गोपी चन्द की सफलता एक मिसाल है दिव्यांग जनों के लिए

गोपी चन्द की सफलता एक मिसाल है दिव्यांग जनों के लिए भरतपुरः 21 वर्षीय गोपी चन्द के लिए अब दुनिया बदल गई है. वह स्वावलंबी हैं और दूसरों के लिए मिसाल भी. वह अनुसूचित जाति के एक दिव्यांग व्यक्ति हैं, जो कि भरतपुर जिले में कांमा, कोली मोहल्ले में रहते हैं. गोपी अपने दांये पैर से अक्षम हैं. वे ठीक तरह से न तो दौड़ पाते हैं न ही चल पाते हैं. उनके परिवार में गोपी सहित कुल आठ सदस्य हैं.

गोपी चन्द ने केवल माध्यमिक स्तर तक ही शिक्षा प्राप्त की है. वह किसी दूसरी व्यावसायिक कला में भी शिक्षित और निपुण नहीं थे, इस कारण से उन्हें नॉकरी प्राप्त करने में भी बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था.

उनको अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरतों और दो वक्त के भोजन के लिए पूर्णतः अपने परिवार पर ही निर्भर रहना पड़ रहा था.  परंतु जब वे पहली बार इंटेलिजेंस मैनपावर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की मोबिलाइज़ेशन टीम, जो कि साल 2014 से विकलांग  व्यक्तियों के कल्याण में कार्यरत है, से मिले तो उनमें एक आत्मविश्वास  की भावना जागी और आत्मनिर्भर होने की उम्मीद मिली.

उन्होंने फिर राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के तहत इंटेलिजेंस मैनपावर सर्विसेज द्वारा चलाये जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम - घरेलु उपकरण , में दाखिला  लिया और अपने भीतर की कला को विकसित किया. अब वे खुद की घरेलु उपकरणों की दुकान चलाते हैं, जिसका नाम देवा इलेक्ट्रीशियन है और उस दुकान से वे अब 8000 रुपये प्रति माह कमाते हैं.

इंटेलिजेंस मैनपावर दिव्यांग लोगों को उनके भविष्य को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है और अब तक दर्जनों लोगों को ट्रेनिंग दिलाकर आर्थिक रूप से स्वावलंबी बना चुका है.
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