सोशल मीडिया का खेलः शराबी जवान खाने की क्वालिटी वाली पोस्ट से बना हीरो, बीएसएफ बनी विलेन

जनता जनार्दन रक्षा संवाददाता , Jan 10, 2017, 14:12 pm IST
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सोशल मीडिया का खेलः शराबी जवान खाने की क्वालिटी वाली पोस्ट से बना हीरो, बीएसएफ बनी विलेन नई दिल्ली: हम जिस दौर में हैं वहां कब कौन हीरो बन जाए और कौन जीरो कहना मुश्किल है. जो जवान अपने अफसरों पर गन तान देता था, और जिसके खिलाफ प्रसासनिक चार बार काररवाई हो चुकी है, वह अमेरिका द्वारा संचालित सोशल मीडिया की मदद से हीरो सा बन गया है, और देश की रक्षा करने वाली फोर्स विलेन. यह एक खतरनाक संकेत है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार को विदेशी प्रभुत्व वाली इन कंपनियों को बढ़ावा देने वाली नीति पर विचार करना चाहिए.

रक्षा महकमे से जुड़े अफसर ने सीमा सुरक्षा बल में खाने की क्वालिटी को लेकर चल रही बहस की बीच यह बात कही है. दर असल  बीएसएफ के जवान तेजबहादुर यादव ने फेसबुक वीडियो के जरिए बड़े अफसरों पर जवानों को मिलने वाले खाने में घोटाले का गंभीर आरोप लगाया है जिसके बाद से बवाल मचा हुआ है.

तेजबहादुर की माने तो उन्हें नाश्ते में जली हुई एक रोटी, चाय और खाने के नाम पर सिर्फ हल्दी नमक वाली दाल ही मिलती है. तेजबहादुर का ये वीडियो वायरल हो चुका है और इसे 70 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है तो वहीं चार लाख लोगों ने वीडियो शेयर किया है.

बीएसएफ डीआईजी एमडीएस मान ने कहा कि जवान जो भी आरोप लगाए हैं उसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि खाने की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं है. आरोप लगाने वाले जवान के ऊपर पहले कई आरोप लग चुके हैं. उसने वीआरएफ की अर्जी दी थी जिसे मंजूर कर ली गई है.

डीआईजी ने कहा कि 20 साल के कार्यकाल में तेज बहादुर यादव के खिलाफ 4 शिकायतें दर्ज थीं. इसलिए उसे प्रमोशन नहीं मिला था, शायद इसलिए वह निराश था. अगर तेज बहादुर के आरोपों में कुछ भी सच निकला तो हम दोषियों के खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई करेंगे.

वहीं दूसरी ओर, जवानों को घटिया खाना परोसे जाने और अफसरों पर गंभीर आरोप लगाने वाले बीएसएफ जवान ने एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा कि उसने पहले भी शिकायत की थी, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो मजबूरी में उसने वीडियो सोशल मीडिया पर डाला.

उसने कहा कि मैंने इस बारे में अपने कमांडर से तीन-चार बार शिकायत की लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो मजबूरन मुझे ऐसा करना पड़ा.

चार मिनट की अवधि वाले तीन अलग-अलग इन वीडियो को सोशल मीडिया पर बीएसएफ की 29वीं बटालियन के कांस्टेबल टीबी यादव (40) ने अपलोड किया है.

वर्दी पहने और राइफल लिए कांस्टेबल यादव वीडियो में दावा कर रहा है कि सरकार उनके लिए जरूरी चीजें खरीदती है, लेकिन उनके वरिष्ठ और अधिकारी उन्हें 'गैरकानूनी' तरीके से बाजार में 'बेच' देते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है. वीडियो में कांस्टेबल यादव ने वह खाना दिखाया है जो कथित रूप से उसे परोसा जा रहा है.

