विश्वविद्यालयों को ज्ञान का मुक्त स्वतंत्र स्थल रहने दिया जाए: उपराष्ट्रपति
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Mar 27, 2017, 10:06 am IST
Keywords: Vice President M. Hamid Ansari 66th Convocational Address Panjab University Panjab University Convocation Prof. A.K. Grover उपराष्ट्रपति एम. हामिद अंसारी पंजाब विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एके ग्रोवर
चंडीगढ: उपराष्ट्रपति एम. हामिद अंसारी ने कहा है कि विश्वविद्यालों को ज्ञान के मुक्त, स्वतंत्र स्थलों, महत्वपूर्ण भंडारों और उदार मूल्यों के नवीकरणीय स्रोतों के रूप में रक्षित करने की आवश्यकता है ताकि वे सामाजिक गतिशीलता और लोगों की समानता के अवसर प्रदान कर सकें.
उपराष्ट्रपति चंडीगढ में पंजाब विश्वविद्यालय के 66वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। हरियाणा के राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी, पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एके ग्रोवर और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर मौजूद थे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसी विश्वविद्यालय को एक पोलीटेक्निक मात्र से अधिक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अत्यंत व्यावसायिक संदर्भों में भी विश्वविद्यालय का लक्ष्य सबसे पहले विषय की गहरी समझ विकसित करना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे देश की हाल की घटनाओं से पता चलता है कि विश्वविद्यालय को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, इसे लेकर काफी भ्रम की स्थिति है। उन्होंने इस बात पर चिंता प्रकट की कि हमारे विश्वविद्यालयों की स्वतंत्रता को ‘‘जनहित’’ की संकीर्ण धारणा से चुनौती दी गई है। हामिद अंसारी ने कहा कि असहमति और आंदोलन के अधिकार हमारे संविधान में मौलिक अधिकारों के रूप में प्रदान किए गए हैं। हमारा संविधान बहु-समुदायवादी फ्रेमवर्क है और उसमें संकीर्ण साम्प्रदायिकता, संकीर्ण विचार या संकीर्ण धार्मिक भावना को परिभाषित करने से इन्कार किया गया है. |
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