पाकिस्तान,अफगानिस्तान में भूकंप से 280 की मौत

पाकिस्तान,अफगानिस्तान में भूकंप से 280 की मौत इस्लामाबाद: पाकिस्तान में सोमवार को 7.5 तीव्रता वाले शक्तिशाली भूकंप से कम से कम 280 लोगों की मौत हो गई। वहीं, 1,300 से अधिक घायल हो गए हैं। पिछले 10 वर्षों का यह सबसे शक्तिशाली भूकंप है जिससे लोगों में दहशत फैल गई। इसका असर पंजाब और पीओके तक रहा। भारी नुकसान की आशंका को देखते हुए सरकार ने प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव अभियान के लिए सैन्यकर्मियों को रवाना किया है।

‘यूएस जियोलोजिकल सर्वे’ के अनुसार 7.5 तीव्रता वाले भूकंप का केन्द्र काबुल से 250 किलोमीटर दूर उत्तरपूर्वी अफगानिस्तान के जुर्म के करीब 213.5 किलोमीटर की गहराई में स्थित था। भूकंप से इमारत ढह गईं, कई जगह भूस्खलन हुआ और भगदड़ मची। सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान के लिए सेना के जवानों को भेजा है।

पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल राहील शरीफ खबर पख्तूनख्वा के कुछ प्रभावित इलाकों में राहत अभियान के आकलन के लिए रवाना हुए। सेना की मीडिया इकाई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल आसिम बाजवा ने ट्वीट किया, ‘सेना प्रमुख पेशावर स्थित कोर मुख्यालय पहुंच गए हैं। कोर कमांडर (पेशावर हिदायत-उर-रहमान) ने उन्हें नुकसान के आकलन के बारे में जानकारी दी।’

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार खबर पख्तूनख्वा प्रांत और संघ प्रशासित क्षेत्र :फाटा: में 191 लोग मारे गए हैं, जबकि पंजाब प्रांत में पांच और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर तथा गिलगित बाल्टिस्तान में चार लोगों की मौत हुई है। सिर्फ खबर पख्तूनख्वा में 956 लोग घायल हुए हैं। भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित मालाकंद इलाका है जहां 137 लोगों की मौत की खबर है।

सेना प्रमुख ने खबर-पख्तूनख्वा के प्रभावित इलाकों का हवाई जायजा लिया तथा इस दौरान उनके राहत एवं बचाव अभियान के बारे में जानकारी दी गई। बाजवा ने कहा कि प्रभावित इलाकों में ‘क्यूक रैपिड फोर्सेज’ को तैनात किया गया।

प्रांतीय आपदा मोचन प्राधिकरण ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि बचाव एवं राहत कोष का इस्तेमाल किया जाए। सभी सरकारी अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित की गई है तथा प्रभावित इलाकों में जरूरी वस्तुएं भेज दी गई हैं। खबर पख्तूनख्वाह के चितराल, स्वात, शांगला, डीर और बुनेर जिलों में कई इमारतें ढह गई हैं।

पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि इस भूकंप का झटका दिन में करीब 2:09 बजे महसूस किया गया। पर्वतीय इलाकों में भूस्खलन की भी जानकारी सामने आ रही है। ऐसे में मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
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