कराची में ढही पांच मंजिला इमारत, हिंदू परिवार के 20 लोगों की मौत

जनता जनार्दन संवाददाता , Jul 07, 2025, 16:44 pm IST
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कराची में ढही पांच मंजिला इमारत, हिंदू परिवार के 20 लोगों की मौत

पाकिस्तान के कराची में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जहां ल्यारी इलाके में एक पांच मंजिला इमारत ढह गई. इस दुर्घटना में कई परिवारों ने अपनों को खो दिया, लेकिन एक चमत्कार भी सामने आया. इस हादसे में 27 लोगों की जान चली गई, लेकिन तीन महीने की एक बच्ची को अजीबोगरीब तरीके से मामूली चोटों के बावजूद बचाया गया. जानिए इस हादसे से जुड़े दिलचस्प और हैरान कर देने वाले तथ्यों के बारे में.

पांच मंजिला इमारत का ढहने से हुआ हादसा

यह हादसा इतना भयंकर था कि इसमें कई परिवार बर्बाद हो गए. कराची के ल्यारी इलाके में स्थित पांच मंजिला इमारत की अचानक गिरने से आसपास के इलाके में कोहराम मच गया. घटना के बाद, बचाव अभियान शुरू हुआ जो लगभग 53 घंटे तक जारी रहा. अधिकारियों के मुताबिक, मलबे से कुल 27 शवों को निकाला गया, जिनमें से 20 लोग एक ही हिंदू परिवार के सदस्य थे. यह हादसा लोगों के लिए एक बड़ा आघात बनकर सामने आया.

मलबे में बच्ची मिली सही सलामत

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हादसे में मारे गए 27 लोगों में से 20 लोग हिंदू समुदाय से थे और एक ही परिवार से थे. हालांकि इस दर्दनाक घटना में एक चमत्कारी कहानी भी सामने आई, जिसने सबको चौंका दिया. मलबे के नीचे दबे हुए एक तीन महीने की बच्ची को ज़रा सी भी गंभीर चोट नहीं आई. उसे केवल मामूली चोटें आई थीं, और इस घटना में वह बच गई.

हादसे के बाद क्या हुआ?

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे के दौरान जब बचाव दल ने मलबे को हटाना शुरू किया, तो उन्हें तीन महीने की बच्ची जिंदा मिली. मजहर अली, जो बचाव टीम के सदस्य थे, ने बताया कि बच्ची को मलबे के नीचे दबे हुए पाया गया और उसकी हालत अपेक्षाकृत ठीक थी. बच्ची की नाक से हल्का खून निकल रहा था, लेकिन उसके शरीर पर कोई अन्य गंभीर घाव नहीं थे.

चिकित्सकों के मुताबिक, यह बच्ची चमत्कारी रूप से बच गई. जब मलबा गिरने लगा, तब उसकी मां ने शायद अपनी बच्ची को बचाने के लिए उसे दूर फेंक दिया, जिसके कारण बच्ची के जीवन की रक्षा हो पाई. इसके बाद, बच्ची के परिवार के अन्य सदस्य, जिनमें उसकी मां भी शामिल थीं, मलबे से बाहर निकाले गए, लेकिन अफसोस की बात यह थी कि उनकी मौत हो चुकी थी.

इमारत गिरने का कारण और सवाल

अब यह सवाल उठ रहा है कि आखिरकार यह इमारत क्यों गिरी और इसका जिम्मेदार कौन है? अधिकारियों ने इस घटना के कारणों पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. हालांकि, सिंध सरकार का कहना है कि ल्यारी में 22 जर्जर इमारतें थीं, जिनमें से 14 को पहले ही खाली करा लिया गया था. इस इमारत को भी जर्जर घोषित किया गया था, और माना जा रहा है कि कमजोर स्थिति के कारण ही यह ढह गई.

इस हादसे के बाद, स्थानीय प्रशासन ने तुरंत बचाव अभियान शुरू किया. हालांकि बचाव कार्य में काफी समय लगा, लेकिन 53 घंटे के बाद मलबे से अधिकांश शवों को बाहर निकाला जा सका. बचाव कार्य में लगने वाले समय की वजह से स्थानीय लोग प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं, और इसकी जिम्मेदारी भी मांगी जा रही है.

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