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गंगा के लिए आमरण अनशन कर रहे प्रोफेसर जीडी अग्रवाल के जीवन पर संकट बढ़ा

गंगा के लिए आमरण अनशन कर रहे प्रोफेसर जीडी अग्रवाल के जीवन पर संकट बढ़ा नई दिल्ली: गंगा के लिए कानून की मांग में आमरण अनशन पर बैठे 86 साल के बुजुर्ग एवं सेवा निवृत आई आई टी प्रोफेसर जी. डी. अग्रवाल उर्फ़ स्वामी ज्ञान स्वरुप सानंद के जीवन का खतरा लगातार बढता जा रहा है। गांधी शांन्ति प्रतिष्ठान नई दिल्ली में प्रो अग्रवाल के अनशन के 27वें दिन पर जल जन जोडो एवं जल बिरादरी की कोर कमेटी बैठक का आयोजन किया गया। बैठक को सम्बोधित करते हुये मैग्सेसे और स्टॉकहोल्म वाटर प्राइज विजेता जलपुरुष डॉ राजेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रोफेसर जी.डी. अग्रवाल के अनशन के आज 27 दिन पूरे हो रहे है वह सिर्फ गंगा जल के सहारे जीवित हैं तथा एम्स ऋषिकेश में भी उन्होंने अपना अनशन जारी रखा है और किसी भी प्रकार के चिकित्सीय उपचार लेने से मना किया है।

सिंह ने कहा कि स्वामी की गिरती स्वास्थ्य के बावजूद “देश में सरकार और समाज चिंतित नहीं है”। इसके लिए उन्होंने अब भारत के 800 लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को पत्र लिखकर प्रोफेसर जी.डी. अग्रवाल के जीवन रक्षा के लिए गुहार लगाई है। उन्होंने सभी सांसदों से अपील किया है कि वे कल से शुरू हो रहे मानूसन सत्र में राष्ट्रनदी गंगा (संरक्षण एवं प्रबधंन) अधिनियम प्रारुप को पारित करके गंगा जी और प्रोफेसर अग्रवाल के जीवन की रक्षा करें।

सिंह ने बताया कि उन्होंने आज राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री उप राष्ट्रपति को भी पत्र लिखकर गंगा एवं प्रोफेसर जी.डी. अग्रवाल के बारे में चर्चा करने के लिए अविलम्ब समय मांगा है। यदि समय मिलता है तो वह एक विशेषज्ञों के प्रतिनिधि मण्डल के साथ इन सभी के साथ भेंट करेगे।

जल जन जोडो एवं जल बिरादरी की कोर कमेटी की इस बैठक में तय किया गया कि सभी सांसदों को गंगा जल भेंट करके राष्ट्रनदी गंगा संरक्षण की याद दिलायी जायेगी। राजेंद्र सिंह ने बताया कि गंगा का अविरल नैसर्गिक प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए संसद के मॉनसून सत्र में प्रस्तावित कानून पारित कराने की मांग को लेकर आगामी 24 जुलाई को हरिद्वार से दिल्ली तक की गंगा यात्रा आयोजित की गई है. इसमें समाजसेवी अन्ना हजारे सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होंगे. आगामी 25 जुलाई को यात्रा हरिद्वार से दिल्ली पहुंचेगी और फिर यहां संसद मार्ग पर जनसभा होगी.उन्होंने बताया कि इसमें अन्ना हजारे के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता संजय पारिख, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संस्थापक अध्यक्ष परितोष त्यागी और वरिष्ठ पत्रकार वेदप्रताप वैदिक सहित अन्य सामाजिक संगठनों के लोग शामिल होंगे.

इस अवसर पर पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए सिंह ने केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा गंगा के अबाध प्रवाह को सुनिश्चित करने संबंधी आश्वासन को नाकाफी बताया। ज्ञात हो कि कल गडकरी ने एक पत्रकार सम्मलेन में मार्च 2019 तक गंगा नदी के 80 फीसदी तक साफ हो जाने का भरोसा जताया था और गंगा की सफाई के लिए पिछले 4 साल में किए गए कार्यों का ब्योरा देते हुए दावा किया था कि गंगा को प्रदूषित कर रहे 251 उद्योगों को बंद किया जा चुका है और 938 उद्योगों से निकलने वाले पलूशन की रीयल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके साथ ही गंगा के पूरे मार्ग में ऐसे 211 बड़े नालों की पहचान की गई है, जो इस नदी को प्रदूषित कर रहे हैं। गडकरी ने यह भी बताया था कि गंगा को साफ करने के ‘नमामि गंगे मिशन’ के तहत अब तक 195 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है जिसमें से 24 परियोजनाओं का काम पूरा हो गया है। इसमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स बनाने और सीवर लाइनें डालने के साथ ही शवदाह गृहों का निर्माण भी शामिल है। इसके साथ ही घाटों के सौन्दर्यीकरण का काम भी किया जा रहा है।

