बजट सत्र समाप्त, रहा लाभकारी: एमए नकवी

बजट सत्र समाप्त, रहा लाभकारी: एमए नकवी नई दिल्लीः संसदीय कार्य राज्‍य मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने कहा कि सरकार द्वारा प्रतिपक्ष और अन्‍य राजनीतिक दलों के साथ लगातार बातचीत करने के परिणामस्‍वरूप कुछ मुद्दों पर गर्म बहस होने के बावजूद संसद का काम बेहतर तरीके से चला.

इस वर्ष दूसरे बजट सत्र के समापन पर मीडिया से बातचीत करते हुए उन्‍होंने कहा कि वित्‍त मंत्री और राज्‍यसभा के नेता अरुण जेटली, संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू और दो संसदीय कार्य राज्‍य मंत्रियों द्वारा विभिन्‍न मुद्दों पर सतत समन्‍वय, संपर्क और सहयोग के जरिए सरकार प्रतिपक्ष तथा अन्‍य दलों के साथ लगातार बातचीत करती रही है.

पिछले दो वर्षों के दौरान संसद की कार्यवाही और वि‍धायी कार्य के संबंध में सरकार के प्रयासों का ब्‍यौरा देते हुए श्री नकवी ने सूचित किया कि पिछली अवधि की तुलना में इस बार सदन की बैठकें अधिक हुईं और लोकसभा में अधिक विधेयक पारित किए गए.

उन्‍होंने बताया कि प्रति वर्ष लोकसभा की 75 बैठकें हुईं और 48 विधेयक पारित किए गए, जबकि 2004-14 के दौरान प्रति वर्ष 70 बैठके हुई थीं और 45 विधेयक पारित हुए थे। इसी प्रकार प्रति वर्ष राज्‍यसभा की 71 बैठके हुईं और 41 से अधिक विधेयक पारित हुए, जबकि 2004-14 के दौरान प्रति वर्ष 66 बैठके हुई थीं और 45 विधेयक पारित हुए थे। पिछले दो वर्षों के दौरान लोकसभा ने 96 विधेयक और राज्‍यसभा ने 83 विधेयकों को पारित किया।

16वीं लोकसभा में अब तक हुए आठ सत्रों के दौरान सदन की लाभकारिता (कार्य अ‍वधि के संबंध में) छह सत्रों के संबंध में शतप्रतिशत रही. राज्‍यसभा की लाभकारिता दो सत्रों के संबंध में 100 प्रतिशत से अधिक रही और पिछले दो वर्षों के दौरान अन्‍य तीन सत्रों के संबंध में यह 80 प्रतिशत से अधिक रही.

आज समाप्‍त होने वाले मौजूदा बजट सत्र और राज्‍यसभा के अनिश्चितकालीन स्‍थगन के बारे में श्री नकवी ने कहा, ‘कुछ समाचार माध्‍यमों और राजनीतिक हलकों की भविष्‍यवाणी के विपरीत यह सत्र कमोबेश अधिक लाभकारी और उपयोगी रहा, बावजूद इसके कि कुछ मुद्दों पर गर्म बहस भी हुई. संसद में विवादित मुद्दों को उठाए जाने के बावजूद विधायी कार्य होता रहा। बेशक इस संबंध में और सुधार की आवश्‍यकता है।’

मंत्री ने कहा कि इस सत्र के दौरान व्‍यवधान के कारण लोकसभा में जानबूझकर काम रोकने की एक भी घटना नहीं हुई और राज्‍यसभा में भी पिछले दो सत्रों के दौरान व्‍यवधान नहीं हुआ। इसके लिए उन्‍होंने अध्‍यक्ष एवं सभापति/उपसभापतियों तथा राजनीतिक दलों को धन्‍यवाद दिया। उन्‍होंने कहा कि लोकसभा में निर्धारित अवधि से अधिक 14 घंटे 32 मिनट काम हुआ। इसके कारण विधायी कार्य जल्‍द पूरा हो गया।

नकवी ने बताया कि इस सत्र के दौरान लोकसभा की उत्‍पादकता 117.58 प्रतिशत और राज्‍यसभा की उत्‍पादकता 86.68 प्रतिशत रही। लोकसभा में 10 विधेयक और राज्‍यसभा में 12 विधेयक पारित हुए।

इस सत्र के दौरान जो प्रमुख विधेयक पारित हुए, उनमें वित्‍त विधेयक और रेलवे विनियोग विधेयक, दिवाला और दिवालियापन संहिता, खान और खनिज (विकास और विनियमन) विधेयक, उद्योग (विकास और विनियमन) विधेयक और विमान अपहरण निरोधी विधेयक शामिल हैं, जिन्‍हें दोनों सदनों ने पारित किया। इसके अलावा प्रतिपूरक वनीकरण विधेयक को लोकसभा ने पारित किया।

नकवी ने कहा कि राज्‍यसभा में विचार और पारित करने के लिए 44 विधेयक और लोकसभा में 11 विधेयक लंबित हैं।

नकवी ने कहा कि सुधारों के लिए संसद को और प्रयास करने होंगे। उन्‍होंने उम्‍मीद जाहिर की कि जीएसटी विधेयक को राजनीतिक विचार-विमर्श के तहत अधिक समय तक लंबित नहीं रहना पड़ेगा और उसे जल्‍द पारित कर दिया जाएगा।

मंत्री ने बताया कि पिछले दो वर्षों के दौरान संसद ने एक दर्जन से अधिक सुधार संबंधी विधेयक पारित किए हैं। इनमें बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, प्रतिभूति कानून (संशोधन) विधेयक, श्रम कानून (संशोधन) विधेयक, कोयला खान (विशेष प्रावधान) विधेयक, खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, भुगतान एवं निपटान प्रणाली (संशोधन) विधेयक, कंपनी (संशोधन) विधेयक, परक्राम्य लिखत (संशोधन) विधेयक, परिसंपत्ति (विनियम एवं विकास) विधेयक, आधार (वित्‍तीय एवं अन्‍य राजसहायता, लाभ एवं सेवा के लक्षित अंतरण) विधेयक, भारतीय न्‍यास (संशोधन) विधेयक और दिवाला एवं दिवालियापन संहिता शामिल हैं।

नकवी ने बताया कि भ्रम दूर करने के लिए पिछले दो वर्षों के दौरान 1,175 पुराने और अप्रासंगिक अधिनियमों को रद्द कर दिया गया है।

उल्‍लेखनीय है कि बजट सत्र 25 अप्रैल, 2016 को शुरू हुआ था। आज राज्‍यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्‍थगित हो गई, जबकि लोकसभा 11 मई, 2016 को स्‍थगित हुई थी.
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