सुकमा हमला सोचा समझा नरसंहार, नक्सलियों से मुकाबले की रणनीति बदलेंगे: गृहमंत्री राजनाथ सिंह

सुकमा हमला सोचा समझा नरसंहार, नक्सलियों से मुकाबले की रणनीति बदलेंगे: गृहमंत्री राजनाथ सिंह नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में मारे गए जवानों के प्रति गहरी संवेदना जताई है.

राजनाथ सिंह ने आज कहा कि वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई की रणनीति का अवलोकन किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर उस पर पुन: विचार किया जाएगा ताकि माओवादियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जा सके.

सिंह ने रायपुर के माना स्थित चौथी बटालियन में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मुख्यमंत्री रमन सिंह तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की.

बैठक के बाद संवाददाताओं के साथ बातचीत में गृहमंत्री ने इस हमले को नक्सलियों की कायराना हरकत बताया और कहा कि क्षेत्र में हो रहे विकास से नक्सली बौखलाए हुए हैं. इसलिए ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि नक्सलियों की शहादत बेकार नहीं जाएगी. सिंह ने संकेत दिए कि लड़ाई की रणनीति के संबंध में आठ मई को एक महत्वपूर्ण बैठक होगी.

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में नक्सली हमले में शहीद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 25 जवानों को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज श्रद्धांजलि अर्पित की.

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलीरामजीदास टंडन, मुख्यमंत्री रमन सिंह और मंत्रिमंडल के सदस्यों ने भी रायपुर के माना स्थित चौथी बटालियन में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की.

सुकमा जिले में नक्सलियों ने पुलिस दल पर घात लगाकर हमला कर दिया था. इस घटना में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 25 जवानों की मौत हो गयी थी जबकि छह जवान घायल हो गए थे.

राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भाषा को बताया कि सुकमा जिले के चिंतागुफा थाना क्षेत्र के अंतर्गत बुरकापाल गांव के करीब नक्सलियों ने पुलिस दल पर घात लगाकर हमला किया था.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि चिंतागुफा थाना क्षेत्र में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 74वीं बटालियन की दो कंपनियों को बुरकापाल से चिंतागुफा के मध्य बन रही सड़क की सुरक्षा में रवाना किया गया था.

दल जब बुरकापाल से लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर था तब नक्सलियों ने पुलिस दल पर गोलीबारी शुरू कर दी. इसके बाद पुलिस दल ने भी जवाबी कार्रवाई की.

घटना सोमवार दोपहर 12 बजे की है जब जवानों की टीम रोड ओपनिंग के लिए निकली थी. सड़क निर्माण की सुरक्षा में लगे ये जवान खाना खाने की तैयारी कर रहे थे उसी दौरान घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने जवानों पर गोलीबारी शुरू कर दी.

खास बात यह है कि 2010 में इसी जगह हुए नक्सली हमले में 76 जवान शहीद हो गए थे. फिलहाल घटनास्थल पर सीआरपीएफ की कोबरा टीम तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.

इस घटना के बाद दूसरे इलाकों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. इसी दौरान दंतेवाड़ा में भी सुरक्षा बलों ने आईईडी को डिफ़्यूज कर दिया. नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के रास्ते में ये आईईडी लगाई थी.

डीजी डीएम अवस्थी (नक्सल ऑपरेशन) ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि जवानों ने एसओपी का उल्लंघन नहीं किया. 70 से ज्यादा जवान सुरक्षित लौटे हैं.

सीआरपीएफ ने जमकर मुकाबला किया था. किसी विस्फोटक का इस्तेमाल नहीं हुआ. सिर्फ गोलियां चलीं. लड़ाई लंबी चली थी. यही नहीं जो लोग रोड कंस्ट्रक्शन के काम में लगे थे उनकी जान भी जवानों ने बचाई.

करीब 40 लोगों की जान बचाई गई. इससे जवानों का हौंसला कम नहीं होगा. सड़क निर्माण का काम नहीं रुकेगा. काम चलता रहेगा.  10 से ज्यादा नक्सलियों के मरने की भी सूचना है.

उनकी संख्या पुख्ता नहीं बताई जा सकती क्योंकि नक्सली शव खींचकर ले जाते हैं. इससे पूर्व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी थी.

इन जवानों की हुई शहादत
1. इंस्पेक्टर रघुवीर सिंह, पंजाब
2. एसआई- केके दास, प.बंगाल
3. एएसआई- संजय कुमार, हिमाचल
4. एएसआई- रामेश्वर लाल, राजस्थान
5. एएसआई – नरेश कुमार, हरियाणा
6. हेड कांस्टेबल- सुरेंद्र कुमार, हिमाचल
7. हेड कांस्टेबल- बन्नाराम, राजस्थान
8. हेडकांस्टेबल- केपी सिंह, उत्तर प्रदेश
9. हेडकांस्टेबल- नरेश यादव, बिहार
10. हेडकांस्टेबल- पद्मनाभन, तमिलनाडु
11. कॉन्स्टेबल- सौरभ कुमार, बिहार
12. कॉन्स्टेबल- अभय मिश्रा, बिहार
13. कॉन्स्टेबल- बनमाली राम, छत्तीसगढ़
14. कॉन्स्टेबल-एनपी सोनकर, मध्यप्रदेश
15. कॉन्स्टेबल-केके पांडे, बिहार
16. कॉन्स्टेबल-विनय चंद्र बर्मन, प. बंगाल
17. कॉन्स्टेबल-पी अलगु पांडी, तमिलनाडु
18. कॉन्स्टेबल- अभय कुमार, बिहार
19. कॉन्स्टेबल- सेंथिल कुमार, तमिलनाडु
20. कॉन्स्टेबल-एन तिरुमुरगन, तमिलनाडु
21. कॉन्स्टेबल- रंजीत कुमार, बिहार
22. कॉन्स्टेबल- आशीष सिंह, झारखण्ड
23. कॉन्स्टेबल- मनोज कुमार, उत्तर प्रदेश
24. कॉन्स्टेबल- अनूप कर्मकार, प. बंगाल
25. कॉन्स्टेबल- राममेहर, हरियाणा
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