सैयदराजा में विनीत, मनोज और सुशील की 'सिंह' लड़ाई

सैयदराजा में विनीत, मनोज और सुशील की 'सिंह' लड़ाई

चंदौली: दिलचस्प मुकाबला सैयदराजा की सबसे हॉट सीट पर. हॉट सीट इसलिए क्योंकि शुरू से ही    बाहुबलियों, धनबल का सियासी अखाड़ा रही है चंदौली की सैयदराजा विधानसभा सीट. यहां माफिया से माननीय बनने की चाहत प्रत्याशियों के मन इस कदर रहती है कि जब से सैयदराजा विधानसभा सीट घोषित हुई, यहां के चुनाव मैदान में बाहुबलियों का ही बोलबाला रहा है.

यह अलग बात है कि अब तक किसी बड़े बाहुबली के हाथ सफलता नहीं लगी. इसलिए सैयदराजा विधानसभा चुनाव के नतीजे पर पूरे उत्तरप्रदेश की नजर लगी है. आखिर इसकी चर्चा क्यों न हो? यहाँ से 3-3 सिंह अपनी गर्जना के साथ आपस में चुनाव मैदान में जो उतरे हैं.

शुरुआत करते हैं वर्तमान विधायक मनोज सिंह से. मनोज सिंह एक ऐसे प्रत्याशी हैं, जो माफ़िया डॉन बृजेश सिंह को हरा 2012 में चुनाव जीतकर विधायक बनें.

मनोज उस समय चुनाव मैदान में कैंची चुनाव चिन्ह से चुनाव लड़े थे और विजयी हुए. इससे पहले मनोज समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भी रह चुके थे, लेकिन तब 2012 में मुलायम का दिल मनोज पर मेहरबान नहीं हुआ और यहाँ से हिरन सिंह ने चुनाव लड़ा और हार गए.

मनोज सिंह 'डब्लू' चुनाव जीतने के बाद सपा में वापस आ गए और अखिलेश ने मनोज पर भरोसा कर सपा और कांग्रेस के गठबंधन से दोबारा अपने विधानसभा सैयदराजा से चुनाव के लिए टिकट दे दिया. अब देखना यह होगा कि जनता इस बार उन पर कितना भरोसा करती है.

मनोज जहाँ भी चुनाव के लिए वोट मांगने जा रहे, वह लोगो से कह रहे कि विधायक बनने के बाद मैं 2 साल से नहीं आया आप लोगो के बीच, लेकिन मनोज बेटा है आपका. बेटे से गलती होती है तो माँ- बाप माफ़ करते हैं आप भी हमें जरूर माफ़ कर देंगे और इस बार सिर्फ अपने बेटे को जिताएं.

दूसरी ओर श्यामनारायण सिंह उर्फ़ विनीत बहुजन समाज पार्टी से चुनाव मैदान में हैं. इससे पूर्व विनीत मिर्जापुर से एमएलसी रह चुके हैं और अब इनकी पत्नी प्रमिला सिंह एमएलसी हैं.

विनीत सिंह एक मामले में जेल में रांची बंद थे. कहा जाता है कि बाहुबलियों के श्रेणी में विनीत का भी नाम आता है. विनीत हाल ही में 15 दिनों के पैरोल पर जमानत लेकर सैयदराजा क्षेत्र में आएं हैं, लेकिन खुलकर प्रचार नहीं कर सकते, क्योंकि पैरोल के रोल में यह उचित नहीं.

सिंह की गर्जना की लिस्ट में सुशील का भी नाम आता है. सुशील सिंह माफ़िया डॉन बृजेश सिंह के भतीजे हैं, जिनको मनोज सिंह डब्लू ने हराया था और वर्तमान समय में बृजेश सिंह चुनाव जीतकर एमएलसी बन गए हैं.

दूसरी ओर सुशील 2 बार से एमएलए रह चुके हैं. इस बार सैयदराजा से ताल ठोकेंगे. वैसे तो चंदौली में कोई अपराधिक इतिहास नहीं रहा, लेकिन सुशील के बारे में कहा जाता है कि कुछ मुकदमे सुशील सिंह के ऊपर भी है.

3 सिंह की गर्जना और दहाड़ कितना रंग लाती है, यह तो आने वाला वक़्त बतलाएगा कि इनमे से कौन माफ़िया से माननीय की ओर बढ़ता है.

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