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महेंद्र के चने के मुरीद हैं धोनी
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Apr 06, 2012, 13:46 pm IST
Keywords: Indian cricket captain Mahendra Singh Dhoni Ranchi Diudi Temple Mahendra Verma gram Jharkhand Cricket Association भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी रांची दिउड़ी मंदिर महेंद्र वर्मा के चने झारखंड क्रिकेट संघ
![]() ऐसा नहीं है कि केवल धेनी को ही उनके हमनाम महेंद्र चना खिलाते हों, बल्कि पिछले 40 सालों से सभी खिलाड़ी महेंद्र के ठेले तक पहुंचकर उनके चने का जमकर लुत्फ उठाते रहे हैं। महेंद्र भी रांची में होने वाली सभी क्रिकेट प्रतियोगिताओं के समय मैदान के बाहर अपना ठेला लगाना नहीं भूलते। उन्हें भी खिलाड़ियों को चने खिलाने और पानी पिलाने में आनंद मिलता है। झारखंड के चतरा जिले के रहने वाले महेंद्र ने बताया कि वह रांची पढ़ाई करने के लिए आए थे और इसी दौरान वे क्रिकेट के मैदान में भी क्रिकेट देखने आते थे। क्रिकेट में उनकी दिलचस्पी इतनी बढ़ गई की वह कोई भी मैच देखना नहीं भूलते थे। इस क्रम में वे मैदान पर अपने खाने के लिए चना भी लेकर पहुंचने लगे और उसे ही खाकर मैच का आनंद लेने लगे। महेंद्र उम्र बढ़ने के बाद रोजगार तलाशने लगे। एक दिन क्रिकेट को ही उन्होंने रोजगार बनाने को सोचा और फिर वह क्रिकेट मैचों के दौरान ठेला लगाने लगे। वह कहते हैं कि धोनी उनके चना के मुरीद हैं। उन्होंने बताया कि प्रारंभ से ही धोनी क्रिकेट की गेंद पर जोरदार प्रहार करते रहे हैं। धोनी की रांची में खेली गई कई दमदार पारी की याद आज भी उनके जेहन में ताजा है। महेंद्र 40 साल से क्रिकेट खिलाड़ियों के नाश्ते और पानी का ख्याल रखते आ रहे हैं। बरसात का मौसम हो या गर्मी की तेज धूप, रांची के मोराहबादी खेल मैदान और मेकन स्टेडियम सहित कई मैदानों में क्रिकेट प्रतियोगिता के मौके पर महेंद्र का ठेला आपको मिल जाएगा। बकौल महेंद्र, धोनी अब भी जब रांची आते हैं तो वह चने खाना नहीं भूलते। रांची जिला क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी शरतचंद्र का कहना है कि अगर महेंद्र अपना ठेला दूसरे स्थान पर लगाएं तो उनकी कमाई ज्यादा होगी क्योंकि खेल के मैदान में केवल खिलाड़ी और अंपायर ही उनका चना खाते हैं, दर्शक तो इधर-उधर जाकर खा लेते हैं। वह कहते हैं कि क्रिकेट के प्रति समर्पण ने ही महेंद्र को क्रिकेट मैदान तक ही सीमित कर दिया है। बकौल महेंद्र खिलाड़ियों की सेवा करने से उन्हें जो संतुष्टि मिलती है किसी और काम में उन्हें नहीं मिलती। वे कहते हैं कि वह कभी भी खिलाड़ियों से पैसे की भी मांग नहीं करते, खिलाड़ी जो पैसा दे देते हैं उसे वे खुशी से रख लेते हैं। महेंद्र के क्रिकेट के प्रति इस जुनून को झारखंड क्रिकेट संघ भी सलाम करता है। रांची जिला क्रिकेट संघ के सचिव सुनील कुमार सिंह कहते है कि रांची जिला क्रिकेट संघ के 50 साल पूरा होने के अवसर पर संघ ने महेंद्र को सम्मानित करने की भी योजना बनाई है। बकौल सुनील, अब सुविधा बढ़ गई है परंतु जब सुविधा नहीं भी थी तब भी महेंद्र ने अपने व्यापार को क्रिकेट मैदान तक ही सीमित रखा जो उनके क्रिकेट के प्रति समर्पण की भाव को दर्शाता है। |
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