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राखी बांधने का मुहूर्त इस बार दोपहर बाद
जनता जनार्दन डेस्क ,
Aug 23, 2015, 11:46 am IST
Keywords: Raksha Bandhan Raksha Bandhan 2015 Sister Brother Rakhi रक्षाबंधन रक्षाबंधन २०१५ बहन भाई राखी
![]() इसके अलावा श्रावणी पूर्णिमा पर इस बार श्रवण नक्षत्र भी नहीं रहेगा। जनेऊ परंपरा को मानने वाले ब्राह्मण व जातक भी भद्रा काल के पश्चात जनेऊ धारण कर सकेंगे। दोपहर तक भद्रा, उसके बाद दिनभर शुभ मुहूर्त , रक्षाबंधन व होलिका दहन पर भद्रा का त्याग करना चाहिए। यदि रक्षाबंधन के दिन भद्रा का वास हो तो जब भद्रा की स्थिति रहे तब तक राखी नहीं बंधवानी चाहिए। चूंकि इस बार 29 अगस्त को पड़ रहे रक्षाबंधन के एक दिन पहले शुक्रवार की रात को 3.35 बजे से भद्रा का योग शुरू हो रहा है जो 29 अगस्त को दोपहर 1.50 बजे तक रहेगा। भद्रा काल में राखी बांधने की मान्यता नहीं होने के कारण बहनों को चाहिए कि वे दोपहर तक राखी न बांधे, लेकिन इसके बाद फिर रात तक पूर्णिमा है और दोपहर से रात तक शुभ मुहूर्त होने से राखी बांधी जा सकती है। ब्राह्मण करेंगे श्रावणी उपाकर्म शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि श्रावण मास की पूर्णिमा को श्रावणी उपाकर्म किया जाना चाहिए। पूजा-पाठ, वेद शास्त्रों का पठन-पाठन करवाने वाले ब्राह्मण नदी में स्नान-ध्यान करके जनेऊ बदलेंगे और हवन-यज्ञ करेंगे। रक्षा सूत्र की परंपरा - पूर्णिमा पर ब्राह्मण व राजपुरोहित अपने यजमानों व राजा-महाराजाओं को रक्षा सूत्र बांधते थे, ताकि वह रक्षा सूत्र संकट की घड़ी में रक्षा करे। यही परंपरा आगे चलकर रक्षाबंधन के रूप में परिवर्तित हो गई। इसके अलावा एक और कथा प्रचलित है कि द्वापर युग में जब जब सुदर्शन चक्र से भगवान श्रीकृष्ण की उंगली पर चोट लग गई थी तब द्रोपदी ने अपनी साड़ी फाड़कर श्रीकृष्ण की उंगली में बांधी थी। महाभारत के पूर्व जब कौरवों की सभा में द्रोपदी का चीरहरण किया जा रहा था तब श्रीकृष्ण ने चीर बढ़ाकर द्रोपदी की लाज बचाई थी। आगे चलकर यह परंपरा बन गई कि बहनें यदि भाई को रक्षा सूत्र बांधे तो भाई की रक्षा होती है और उसका जीवन सुख व समृद्ध होता है। |
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