राजेन्द्र सिंह ने कहा गडकरी ने गंगा पर महज सीवर संयंत्र (एसटीपी) लगाने का आश्वासन दिया है जबकि प्रो अग्रवाल का अनशन एसटीपी की मांग के लिए नहीं बल्कि गंगा के समग्र प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए है. इसका एकमात्र उपाय कानून बनाकर उसे ईमानदारी से लागू करना है। उन्होंने कहा कि “गडकरी को एक घंटे का समय निकाल कर प्रो अग्रवाल से इस समस्या को समझना चाहिए।”

प्रो अग्रवाल के जान बचाने की मुहिम देश भर में तूल पकड़ती दिखाई दे रही है। आज धारवाड़, कर्नाटक में पर्यावरणविदों ने गंगा एवं अन्य नदियों को बचाने के लिए भारत सरकार को एक अपील जारी की। इससे पहले मुंबई और इलाहबाद में कॉलेज एवं विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी प्रदर्शन किया था। हरियाणा में फरीदाबाद में भी पर्यावरणविद और वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र रावत एवं वर्ल्ड वाटर कौंसिल के सदस्य डॉ जगदीश चौधरी के नेतृत्व में बालाजी कॉलेज के शिक्षकों एवं छात्रों ने सरकार से गंगा को अविरल और निर्मल करने हेतु तुरंत आवश्यक कानून बनाने को कहा. उत्तराखंड में प्रो जी डी अग्रवाल के अनिश्चितकालीन सत्याग्रह के समर्थन में गंगा की अविरलता और निर्मलता हेतु नदी बचाओ अभियान के संयोजक एवं पर्यावरणविद सुरेश भाई एवं तालाब बचाओ अभियान के संयोजक इलाहाबाद विश्वविघालयशोध छात्र रामबाबू तिवारी की अगुवाई में २२ जुलाई से २५ जुलाई तक उत्तरकाशी से हरिद्वार तक यात्रा निकलेगी। उत्तर प्रदेश में स्वामी समर्थकों ने आज गंगा जी एवं प्रोफेसर जी डी अग्रवाल (स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद जी) बचाओ अभियान के तहत डीएम बागपत के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिया व प्रेस वार्ता की।
ओडिशा में महानदी बचाओ आंदोलन भी इस मुहीम में कूद चुकी है और आंध्र में भी जल बिरादरी के कार्यकर्ता इस मुहीम से जुड़ गए हैं। देश भर में change.org (https://chn.ge/2JmoFtq, ) के माध्यम से एक सिग्नेचर कैंपेन भी चालु की गयी है।

आज आयोजित कोर कमेटी में पटना के पंकज मालवीय ने कहा कि २३ जुलाई को बिहार विधानमण्डल के सदस्यों को अवगत कराएंगे और मुख्यमंत्री बिहार नितीश कुमार से मुलाकात करके गंगा और प्रोफेसर जी.डी.अग्रवाल के लिए राजेन्द्र सिंह के नेतृत्व में मिलेंगे। कोर कमेटी के सदस्य मेजर हिमांशु ने कहा कि २४ जुलाई को हरिद्वार से दिल्ली के लिए गंगा सत्याग्रह मार्च का आयोजन किया जायेगा जो २५ जुलाई को दिल्ली में पहुचेगा। ओडिशा में भुवनेश्वर और कटक में भी सभाएं आयोजित की जाएगी. कोर कमेटी के सदस्य हरियाणा से आये अब्राहिम खान ने कहा कि इस मसले को हमें तुरन्त राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में ले जाने की आवश्यकता है।

ज्ञात हो कि स्वामी के मांग के समर्थन में राजेन्द्र सिंह पहले ही गडकरी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी और समाजवादी नेता शरद यादव से मिल चुके हैं। ११ जुलाई को दिल्ली के राजघाट पर भी गंगा प्रेमियों ने स्वामी के लिए एक प्रार्थना सभा की थी जिसमें उत्तराखंड के पूर्व मुख्य मंत्री और पूर्व केंद्रीय जल संसाधन मंत्री हरीश रावत भी मौजूद थे। साभारः जागृत बिहार, एक जन आंदोलन
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