नीरज हत्याकांड: सजा तो मिली, पर कम

नीरज हत्याकांड: सजा तो मिली, पर कम मुम्बई: बहुचर्चित नीरज ग्रोवर हत्याकांड मामले में मुम्बई की एक अदालत ने शुक्रवार को नौसेना के पूर्व अधिकारी एमिली जेरोम मैथ्यू को 10 साल और कन्नड़ अभिनेत्री मारिया मोनिका सुसाइराज को तीन साल की सजा सुनाई।

मारिया को सबूत मिटाने का दोषी पाया गया है। अदालत से हालांकि उसे तीन साल कैद की सजा सुनाई गई है, लेकिन उसका वक्त जेल में नहीं बीतेगा, क्योंकि अदालती सुनवाई के दौरान वह तीन साल से अधिक वक्त जेल में बिता चुकी है।

टेलीविजन प्रोड्यूसर ग्रोवर की मई 2008 में हत्या कर दी गई थी। अदालत ने मैथ्यू और मारिया से ग्रोवर के परिवार को क्रमश: एक लाख रुपये और 50,000 रुपये देने को कहा है।

सत्र न्यायाधीश एम. डब्ल्यू. चंदवानी ने गुरुवार को मैथ्यू को गैर इरादतन हत्या और सबूत मिटाने का दोषी ठहराया था। अदालत ने मारिया को भी सबूत मिटाने का दोषी पाया था।

मारिया के वकील शरीफ शेख ने बताया, "शुक्रवार को अदालत की पूरी सुनवाई के दौरान वह चुप रही। उसने मुझे केवल 'धन्यवाद' कहा।"

मैथ्यू ने अपनी प्रेमिका मारिया से ग्रोवर के कथित प्रेम सम्बंधों के कारण उसकी हत्या कर दी थी। बताया जाता है कि सात मई, 2008 को उसने धीरज सोलिटेयर बिल्डिंग स्थित मारिया के अपार्टमेंट में ग्रोवर को देखा था, जिसके बाद उसने रसोईघर में सब्जी काटने के लिए रखे गए चाकुओं से गोदकर उसकी हत्या कर दी।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, मारिया और मैथ्यू ने ग्रोवर के शव को ठिकाने लगाने के लिए उसके कई टुकड़े कर दिए। बाद में उसे ठाणे जिले से सटे मनोर ले जाकर जला दिया।

अभियोजन पक्ष ने उन्हें हत्या का दोषी ठहराने की मांग की, लेकिन अभियुक्तों की उम्र और हालात को देखते हुए अदालत ने मैथ्यू को गैर इरादन हत्या का दोषी ठहराया, जबकि मारिया को केवल सबूतों से छेड़छाड़ का दोषी करार दिया।
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