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'सोशल नेटवर्किंग' राजनीति बिहार का दुर्भाग्य: तारिक अनवर
मनोज पाठक ,
Sep 14, 2015, 12:11 pm IST
Keywords: National Congress Party NCP Senior leader Tariq Anwar Bihar Chief Minister Nitish Kumar SP राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी एनसीपी वरिष्ठ नेता तारिक अनवर बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाजवादी पार्टी
![]() भले ही एनसीपी कल तक महागठबंधन में थी, पर अब वो महागठबंधन से निकलकर एक और साथी समाजवादी पार्टी के साथ तीसरा मोर्चा बना रही है। सवाल: चुनाव में किसके साथ गठबंधन? अब तो एनसीपी महागठबंधन से अलग हो चुका है। कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे? तारिक अनवर: देखिए, हम तो सभी सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार हैं। समाजवादी पार्टी के साथ हमारी बातचीत चल रही है। समाजवादी पार्टी से अगले 2-3 दिनों में बातचीत पूरी हो जाएगी। हम बिहार को तीसरे मोर्चे का विकल्प देने को तैयार हैं। सवालः तीसरे मोर्चे में पप्पू यादव को भी शामिल करेंगे? उनसे तालमेल करेंगे? तारिक अनवरः पप्पू यादव पर कोई बातचीत नहीं हुई है। आगे का देखा जाएगा। सवाल: कांग्रेस बिहार में महज 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही है क्या इसे पहली ही हार मान लेना नहीं कहा जाएगा? तारिक अनवरः कांग्रेस का जनाधार पहले से घटा है। यही वजह है कि पहले से अगले चुनाव में कांग्रेस लगातार कम होती जा रही है। ऐसे में हम सोचते हैं कि 40 सीटें काफी है। सवाल: जनता चाहती है 25 सालों का हिसाब हो। आप किससे सवाल करेंगे? तारिक अनवरः जनता तो सवाल उठाएगी ही। 25 साल बहुत होते हैं। बहुत कुछ किया जा सकता था। लोग सवाल पूछते हैं, तो जवाब इन्हीं दोनों को देना होगा। सवाल: सभी पार्टियां विकास की बात कर रही हैं। एनसीपी के पास विकास का क्या मॉडल है? तारिक अनवरः एसीपी अपने हिसाब से काम करेगी। हम बिहार के विकास के लिए जो कुछ भी हो सकेगा। हम करेंगे। बात तो सभी कर रहे हैं, पर सभी जातिवाद को मूलमंत्र बना रहे हैं और उसी के जरिए आगे बढ़ना चाहते हैं। दुर्भाग्य है बिहार का, कि यहां सोशल नेटवर्किंग की ही राजनीति होती है। जिस दिन विकास मुद्दा हो जाएगा, बिहार बहुत आगे बढ़ जाएगा। सवाल: सेक्युलेरिज्म की राजनीति ही क्या भविष्य है बिहार का? तारिक अनवरः सेक्युलेरिज्म की राजनीति बेहद जरुरी है। देश में अलग अलग धर्मों, जातियों के लोग रहते हैं। पर सबमें एकता है। लेकिन बिहार में लोगों तो जातियों धर्मों में बांट दिया गया है। ये अच्छी बात नहीं है। इसे नजरअंदाज भी नहीं कर सकते। सवाल: पर सेक्युलेरिज्म के लिए विचारधारा और दुश्मनी को भुला गले मिला जा रहा है, ये सही है? तारिक अनवरः हाहाहा। अब इसपर क्या कहें। वैसे, सेक्युलेरिज्म के नाम पर सिर्फ विरोध नहीं होना चाहिए। देखिए, देश का संविधान कहता है कि धर्म के नाम पर किसी से दूरी नहीं। पर अगर कोई कट्टरपन करता है, तो उसकी कोई जगह नहीं। |
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