आपन चंदौली ! जहाँ क बोली ह भोजपुरी

अमिय पाण्डेय , Jul 06, 2017, 18:22 pm IST
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आपन चंदौली ! जहाँ क बोली ह भोजपुरी
उत्तरप्रदेश का पूर्वी छोर और बिहार का पड़ोसी जिला चंदौली की एक परिचय आपकी अपनी आपने तेजी से हमे पढ़ा, और अपना प्यार दिया आप पाठको का जनता जनार्दन मीडिया  परिवार की तरफ से दिल से सुक्रिया,आप पाठकों के लिए जुलाई  के अपने अंक में मै लिख रहा हूँ आपन चंदौली जहाँ क बोली ह भोजपुरी उम्मीद है आपको यह लेख बहुत पसंद आएगा खासकर उन हमारे पाठकों को जो चंदौली जनपद के रहने वाले है,जो अनजान है की आखिर इतना खास क्यों है आपन चंदौली जिहा तो पढ़िए हमारी खास रिपोर्ट हम और देर न करते हुए आपको बता ही देते ह्नै ।

चंदौली उत्तरप्रदेश का सबसे खास जिला माना जाता है जाने क्यों?

उत्तरप्रदेश 
का चंदौली जनपद वाराणसी से अलग करके 1997 में बनाया गया,यह जनपद धर्म की नगरी काशी और गंगा नदी के पूर्वी/दक्षिणी दिशा की ओर स्तिथ है.चंदौली जनपद पहले काशी से जुड़ा था जो प्राचीन काशी राज्यों की एक खंड के रूप में जानी पहचानी जाती रही है,लेकिन प्रशासनिक उद्देश्य से तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने 1997 में इसको चंदौली जनपद घोषित किया,चंदौली का इतिहास भी अपने आप में एक खास है क्युकी प्राचीन काल के पुरातत्व प्रमाण पाए गए है,और पुरातत्व के इट सहित ऐतिहासिक धरोहर आज भी चंदौली में मौजूद है.
 
चंदौली जिले के कुछ ऐसे भाग है जहा की इतिहास आज भी समझ से परे है या यू कहले अज्ञात है काशी राज्य का हिस्सा होने के कारन चंदौली का भी इतिहास वही है जो वाराणसी का है,इतिहास गवाह है भगवान् बुद्ध के जन्म के पहले ईसा पूर्व छठी शताब्दी में भारतवर्ष १६ महाजनपदों में विभाजित था इनमे काशी एक था जिसकी राजधानी वाराणसी थी,वर्तमान और अतीत का  बनारस अपने चारो ओर के क्षेत्रो के साथ काशी जनपद कहा जाता था जिसमे वर्तमान  में अपना चंदौली जनपद भी शामिल था यह हो गए चंदौली का इतिहासिक और वास्तविक परिचय आगे पढ़े और भी कुछ ?
 

जनपद चंदौली की एक नज़र प्रशासनिक दृष्टिकोण  से.... वर्तमान में 

प्रशासनिक दृश्टिकोण  की बात की जाएं चंदौली जनपद में तोयहाँ  निर्वाचन क्षेत्रो की संख्या दो है लोकसभा और विधानसभा,चंदौली जनपद में 5 तहसील है जो इस प्रकार है क्रमशः चंदौली,मुग़लसराय,सकलडीहा,चकिया और नौगढ़,विकाशखंड 9,न्याय पंचायत 102,ग्राम पंचायत 734 ,नगर पालिका 1 जिसको मुग़लसराय के नाम से हम जानते है ,नगर पंचायत 4  और पुलिस स्टेशन 16 है,विधानसभा 4 क्रमशः सैयदराजा,मुग़लसराय,चकिया और सकलडीहा और अंततः लोकसभा 2 है चंदौली तथा रॉबर्ट्सगंज यह हो गए चंदौली के कुछ जरुरी जानकारी जो आप पाठकों को जानना बेहद जरुरी है यह आंकड़ा प्रसाशनिक डायरी और राजनितिक लोगो के पास भी है और अब आप सच की दस्तक पाठको के पास इस लेख के माध्यम से पहुंच गयी है.
 
चंदौली में पर्यटनस्थल। .... 

आपन चंदौली में घूमने योग्य जगह भी बेहद खास है जिसमे प्रमुख रूप से.... 

