'स्वच्छ भारत' सम्मान

'स्वच्छ भारत' सम्मान नई दिल्ली: 16 मार्च, 2015, दिन सोमवार, 'स्वच्छ भारत' संस्थान और WCSA यानी 'वर्ल्ड क्रिएटिविटी साइंस एसोसिएशन' के लिए गौरव का दिन रहा. स्वच्छ भारत और WCSA राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के इन विचारों, 'BE THE CHANGE YOU WANT TO SEE IN THE WORLD'  यानी 'दुनिया में जो बदलाव आप देखना चाहते हैं उसकी शुरुआत खुद से करें' में विश्वास करता है.

'स्वच्छ भारत' ने 'WCSA' के साथ मिलकर इस दिन उन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शख्सियतों को सम्मानित किया, जिन्होंने अपने दैनिक कामों से इतर हट कर मानवता, समाजसेवा, राजनीति, चिकित्सा, नारी-सशक्तिकरण, प्रकृति एवं पर्यावरण, स्वच्छता, शिक्षा, नशा-मुक्ति, बाल-अधिकार, जल-संरक्षण, मनोरंजन, विज्ञान आदि की दिशा में वह मिसाल कायम की, जिसकी समाज को, देश को, दुनिया को जरूरत थी.

'स्वच्छ भारत' ट्रस्ट साल 2011 में देश, समाज और मानवता की तरक्की के लिए निर्मित वह स्वयंसेवी संगठन है, जिस का उद्देश्य देश और समाज में वैचारिक, आध्यात्मिक और मानसिक स्वच्छता और शांति लाना है.

'वर्ल्ड क्रिएटिविटी साइंस एसोसिएशन' अपने-अपने देशों में अलग-अलग  रिकॉर्ड बनाने वालों की पहचान कर उनके काम को सम्मान दिलाने की दिशा में  काम कर रही संस्था इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्‍स और वियतनाम बुक ऑफ रिकॉर्ड्‍स का एक संयुक्त संगठन है.

'स्वच्छ भारत' संस्थान और WCSA को इस बात की खुशी है कि उस ने ऐसी शख्सीयतों को 'स्वच्छ भारत रत्न', 'गोल्डन डिस्क अवार्ड', 'सोशल रिस्पान्सबिलिटी  अवार्ड', और 'वर्ल्ड क्रिएटिविटी साइंस अवार्ड' जैसे सम्मानों से नवाजा, जिनके कामों और जीवन ने न जानें कितनों के जीवन को बदला और दूसरों के लिए मिसाल बने.  

यह सम्मान समारोह 'स्वच्छ भारत ट्रस्ट', और  वियतनाम की संस्था 'वर्ल्ड क्रिएटिविटी सांइस एकेडमी के सौजन्य से फरीदाबाद के सूरजकुंड के होटल एट्रियम में हुई, जिसमें इस दिन सम्मानित होने वाली विभूतियों के अलावा राजनीति, अभिनय, कला, विज्ञान, कॉरपोरेट और मीडिया जगत की तमाम बड़ी हस्तियों ने शिरकत की.

'स्वच्छ भारत' ट्रस्ट की कोशिश है कि हममें से हर व्यक्ति अपनी ज़िम्मेदारी समझे और किसी भी बेहतर काम की शुरुआत खुद से करे. हम खुद तो इसके लिए प्रयास कर ही रहे, दूसरों को भी जागरूक कर रहे हैं.  

WCSA का मकसद ऐसे लोगों, संस्थाओं व संगठन की पहचान कर उन्हें सम्मानित करना है, जो अपने सृजनात्मक विचारों और निष्कर्षों से समाज  को कोई दिशा देते हैं या उसमें बदलाव लाते हैं.
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