केवल कानून नहीं मिटा सकता भ्रष्टाचार:महाश्वेता देवी

केवल कानून  नहीं मिटा सकता भ्रष्टाचार:महाश्वेता देवी

कोलकाता: भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी लोकपाल विधेयक लाने की बहस के बीच मैग्सेसे पुरस्कार विजेता प्रख्यात लेखिका तथा समाजिक कार्यकर्ता महाश्वेता देवी का कहना है कि एक विधेयक मात्र के आ जाने से देश को भ्रष्टाचार से छुटकारा नहीं मिलेगा बल्कि इसके लिए लोगों में जागरुकता फैलाने की जरूरत है।

महाश्वेता देवी ने मीडिया से विशेष बातचीत के दौरान कहा, "मैं इस विधेयक (लोकपाल) के बारे में नहीं सोचती हूं। हमारे देश में एक विधेयक से भ्रष्टाचार की समस्या से निजात नहीं मिल सकती।

इसके लिए लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए, इसके खिलाफ प्रतिरोध करना चाहिए तथा रिश्वत देने का विरोध करना चाहिए। जब तक ऐसा नहीं होगा कोई विधेयक प्रभावी नहीं होगा।"

ज्ञात हो कि सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के अगस्त में भूख हड़ताल पर बैठने के बाद केंद्र सरकार एक प्रभावी लोकपाल विधेयक के मसौदे पर बातचीत करने के लिए सहमत हुई थी।

सरकार ने आगामी शीतकालीन सत्र में विधेयक को पारित करने का आश्वासन दिया है।

अन्ना और उनके अनशन के बारे में पूछे जाने पर ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता महाश्वेता देवी ने कहा, "मैं अन्ना हजारे के बारे में ज्यादा नहीं जानती। मैं न तो उनका समर्थन करती हूं और न ही उनका विरोध।

यदि भूख हड़ताल पर जाने से ही ऐसा होता तो मणिपुर में इरोम शर्मिला पिछले 11 वर्षो से अनशन पर बैठी हुई है। उसका संघर्ष और अनशन भी बेहद महत्वपूर्ण है। एक महिला अकेले ही सेना बल विशेष शक्तियां अधिनियम (एएफएसपीए) हटाने की लड़ाई लड़ रही है।"

इरोम शर्मिला को समान्य तौर पर मणिपुर की 'आयरन लेडी' के नाम से जाना जाता है, जो राज्य से एएफएसपीए हटाने के लिए पिछले 11 वर्षो से लड़ाई लड़ रही है।

गौरतलब है कि महाश्वेता देवी पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चे की सरकार के दौरान वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विरोध प्रदर्शनों का समर्थन कर चुकी हैं। इस प्रख्यात लेखक का यह भी कहना है कि बनर्जी को अपनी पार्टी में भी भ्रष्टाचार के मामलों को देखना चाहिए।

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