अरब और हिंद महासागर में चीन पर नजर रखने हेतु भारत कर सकेगा ओमानी बंदरगाह का इस्तेमाल

अरब और हिंद महासागर में चीन पर नजर रखने हेतु भारत कर सकेगा ओमानी बंदरगाह का इस्तेमाल नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओमान के सुल्तान कबूस से द्विपक्षीय व क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की और दोनों देशों ने रक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग सहित आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में दुबई से यहां पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुल्तान कबूस बिन साद अल साद के साथ प्रतिनिधि स्तर की वार्ता की अगुआई की।  

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, ‘हमारे द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊंचाई छूते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओमान के सुल्तान कबूस के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की।

दोनों रणनीतिक साझेदारों के बीच व्यापार और निवेश, ऊर्जा, रक्षा और सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के बारे में बातचीत हुई।’ सुल्तान कबूस ने ओमान के विकास में भारतीयों की ‘कड़ी मेहनत और ईमानदारी’ भरे योगदान की सराहना की।

वार्ता के बाद जारी साझा बयान में दोनों देशों ने पाकिस्तान का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए आतंकवाद के प्रायोजकों को अलग-थलग करने का आह्वान किया। इसमें कहा गया कि दोनों देश आतंकवाद की गतिविधियों को अंजाम देने के लिए विभिन्न समूहों व सरकारों द्वारा धर्म का ‘दुरुपयोग’ किए जाने के खिलाफ प्रयासों में एक दूसरे का सहयोग करेंगे।

साझा बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने स्वीकार किया कि आतंकवाद ने शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा किया है। दोनों ने इस समस्या से निपटने के लिए द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलकर काम करते रहने पर सहमति जताई है। इसके मुताबिक दोनों देशों ने आतंकवाद के प्रायोजकों और समर्थकों को अलग-थलग करने का आह्वान किया।

दोनों ने इस बात पर सहमति जताई कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंक की मदद करने वाली और इसे राजकीय नीति के तौर पर इस्तेमाल करने वाली सभी इकाइयों के खिलाफ तत्काल कदम उठाना चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी और सुल्तान कबूस ने फैसला किया कि समावेशी समाज के निर्माण में भारत और ओमान अपने अनुभव को प्रचारित-प्रसारित करेंगे। दोनों देशों ने आतंकी नेटवर्कों, इनके वित्तपोषण और आवाजाही को अवरूद्ध करने के प्रयासों में एक दूसरे के सहयोग के महत्त्व पर जोर दिया।

वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसमें दीवानी और वाणिज्यिक मामलों में कानूनी व न्यायिक सहयोग पर एक सहमति पत्र भी शामिल है। दोनों देशों ने विदेश सेवा संस्थान, विदेश मामलों के मंत्रालय, भारत और ओमान राजनयिक संस्थान के बीच सहयोग को लेकर एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए। राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय, ओमान की सल्तनत और रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान के बीच शैक्षिक और विद्वतापूर्ण सहयोग के लिए एक सहमति पत्र पर दस्तखत किए। दोनों देशों ने सैन्य सहयोग के समझौते पर भी हस्ताक्षर किए।

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओमान की राजधानी में कबूस स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देशों के राजनीतिक माहौल में उतार-चढ़ाव के बावजूद भारत और ओमान के संबंध हमेशा मजबूत रहे हैं।

उन्होंने कहा कि दोनों के संबंधों को मजबूत करने में ओमान में रह रहे भारतीयों ने अहम भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ओमान की उनकी यात्रा और पेट्रोलियम संसाधनों से भरपूर खाड़ी देशों के शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत से सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों में ‘उल्लेखनीय गति’ आएगी।

ओमान की दो दिन की यात्रा संपन्न करने से पहले मोदी ने ट्वीट किया, ‘ओमान की यात्रा उन यात्राओं में से है, जिसे मैं लंबे समय तक याद रखूंगा।’
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