वाणी में मधुरता और स्वभाव में विनम्रता व्यक्ति को बनाती है सफल
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Mar 18, 2021, 19:07 pm IST
Keywords: Chankya Niti 2021 Chanakya Dharm Lakshmi Luxmi लक्ष्मी जी
चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति की सफलता में उसकी वाणी यानि बोली और स्वभाव का बहुत बड़ा योगदान होता है. कई बार व्यक्ति योग्य और प्रतिभाशाली होने के बाद भी वह सफलता और सम्मान प्राप्त नहीं कर पाता है, जो उसे प्राप्त होना चाहिए. इसके पीछे व्यक्ति का स्वभाव और वाणी की बहुत अहम भूमिका होती है. गीता का सार भी यही कहता है कि व्यक्ति को वाणी की मधुरता का त्याग नहीं करना चाहिए. स्वभाव में जब विनम्रता होती है तो ऐसे व्यक्ति से हर कोई जुड़ना और नजदीक आना चाहेगा. भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को मनुष्य के श्रेष्ठ गुणों के बारे में बताया था. वाणी की मधुरता और विनम्रमा व्यक्ति के श्रेष्ठ गुण माने गए हैं. इन गुणों को अपनाने वाला व्यक्ति सभी प्रिय होता है. समाज में ऐसे लोगों को बहुत सम्मान प्राप्त होता है. वाणी की मधुरता हर किसी को आकर्षित करती है विन्रमता एक श्रेष्ठ गुण है |
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