ITR से जुड़ा नया अपडेट आया सामने
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jul 27, 2024, 12:19 pm IST
Keywords: ITR Filing Update आयकर विभाग टैक्सपेयर्स टैक्स डिपार्टमेंट आयकर रिटर्न दाखिल
आयकर विभाग ने इस बार भी टैक्स फाइलिंग की आखिरी तारीख 31 जुलाई तक की है. अंतिम तिथि को आगे बढ़ाने की मांग पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने साफ इंकार कर दिया है. देश में टैक्सपेयर्स की संख्या में लगातार बड़ा इजाफा देखने को मिल रहा है. पिछले वित्तीय वर्ष में 7.5 करोड़ लोगों ने आईटीआर फाइल किया था. इस बार यह आंकड़ा इसके पार जा सकता है. इस साल 26 जुलाई तक वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 5 करोड़ से ज्यादा आयकर रिटर्न दाखिल (ITR Filing) किये जा चुके हैं. यह संख्या देश की आर्थिक स्थिरता और नागरिकों की टैक्स जागरूकता का भी संकेत है.
टैक्सपेयर्स की बढ़ती संख्या से सरकार को राजस्व में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, जिससे देश के विकास के काम में और तेजी आएगी. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अनुसार समय से ITR दाखिल करने वाले टैक्सपेयर्स को रिफंड और दूसरे फायदे तेजी से मिलेंगे. दूसरी तरफ काफी टैक्सपेयर्स इस बार ई-फाइलिंग पोर्टल में परेशानी का सामना करने की बात कह रहे हैं. पोर्टल में आ रही समस्याओं से जुड़ी काफी शिकायतें सोशल मीडिया पर भी मिल रही हैं. इस तरह की परेशानियां आने के चलते कई चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन (CA Associations) ने भी आयकर विभाग को लेटर लिखकर टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स को ई-फाइलिंग आईटीआर पोर्टल में आ रही परेशानी के बारे में बताया है. टैक्सपेयर्स की तरफ से सोशल मीडिया पर पोर्टल से जुड़ी कई परेशानियों के बारे में बताया है. इसमें पोर्टल में गड़बड़ी की वजह से फॉर्म 26AS/AIS/TIS तक पहुंचने में दिक्कत होना और TIS व AIS आंकड़ों में अंतर होना भी शामिल है. इसके अलावा, ज्वाइंट इनकम दोनों खाताधारकों के अकाउंट में दिखाई दे रही है. इसके अलावा AIS/TIS पोर्टल में जवाब देने के लिए बहुत कम विकल्प हैं, यही कारण है कि हर स्थिति को सही तरीके से नहीं बताया जा सकता. कई टैक्सपेयर्स का कहना है कि TIS में उनके जवाबों में किए गए बदलाव जल्दी दिखाई नहीं देते हैं, जिससे परेशानी होती है. लगातार बफरिंग और दूसरी तकनीकी समस्याओं के कारण टैक्सपेयर्स फॉर्म जमा नहीं कर पा रहे हैं. कई बार ITR में पहले से भरे हुए डाटा जैसे सैलरी, ब्याज से इनकम और TDS के आंकड़े फॉर्म 26AS से मेल नहीं खाते हैं. जिन टैक्सपेयर्स की बिजनेस इनकम है उन्हें शेड्यूल OS में डिविडेंड इनकम सही तरीके से दिखाने में परेशानी हो रही है, क्योंकि मौजूदा सिस्टम में पहले डिविडेंड इनकम को बिजनेस इनकम में दिखाना होता है और फिर उसे घटाना होता है. इससे प्रक्रिया जटिल हो गई है. जब टैक्सदाता अपना रिटर्न भरने की कोशिश करते हैं तो अक्सर एरर मैसेज आता है, इससे रिटर्न जमा करने में देरी हो रही है. कुछ मामलों में ऑथेंटिकेशन के लिए जरूरी ओटीपी (OTP) समय पर नहीं मिल रहा है या बिल्कुल नहीं मिल रहा. इस कारण रिटर्न वेरिफाई और जमा करने में परेशानी हो रही है. इसके अलावा, कुछ टैक्सपेयर्स फाइल किए गए आईटीआर की रसीद डाउनलोड नहीं कर पा रहे हैं जो उनकी कंप्लायंस की पुष्टि के लिए जरूरी है. आयकर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि को 31 जुलाई से आगे बढ़ाने पर इनकम टैक्स विभाग ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. अभी इससे जुड़ा किसी तरह का अपडेट नहीं है कि क्या विभाग की तरफ से आईटीआर फाइल करने की तारीख को आगे बए़ाया जाएगा या नहीं. लेकिन लोगों यह चिंता है कि ई-फाइलिंग में आ रही परेशानी की वजह से तारीख को आगे बढ़ाया जा सकता है. इन सब दिक्कतों के बीच बहुत से टैक्सपेयर्स ने आईटीआर फाइल करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है. |
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