'आईआरएनएसएस-1सी' की उलटी गिनती कल से

'आईआरएनएसएस-1सी' की उलटी गिनती कल से चेन्नई: अमेरिका के ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम के समकक्ष भारतीय प्रणाली की स्थापना के लिए सात उपग्रहों की श्रृंखला के तीसरे नौवहन उपग्रह आईआरएनएसएस 1सी के प्रक्षेपण के लिए उलटी गिनती कल से श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र से शुरू हो जाएगी।

इससे पहले इसे छह अक्टूबर को प्रक्षेपित करने की योजना थी लेकिन तकनीकी दिक्कतों के कारण इसे टाल दिया गया था।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया, अभियान के लिए 67 घंटे की उलटी गिनती 13 अक्टूबर को भारतीय समयानुसार सुबह छह बजकर 32 मिनट पर शुरू होगी।

1425.4 किलोग्राम वजन के आईआरएनएसएस 1सी का प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारत के पीएसएलवी-सी26 की 28वीं उड़ान के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा।

इससे पहले इसी तरह के अभियान आईआरएनएसएस 1ए और आईआरएनएसएस 1बी के प्रक्षेपण की तरह ही यह अभियन भी पीएसएलवी के एक्सएल वर्जन से प्रक्षेपित किया जाएगा।

अमेरिका के ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम की तरह ही क्षेत्रीय नौवहन प्रणालीके निर्माण की आकांक्षाओं के तहत इसरो की योजना भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) स्थापित करने के लिए सात उपग्रह भेजने की है।

इस श्रृंखला के दो उपग्रह प्रक्षेपित किए जा चुके हैं। आईआरएनएसएस 1ए एक जुलाई 2013 और आईआरएनएसएस 1बी इस साल चार अप्रैल को प्रक्षेपित किया गया।

इसरो के अधिकारियों ने बताया कि आईआरएनएसएस के अभियान को शुरू करने के लिए सात उपग्रहों में से इसरो को कम से कम चार को प्रक्षेपित करने की जरूरत है।

आईआरएनएसएस अमेरिका के ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम, रूस के ग्लोनास और यूरोप के गैलिलियो की तरह ही है। चीन और जापान की भी इसी तरह की प्रणाली बेईदू और कासी जेनिथ हैं।
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