इमैन्युअल मैक्रों, 39 साल की उम्र में बने फ्रांस के सबसे युवा राष्ट्रपति

इमैन्युअल मैक्रों, 39 साल की उम्र में बने फ्रांस के सबसे युवा राष्ट्रपति पेरिसः इमैन्युअल मैक्रों फ्रांस के अगले राष्ट्रपति होंगे. रविवार को हुई वोटिंग में उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी मैरीन ल पेन को हरा दिया है.

39 साल के मैक्रों फ्रांस के सबसे युवा राष्ट्रपति होंगे. न्यूज एजेंसियों के मुताबिक मैक्रों के लगभग 64 फीसदी वोटों के साथ जीतने का संभावना जताई गई है.

इस मौके पर मैक्रों ने कहा कि फ्रांस के लंबे इतिहास में एक नया अध्याय शुरू हो रहा है. उन्होंने कहा, 'मैं चाहता हूं कि यह एक आशा और विश्वास बनकर उभरे.'

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी मैक्रों को बधाई दी. जर्मनी की चांसलर ऐंगला मर्केल ने भी फोन करके उन्हें बधाई दी.

राष्ट्रपति चुनाव के लिए मैदान में उतरे 11 उम्मीदवारों में से पहले चरण में मैक्रों शीर्ष पर रहे और दूसरे दौर के रन ऑफ चुनाव में शामिल मैरीन ल पेन और मैक्रों ने मतदाताओं के समक्ष फ्रांस से जुड़े अलग-अलग मुद्दों को उठाया था. ये दोनों ही नेता बिल्कुल अलग राजनीतिक विचारधारा वाले हैं. उदार मध्यमार्गी मैक्रों व्यापार समर्थक और यूरोपीय संघ के समर्थक हैं.

मैक्रों का अजेंडा था कि वह 5000 बॉर्डर गार्ड्स की फोर्स बनाएंगे. फ्रांसीसी राष्ट्रीयता हासिल करने के लिए फ्रैंच भाषा जाननी जरूरी होगी.

इसके अलावा फ्रांस में धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का विस्तार उनके अजेंडे में था। उधर मैरीन ल पेन ने अपने अजेंडे में गैरकानूनी प्रवासन पर विराम, सीमा रेखा कंट्रोल, इस्लामी कट्टरवादियों के खिलाफ कार्रवाई और कट्टरवादी मस्जिदों पर कार्रवाई शामिल थी।

मैक्रों एक पूर्व बैंकर हैं और यह उनके जीवन का पहला चुनाव था. मैक्रों का जन्म उत्तरी फ्रांस में हुआ था और 2012 में इन्हें राष्ट्रपति ओलांद का वरिष्ठ सलाहकार नियुक्त किया गया था.

2014 में इन्हें वित्त मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया. नवंबर 2016 में मैक्रों राष्ट्रपति के उम्मीदवार के रूप में सामने आए. इन्हें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का भी समर्थन मिला हुआ है.

मतदान के बाद फ्रांस मीडिया ने इमैन्युअल मैक्रों की 65 प्रतिशत वोट शेयर के साथ जीतने की संभावना जाहिर की थी. दक्षिणपंथी मैरीन ल पेन के लिए 34 प्रतिशत वोट का पूर्वानुमान लगाया गया था.

पहले चरण में मध्यममार्गी इमैन्युअल मैक्रों विजेता रहे थे. मैक्रों और दक्षिणपंथी मैरीन ल पेन ने फ्रांस की राजनीति में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन किया है. उन्होंने काफी समय से फ्रांस की राजनीति में हावी रिपब्लिकन पार्टियों की जड़ें हिला दीं.

इस चुनाव में भी रूसी हैकिंग का मामला एक बार फिर सामने आया. मैक्रों की कैंपेन टीम ने दावा किया था कि उनके दस्तावेजों को लीक करके उनपर हैकिंग अटैक किया गया है.

मैक्रों ने रूस पर हैकिंग अटैक का आरोप लगाया था. अमेरिका में चुनाव के दौरान हिलरी क्लिंटन ने भी रूस पर हैकिंग का आरोप लगाया था.
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