाई दर में उछाल आने से महंगाई दर में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि उन्हें मॉनसून बेहतर रहने की वजह से आने वाले महीनों में खाद्य महंगाई कम होने की उम्मीद है।

ऊंची मंहगाई दर आम आदमी के लिए मुसीबतें लेकर आती है। अगस्त महीने के आंकड़ों के बाद बाजार में निराशा का माहौल नजर आया। वहीं इस बात की आशंका भी बढ़ गई है कि आरबीआई के नए गवर्नर रघुराम राजन 20 सितंबर को होने वाली मौलिक नीति की समीक्षा में ब्याज दरें शायद ही कम करें।

प्याज की कीमतें बढ़ने की वजह
दरअसल दक्षिण भारत में बारिश की वजह से प्याज की आपूर्ति कम हुई है। उत्तर और पश्चिम भारत में प्याज पहले नासिक से आता थे। लेकिन वहां बारिश की वजह से प्याज की फसल बर्बाद हो गई थी तो अब प्याज दक्षिण भारत में हुगली से आ रहा है। लेकिन वहां भी बारिश हो रही है। जब आपूर्ति कम हुई तो प्याज की जमाखोरी होने लगी इसलिए कीमत और बढ़ गई। तेल की कीमतें भी बढ़ने से माल भाड़ा बढ़ गया। जिससे प्याज की कीमतें बढ़ गईं। नासिक की थोक मंडी में जहां प्याज सबसे ज्यादा आता है। कीमतें आसमान छू रही हैं। नासिक की मंडी में प्याज 5700 रुपये/क्विंटल मिल रहा है। नई फसल 15 अक्टूबर के बाद आएगी तो फिलहाल दाम कम नहीं होंगे।
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल