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अमेरिका का पिछलग्गू पाकिस्तान! नहीं सुधारेगा अपनी आदत

जनता जनार्दन संवाददाता , Aug 30, 2025, 12:16 pm IST
Keywords: अमेरिका   पाकिस्तान   विदेश मंत्री इशाक डार   पाक विदेश मंत्री इशाक डार  
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अमेरिका का पिछलग्गू पाकिस्तान! नहीं सुधारेगा अपनी आदत

अमेरिका द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद वैश्विक राजनीति में हलचल मच गई है. इस फैसले के बाद जहां दुनिया के कई बड़े देश नए गठजोड़ों की ओर बढ़ते दिख रहे हैं, वहीं पाकिस्तान एक बार फिर खुद को इस पूरे घटनाक्रम से अलग-थलग महसूस कर रहा है.

तेजी से बदलती अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के बयानों में भी बार-बार बदलाव नजर आ रहा है. कभी वे भारत पर आक्रामक रुख दिखाते हैं, तो कभी बातचीत की पेशकश करते हैं. यह द्वंद्व साफ बताता है कि इस्लामाबाद मौजूदा हालात में अपनी रणनीति तय नहीं कर पा रहा है.

भारत से बातचीत की फिर से पेशकश

पाक विदेश मंत्री इशाक डार ने हाल ही में भारत से सम्मानजनक तरीके से "कंपोजिट डायलॉग" शुरू करने की अपील की है. हालांकि भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि पाकिस्तान से किसी भी तरह की बातचीत केवल आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) जैसे मुद्दों पर ही संभव है. इशाक डार का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ ही दिनों पहले उन्होंने सीजफायर को लेकर भारत के खिलाफ सख्त बयान दिया था. लेकिन अब उनके सुर बदले हुए हैं. डार ने माना कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय कार्रवाई से पाकिस्तान को नुकसान हुआ था और उसी के बाद इस्लामाबाद ने सीजफायर की पहल की थी.

बयान बदलने की आदत नहीं गई

इशाक डार की तरफ से एक बार फिर पलटी मारते हुए यह भी कहा गया कि पाकिस्तान किसी के सामने गिड़गिड़ाएगा नहीं और न ही वह बातचीत के लिए मजबूर है. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान की सेना ने हवा और ज़मीन दोनों मोर्चों पर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है. यह बयान तब आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से दावा किया था कि पाकिस्तान ने भारत के साथ युद्धविराम के लिए अमेरिका से मध्यस्थता की अपील की थी. ट्रंप ने यह भी कहा था कि यदि उन्होंने हस्तक्षेप नहीं किया होता तो भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध छिड़ सकता था. लेकिन डार का बयान ट्रंप के दावे से बिल्कुल उलट था. उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद ने कभी किसी तीसरे पक्ष से हस्तक्षेप की मांग नहीं की. यही विरोधाभास अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में भी असहजता ला रहा है.

नया विश्व समीकरण और पाकिस्तान की स्थिति

भारत पर अमेरिकी टैरिफ लागू होने के बाद भी भारत वैश्विक मंचों पर अपनी मजबूत स्थिति बनाए हुए है. वहीं पाकिस्तान बार-बार खुद को प्रासंगिक बनाने की कोशिश में कभी अमेरिका के करीब जाने की कोशिश करता है तो कभी भारत से बातचीत की पेशकश करता है. लेकिन मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में आतंकवाद को बढ़ावा देने और चरमराती अर्थव्यवस्था के चलते पाकिस्तान की स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है. नई उभरती साझेदारियों में उसकी कोई स्पष्ट भूमिका नहीं दिख रही है.

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