राजदरी-देवदरी जल प्रपात 
यह चकिया क्षेत्र में पड़ने वाला सबसे खास जगह है जहा वन्य जीव जंतुओ के संरक्षण हेतु  यह बेहद खास है जहा देवदरी राजदरी जलप्रपात प्राकृतिक मनोरम की छठा बिखरते रहती है इसकी देख-रेख सुरक्षा की व्यवस्था उत्तरप्रदेश के सरकारी मशीनरी की देखरेख में होती है यहाँ झरने में लोग जनपद सहित आसपास जिलों के लोग लुफ्त उठाने आते है साथ ही चंदौली जनपद का यह सबसे सूंदर दृश्य भी देखने को मिलता है,यहाँ का वातावरण सूंदर एवं साफ़ है.
 
मूसाखाड़ बांध 
मूसाखाड़ बांध कर्मनाशा नदी के कारण बनी है कर्मनाशा नदी तो वैसे बिहार राज्य में पड़ता है किन्तु यह उत्तरप्रदेश के चंदौली जनपद के नज़दीक और नदी का कुछ भाग चंदौली से भी गुजरता है,यह स्थान नौगढ़ क्षेत्र के अंजान एवं दुर्गम स्थल का है... नौगढ़ को नक्सल प्रभावित क्षेत्र भी बोलते है लेकिन फिर भी चंदौली वासी इस क्षेत्र में घूमने आते है और बांध पर लुफ्त उठाते है और सेल्फी भी लेते है यह स्थल काफी रोमांचित भी देखने में लगता है.
 
रामगढ बाबा कीनाराम भी खास 

चहनिया धानापुर क्षेत्र में पड़ने वाले बाबा कीनाराम अघोरेश्वर पीठ भी यहाँ की धार्मिक स्थलों में शुमार है बाबा कीनाराम के भक्त हज़ारो की संख्या में यहाँ दर्शन पूजन करने के लिए आते है, प्रतिवर्ष यहाँ बाबा कीनाराम महोत्सव का आयोजन किया जाता है जो की 4 दिन तक चलता है और नामी गिरामी कलाकारों द्वारा यहाँ प्रस्तुति होती है... जो की देखने में बेहद खास है... 
 
इसके अलावा यहाँ कई मंदिर मस्जिद है जिसकी  अपने आप में खास पहचान  है 
जिसमे -दुलहिया माई,कोइलरवा हनुमान जी,जागेश्वर धाम,कालेश्वर धाम सहित लक्षु ब्रह्म बाबा,माँ कामख्या देवी मंदिर,माँ काली मंदिर  सहित यहाँ कई धार्मिक स्थल घूमने योग्य जगह है जो अध्यात्म के साथ साथ पुरातत्व और इतिहास से जुड़ा है,नौगढ़ क्षेत्र में नौगढ़ किला भी स्तिथ है जहा की कहानी अक्सर फिल्मो में और सीरियल में देखने को मिलती है जिसका नाम है चंद्रकांता'

 संपर्क मार्ग एवं आवागमन 

रेल मार्ग भी यहाँ है आसान मुग़लसराय एशिया का सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन माना जाता है यहाँ से किसी भी राज्य में आप आसानी से जा सकते है यहाँ लगभग सभी प्रमुख बड़ी ट्रेने रूकती है... 
 
कोयला मंडी भी खास यहाँ की चंदासी कोयला मंडी भी बड़ी मंडी में शुमार है यहाँ की मंडी से कोयला हर जगह जाता है साथ ही मुगलसराय में डीजल का केंद्र भी अलीनगर में मौजूद है.कुल मिलाकर चंदौली में आपको हर चीज़ मिल जाएगी जिसकी आपको जरुरत है बस देखना और देखने का तरीका अलग होना चाहिए।।
 
चंदौली को धान का कटोरा भी कहा जाता है 

यहाँ की पैदावार धान बिहार झारखण्ड सहित पश्चिम बंगाल जाती है यहाँ धान की पैदावार सबसे अधिक नरवन क्षेत्रो में होती है,नरवन क्षेत्र सहित आसपास के गावं में अच्छी पैदावार होती है कारन जिले में पंडित कमलापति त्रिपाठी द्वारा नहरों का जाल फैलाया गया था यहाँ के महापुरुष लाल बहादुर शास्त्री भी रहने वाले है और शास्त्री जी की प्रारंभिक शिक्षा भी चंदौली से जुडी है.
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