तीन तलाक द्रोपदी के चीरहरण जैसा, जो चुप वे अपराधीः योगी आदित्यनाथ ने की समान कानून की वकालत
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Apr 17, 2017, 15:22 pm IST
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लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती के मौके पर किताब विमोचन के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योगी ने कई नई बहसों और सवालों को जन्म दे दिया है. योगी ने कहा कि ट्रिपल तलाक महिलाओं के अधिकार पर हमला है लेकिन कुछ लोगों के मुंह क्यों बंद हैं. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश की समस्या पर कुछ लोगों का मुंह बंद है. उन्होंने महाभारत में द्रौपदी के चीरहरण के वक्त वहां मौजूद लोगों के मौन का उदाहरण देते हुए कहा कि तीन तलाक पर जो मौन हैं वे अपराधियों जैसे हैं. योगी ने तीन तलाक को बड़ी समस्या बताते हुए इसे महिलाओं के साथ अन्याय बताया. योगी ने अपने भाषण में ट्रिपल तलाक और कॉमन सिविल कोड पर अपनी बात रखी. समान नागरिक संहिता पर योगी ने कहा कि चंद्रशेखर भी समान नागरिक संहिता के पक्ष में थे. उन्होंने कहा कि सबके लिए एक कानून होना चाहिए. योगी ने कहा कि लोक कल्याण सबका लक्ष्य होना चाहिए. पूर्व पीएम चंद्रशेखर की किताब के विमोचन के मौके पर अखिलेश सरकार में मंत्री रहे रघुराज प्रताप सिंह 'राजा भैया' भी योगी के साथ मौजूद थे. योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में ये 5 सवाल उठाए 1. ट्रिपल तलाक चीरहरण जैसा, कुछ लोग सियासी फायदे के लिए मौन क्यों हैं? 2. जो देश हित के इन मुद्दों पर मौन हैं वे अपराधियों की तरह. आखिर देश के मुद्दों पर चुप्पी क्यों? 3. शादी के लिए, महिलाओं के हक के लिए एक जैसा कानून क्यों नहीं हो सकता? 4. देश एक है तो कानून एक क्यों नहीं हो सकता? 5. कौन लोग हैं जो कॉमन सिविल कोड के विरोधी हैं? आपको बता दें कि सोमवार को सीएम योगी लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती पर किताब विमोचन के कार्यक्रम में बोल रहे थे. उस दौरान उन्होंने कहा कि ट्रिपल तलाक महिलाओं के अधिकार पर हमला है लेकिन कुछ लोगों के मुंह क्यों बंद हैं. योगी ने इस मामले पर द्रौपदी के चीरहरण का उदाहरण दिया. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्रिपल तलाक को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा है कि तीन तलाक से मुस्लिम बहनों को दिक्कत हो रही है और केंद्र सरकार इस पर जल्द हल चाहती है. पीएम मोदी ने ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित बीजेपी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आखिरी दिन रविवार को कहा कि बीजेपी का रुख तीन तलाक मुद्दे पर बिल्कुल साफ है. पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे वरिष्ठ नेता कहा करते थे, राज नहीं समाज को बदलना है. प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर कोई सामाजिक बुराई है तो समाज को जागना चाहिए और न्याय प्रदान करने की दिशा में प्रयास करना चाहिए. प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मुस्लिम महिलाओं को शोषण का सामना नहीं करना चाहिए. मुस्लिम धर्मगुरू राशिद महली फिरंगी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के हक के लिए उनके शिक्षा और रोजगार पर ध्यान दिय़ा जाना चाहिए. तो वहीं जफरयाब जिलानी बोले कि इस्लाम में फैमिली लाइफ के बारे में जो तरीका बताया गया है वह सही तरीका है. कुछ महिलाएं इसका विरोध कर रही हैं लेकिन आप जाकर लोगों से पूछें अधिकांश लोग इसके खिलाफ नहीं हैं. मुस्लिम नेता शाइस्ता अंबर इस मुद्दे पर कहा कि ये धर्म का मामला ही नहीं है. ये महिलाओं के अधिकार और उनके हक का मामला है. इसमें धर्मगुरुओं की बातों में नहीं आना चाहिए और महिलाओं को कानूनी सुरक्षा दी जानी चाहिए. आपको बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बेवजह तीन तलाक देने वाले शख्स का सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला किया है. मुस्लिम बोर्ड ने तीन तलाक पर 5 करोड़ महिलाओं के सर्वे का हवाला दिया और कहा कि मुस्लिम महिलाएं शरीयत के साथ हैं. मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने लखनऊ में चली दो दिन की बैठक के बाद साफ किया कि तलाकशुदा महिलाओं की हर संभव मदद के लिए पर्सनल लॉ बोर्ड तैयार है. बोर्ड ने मियां-बीवी के विवाद को लेकर कोड ऑफ कंडक्ट भी जारी किया और मुसलमानों को फिजूलखर्जी से बचने की सलाह दी. इसके साथ ही पर्सनल बोर्ड ने सलाह दी कि मां-बाप अपनी बेटी की शादी में दहेज ना देकर प्रोपर्टी में महिलाओं की हिस्सेदारी दें. |
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