राजगीर बन सकता है पसंदीदा 'विवाह स्थल'

राजगीर बन सकता है पसंदीदा 'विवाह स्थल' पटना: बिहार के नालंदा जिले का राजगीर यूं तो विश्व के प्रसिद्ध धार्मिक व पर्यटन स्थलों में शुमार है, लेकिन यहां गुजरे आधा दशक में औसतन प्रतिवर्ष 10 हजार शादियां होती रही हैं। फिर भी इस स्थल को 'वेडिंग टूरिज्म स्पॉट' का दर्जा नहीं मिला। पर्यटन विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि अगर राजगीर को यह दर्जा मिल जाए तो पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि हो सकती है।

पर्यटन विभाग के एक अधिकारी कहते हैं कि देश के उदयपुर, जयपुर, जोधपुर सहित कई स्थलों पर वेडिंग टूरिज्म काफी सफल रहा है। ऐसे में राजगीर में प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के स्थान हैं जो वेडिंग टूरिज्म के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

यहां बड़ी संख्या में लोगों के विवाह के लिए पहुंचने का कारण पूछने पर स्थानीय जानकार कहते हैं कि हिंदू धर्म के मुताबिक भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र राजा बसु द्वारा आयोजित यज्ञ में यहां 33 करोड़ देवी-देवता पधारे थे। यही नहीं, 22 कुंड और 52 जलधाराओं वाले इस ऐतिहासिक नगरी में कई युग पुरुष, संत और महात्माओं ने अपनी तपस्थली और ज्ञानस्थली बनाई। यही कारण है कि इस तपोभूमि और ईश्वर के निवास स्थल के रूप में विख्यात स्थल को लोग सफल वैवाहिक जीवन की कामना लिए विवाह स्थल के रूप में चुनते हैं।

राजगीर के पंडा समिति के रामेश्वर पंडित हालांकि कहते हैं कि लोग यहां कम खर्च में पाणिग्रहण संस्कार कराने आते हैं, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। वह कहते हैं कि अगर सुविधा मिले तो और वैवाहिक समारोह यहां हो सकते हैं।

राजगीर होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष रामकृष्ण प्रसाद सिंह ने बताया कि आज देश में जो भी स्थान वेडिंग टूरिज्म के पसंदीदा स्थल बने हुए हैं, वहां प्रकृति मूल स्वरूप में हैं। प्राकृतिक सौंदर्य न केवल देश के लोगों को, बल्कि विदेशी मेहमानों को भी आकर्षित करता है।

ऐसे में राजगीर के पंच पहाड़ियों, विपुलगिरी, रत्नागिरी, उदयगिरी, सोनगिरी और वैभारगिरी न केवल प्राकृति सौंदर्य से परिपूर्ण हैं, बल्कि मान्यता है कि जैन धर्म के जो 11 गंधर्व हुए हैं उनका निर्वाण भी राजगीर में हुआ है।

वह कहते हैं कि यहां ईश्वर ने सभी कुछ दिया है, बस जरूरत है इस उद्योग को विकसित करने के लिए सरकारी, निजी और सामाजिक प्रोत्साहन की। इसका फायदा न केवल होटल व्यवसायियों को होगा, बल्कि आयोजन से जुड़ने वाले अन्य क्षेत्र के लोग भी लाभान्वित होंगे।

राजगीर पर्यटन विभाग से जुड़े अधिकारी ब्रजेश कुमार ने कहा कि इस तरह की अवधारणा से पर्यटन व्यवसाय में काफी वृद्धि हो सकती है। वह कहते हैं कि इस अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल पर गर्मी के दिनों में कम पर्यटक आते हैं। ऐसे में वेडिंग टूरिज्म की सुविधा बहाल हो जाए तो पूरे वर्ष यहां पर्यटकों की भीड़ रहेगी।

हाल के दिनों में राजगीर में पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ी है। पश्चिम बंगाल के पर्यटक यहां बड़ी संख्या में आते हैं। इसके अलावा राजस्थान, झारखण्ड, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के भी पर्यटक यहां आते हैं। श्रीलंका, थाईलैंड, कोरिया, जापान, चीन, म्यांमार, भूटान आदि विदेशी पर्यटक भी राजगीर की वादियों को अपना आदर्श पर्यटन स्थल मानते हैं।

उल्लेखनीय है कि राजगीर में प्रति तीन वर्ष पर मलमास मेला लगता है, जिसे देखने के लिए देश और विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक यहां पहुंचते हैं।
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