भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में गहराया आर्थिक संकट

जनता जनार्दन संवाददाता , Aug 27, 2022, 11:11 am IST
Keywords: Situation in Bangladesh   लेफ्ट डेमोक्रेटिक एलायंस   LDA   Crisis   Bangladesh Crisis   Economic Crisis   भारत   आर्थिक संकट  
फ़ॉन्ट साइज :
भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में गहराया आर्थिक संकट

भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में आर्थिक संकट गहराने लगा है. यहां पर श्रीलंका जैसे हालात नजर आने लगे हैं. लोग सड़कों पर उतर गए हैं. देश के वामपंथी संगठनों ने बीते दिन हड़ताल की. लेफ्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (एलडीए) के आह्वान पर हुई इस हड़ताल के दौरान जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन हुए. एलडीए से जुड़े कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार लिया गया.

ईंधन की महंगाई को देखते हुए बांग्लादेश की सरकार ने बिजली का उपभोग घटाने के कई उपाय घोषित किए हैं. इसके तहत अब स्कूलों को हर हफ्ते एक दिन अतिरिक्त बंद रखने का फैसला किया गया है. बांग्लादेश में शुक्रवार को स्कूलों छुट्टी रहती है. अब वे शनिवार को भी बंद रहेंगे. सरकारी दफ्तरों और बैंकों में कामकाजी घंटे घटा दिए हैं. ये तमाम उपाय बुधवार से लागू हो गए. गुरुवार को इसके खिलाफ जन विरोध का नजारा देखने को मिला.

पर्यवेक्षकों के मुताबिक, देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार आ रही गिरावट के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद की सरकार को कमखर्ची लागू करने के ये उपाय अपनाने पड़े हैं. पिछले महीने बांग्लादेश के कच्चे तेल के आयात बिल में 50 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी. अब सरकार ने कहा है कि वह रूस से सत्ता तेल हासिल करने की संभावना तलाश रही है.  

देश में महंगाई की दर भी काफी ऊंची हो गई है. इस कारण हाल के हफ्तों में पहले भी कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए हैं. अनाज की महंगाई पर काबू पाने के लिए हसीना सरकार ने रूस, वियतनाम और भारत से अनाज आयात करने का समझौता किया है. इसके तहत 83 लाख लाख टन गेहूं और चावल का आयात किया जाएगा. 

विश्लेषकों के मुताबिक इससे देश में अनाज की महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलेगी, लेकिन साथ ही विदेशी मुद्रा का संकट और गहराने की आशंका है. इस बीच मशहूर ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में बांग्लादेश में बन रही हालत की तुलना पिछले वर्ष की श्रीलंका की स्थिति से की है. 

रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी हाल तक बांग्लादेश ने कोरोना महामारी और यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर में लग रहे आर्थिक झटकों से अपने को बचा रखा था. इसकी वजह देश का मजबूत निर्यात सेक्टर है. लेकिन अब हालत बदल रहे हैं. इसे देखते हुए शेख हसीना सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 4.5 बिलियन डॉलर का कर्ज मांगा है.

अन्य पास-पड़ोस लेख
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल