मध्य प्रदेश, जहां जिंदा बना दिए जाते हैं मुर्दा!

जनता जनार्दन संवाददाता , Jul 28, 2011, 11:24 am IST
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मध्य प्रदेश, जहां जिंदा बना दिए जाते हैं मुर्दा!   भोपाल: मध्य प्रदेश में सरकार चाहे जितने दावे करे लेकिन सरकारी अस्पतालों की हकीकत सामने आ ही जाती है। आलम यह है कि जिंदा व्यक्ति को मुर्दा बताने में जरा सी हिचक नहीं दिखाई जाती। मामला खुल जाता है तो सजा महज निलम्बन पर आकर ठहर जाती है।

पिछले एक पखवाड़े में दो ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसने चिकित्सकों की संवेदनशीलता को तार-तार कर दिया है। पहला मामला ग्वालियर का है जहां जयारोग्य चिकित्सालय के न्यूरोसर्जरी विभाग ने एक जीवित मरीज को न केवल मृत घोषित कर दिया बल्कि मुर्दाघर भेजने की तैयार कर दी।

ग्वालियर में लल्ला प्रजापति गत नौ जुलाई को सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था। एक निजी चिकित्सालय में उपचार के दौरान हालत में सुधार न आने पर उसे जयारोग्य चिकित्सालय के न्यूरोसर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया। जिस चिकित्सक ने उसका इलाज किया उसने 15 जुलाई को लल्ला को मृत घोषित कर मुर्दाघर ले जाने को कह दिया।

परिजन उसे मुर्दाघर तक ले गए मगर उनका मन नहीं माना। उन्होंने निजी चिकित्सक से परीक्षण कराया तो लल्ला के जीवित होने की पुष्टि हो गई। बाद मे लल्ला को न्यूरोसर्जरी विभाग में भर्ती किया गया और लापरवाह जूनियर डॉक्टर को निलम्बित कर दिया गया।

फेस एन फैक्ट्स के मध्य प्रदेश संवाददाता के अनुसार, इसी तरह का मामला विदिशा के जिला चिकित्सालय में सामने आया है, जहां शादी के 10 साल बाद आबाद हुई गोद को चिकित्सक ने फिर सूनी करने का एलान कर दिया। यहां ओम प्रकाश के परिवार में बुधवार को एक बेटी का जन्म हुआ। यह खबर मिलते ही मिठाइयां बांटी गईं लेकिन कुछ ही देर में उन्हें बताया गया कि बेटी की मौत हो गई।

ओमप्रकाश ने बताया कि महिला चिकित्सक ने उनसे पूछा कि बेटी का पोस्टमार्टम कराना चाहेंगे, या फिर उसे ऐसे ही ले जाना चाहेंगे। ओम प्रकाश बच्ची को घर ले आए। उन्होंने बताया कि नवजात बच्ची के अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी, तभी किसी ने कहा कि बच्ची के शरीर में हरकत है। इसके बाद बच्ची को निजी चिकित्सक के पास ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे जीवित घोषित कर दिया।

इस मामले के तूल पकड़ने पर सिविल सर्जन मंजू जैन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जिस समय नवजात को मृत घोषित किया गया तब महिला चिकित्सक ड्यूटी पर थी। वे पता करेंगी कि ऐसा क्यों हुआ।