वह कहता है, 'नाश्ते में हमें बिना अचार या सब्जी के सिर्फ पराठा और चाय मिलती है.. हमें 11 घंटों तक कठिन परिश्रम करना पड़ता है और कई बार तो पूरी ड्यूटी के दौरान खड़े ही रहना पड़ता है. दोपहर के खाने में, हमें रोटी के साथ 'दाल' मिलती है जिसमें सिर्फ हल्दी और नमक ही होता है. ऐसी गुणवत्ता का खाना हमें मिल रहा है.. एक जवान कैसे अपनी ड्यूटी कर सकता है? मैं प्रधानमंत्री से जांच की मांग करता हूं.. कोई हमारी मुश्किलों को नहीं दिखाता. यह हमारे खिलाफ अत्याचार और अन्याय है.'

यादव कहता है कि यह वीडियो शूट करने और अपलोड करने की वजह से उसके खिलाफ शायद कड़ी कार्रवाई की जाएगी और वह शायद यहां नहीं रह पाएगा. उसने लोगों से अनुरोध किया कि वह इस मुद्दे को आगे बढ़ाएं ताकि सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें.

बीएसएफ जवान तेजबहादुर  का वीडियो वायरल होने के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. उन्होंने सोशल नेटवर्किंग साइट पर लिखा, 'मैंने बीएसएफ जवान का वीडियो देखा है, जिसमें उन्होंने शिकायत की है. मैंने गृह सचिव से इस मामले पर पूरी रिपोर्ट मांगी है. उसकी शिकायत पर बीएसएफ उचित कार्रवाई करेगी.'

इधर, बीएसएफ ने जवान के दागी इतिहास का हवाला देते हुए उसके आरोपों को खारिज किया है हालांकि, जवान ने अपने ऊपर पूर्व में ऐक्शन लिए जाने की बात कबूला है और कहा है कि  उसके आरोपों की भी जांच होनी चाहिए.

जवान ने यह भी कहा है कि अगर उसके इस कदम से उसके साथियों का भला होता है तो अपने साथ होने वाले किसी भी बुरी चीज का सामना करने के लिए वह हमेशा से तैयार है.

इस बीच, एक खुलासा हुआ है कि फेसबुक पर पोस्ट डालने वाले बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव का करियर दागदार रहा है. 2010 में नौबत कोर्ट मार्शल तक आ गई थी, हालांकि, किसी तरह उसकी नौकरी बच गई.
मंगलवार को बीएसएफ के आईजी डीके उपाध्याय ने कहा, 'वीडियो बनाने के पीछे कुछ और मकसद हो सकता है, क्योंकि वहां तैनात और किसी जवान ने ऐसी कोई शिकायत नहीं की. सीनियर अफसरों ने उस कैम्प का दौरा किया पर ऐसी कोई बात नहीं सामने आई है. जांच अच्छे से हो इसलिए उसे अलग हेडक्वार्टर शिफ्ट कर दिया गया है.'

तेज बहादुर यादव फेसबुक पर लगातार पोस्ट कर रहा है. जवान ने पिछले कुछ घंटों के भीतर एक के बाद एक कई पोस्ट किए हैं. मंगलवार तड़के करीब 4 बजे उसने एक पोस्ट में कहा, 'मैं एक फौजी हूं अपने देश का सच्चा सिपाही हूं, मेरा किसी धर्म के प्रति कोई गलत विचार नहीं है अगर मेरे से कोई गलती हूई है तो मैं हर धर्म से माफी मागंता हूं. जय हिंद.'

इधर, फेसबुक पर तेज बहादुर के फॉलोअर्स की तादाद भी तेजी से बढ़ी है. सोमवार की रात उसके फॉलोअर्स की संख्या 53 हजार के करीब थी, जो कि अब बढ़कर 85 हजार के करीब पहुंच चुकी है.

इस बीच, पूर्व क्रिकेटर वीरेंदर सहवाग ने भी पूरे मसले पर अपनी नाराजगी जतायी है. सहवाग ने ट्वीट कर कहा, 'हमारे किसानों और सैनिकों को खास तवज्जो की जरूरत है' उन तक पर्याप्त भोजन पहुंचना चाहिए.

लंदन ओलिंपिक में कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त ने भी जवान के पक्ष में अपनी बात कही है. उन्होंने टि्वटर पर लिखा, 'रक्षकों की दुर्दशा एक रोटी से ड्यूटी और पीस पोस्टिंग में मैडम के शॉपिंग बैग उठाओ.
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