चाहिए! एक अदद संपादक ...

प्रभु झिंगरन , Jun 20, 2016, 12:08 pm IST
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चाहिए! एक अदद संपादक ... काफी हाउस के पास की दुकान से चने का सत्तू खरीदने गया, तो जिस कागज की थैली में मंगलू भड़भूजे ने सत्तू दिया, अखबारी कागज से बनी उस थैली पर छपा मुझे यह विज्ञापन दिखाई दे गया। इस विज्ञापन को यहां पर ज्यों का त्यों दे रहा हूं, हो सकता है कि किसी बेरोजगार, कुंठित या महत्वाकांक्षी पत्रकार भाई के काम आ जाये।
विज्ञापन इस प्रकार से हैः

एक अदद संपादक चाहिए

हमें अपने समूह के लखनऊ से शीघ्र प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र के लिए एक काम का संपादक चाहिए। वैसे तो हमारे फूफा जी के बड़े लड़के मन्नू भइया जो मशीन सेक्शन के इंचार्ज हैं, ’सम्पादकी’ का काम भी अच्छे से कर लेते हैं परंतु वो क्या है कि कानूनी लफड़ों से निपटने के लिए एक अदद संपादक रखने की परंपरा चल गई है, सो हमने विचारा कि हम भी रख लें।

हमारा समूह खांडसारी मिल, तेल और वनस्पति फैक्टरी, गन्ना मिल के अलावा कई स्कूल, कोचिंग केन्द्र और नर्सिंग होम आदि चलाता है, अभी हम लोगों ने चिटफंड और शराब कारोबार भी शुरू कर दिया है और भगवान की दया से सब ठीक चल रहा है लेकिन आजकल सभी कारोबारी साथ में एक अखबार या पत्रिका अवश्य निकालते हैं इसलिए हम भी ऐसा करने जा रहे हैं।

अनिवार्य योग्यता:-
1. संपादक को ठीकठाक पढ़ा लिखा होना चाहिए, कामचलाऊ लिख पढ़ ले, पत्रकारिता के डिग्री डिप्लोमा की तो कतई अनिवार्यता नहीं है क्योंकि सर्वविदित है कि इसकी क्या उपयोगिता है और इसके नाम पर क्या पढ़ाया जाता है। बाकी अग्रलेख मुख्यालय से आयेगा, इसलिए अपनी भड़ास मिटाने के लिए शेरो-शायरी आदि वाला कोई कालम चाहे तो लिख सकता है। हां, ’पेड न्यूज’ लिखने का पूर्व अनुभव रखने वालों को वरीयता दी जायेगी।

2. संपादक को इवेंट, मेला, तमाशा, आदि समय-समय पर आयोजित करने में तथा स्वयं उसमें भाग लेने में दक्षता होनी चाहिए, बाजार में चल रहे मार्केटिंग के छिछरोपन में वह कहीं पीछे न रहे, बल्कि नित नूतन प्रकार से इस कृत्य को करने में सक्षम हो। जैसे जोकरों सी टोपी या हैट लगाकर मेले में पतंग उड़ाना, कंचे खेलना या सायकिल के करतब दिखाना आदि इत्यादि।

3. सरकारी विज्ञापनों की प्राप्ति हेतु उम्मीदवार का जनसंपर्क दुस्साहसिक स्तर का होना चाहिए। इस हेतु उसे नियमित रूप से सूचना विभाग, पर्यटन विभाग आदि में स्वयं जाकर बैठना और मिलना-जुलना होगा। इस प्रयोजन हेतु उसे किसी नौकरशाह या उद्यमी को अखबार के माध्यम से उपकृत करने की खुली छूट होगी। सत्तारूढ़ दल, व्यापार पृष्ठ और अपराध जगत की खबरों के मामले में मुख्यालय में लिए गये निर्णय अंतिम माने जाएंगे।

4. संपादक को बड़े बाबूजी के नाम और फोटो के साथ संपादकीय पृष्ठ पर उनकी रूचि के हिसाब से लेख आदि भी नियमित रूप से लिखने होंगे तथा पूज्य दादी जी और माता जी की पुण्यतिथि पर विशेष सामग्री के साथ फीचर पेज तैयार करना होगा।

5. संपादक को हमारे समूह की सभी इकाईयों से सम्बंधित राजधानी से जुड़े कार्य जैसे सेल्स टैक्स, इनकम टैक्स विभाग, पासपोर्ट का नवीनीकरण, बंदूक का लाइसेंस बनवाना, नवीनीकरण कराना, फैक्टरी निर्माण हेतु भूमि अर्जन, नक्शा पास कराना, ट्रेन रिजर्वेशन कराना आदि कार्य प्राथमिकता के आधार पर स्वयं करना होगा।

6. कोटे के अखबारी कागज के और बेहतर सदुपयोग का अनुभव अतिरिक्त योग्यता माना जायेगा।

7. संपादक को उपहार योजना, कूपन स्कीम, तंबोला, क्लब आदि के संचालन का गहन और सम्यक ज्ञान होना चाहिए। इस प्रयोजन हेतु पुरस्कार आदि बांटते हुए वह अपने अखबार में गाहे वगाहे अपनी फोटू भी छाप ले तो हमें आपत्ति न होगी।

8. हाकरो, वितरकों और एजेंट भाइयों के दुख-सुख को अपना दुख-सुख मानते हुए संपादक को सदैव सेवाभाव से उनके साथ संबंध निर्वहन करना होगा।

9. संपादक का चरित्र और व्यवहार सार्वजनिक स्थलों आदि पर उत्तम और सादा हो, बाकी से हमें लेना देना नहीं। संपादक यदि अखबार की वांछित जिम्मेदारियों के अलावा अपना कोई स्कूल, कंपनी या एजेंसी चलाता है जैसा कि ज्यादातर संपादक कर रहे हैं। तो हमें कोई आपत्ति नहीं, जब तक यह सार्वजनिक न हो जाये।

10. संपादक यदि चाहे तो अपने भतीजे, भांजे, साली या पूर्व प्रेमिका की नियुक्ति अखबार में कर सकता है।
यदि आप में उपर्युक्त योग्यतायें हैं और आप हमारे समूह से जुड़ना चाहते हैं तो अपना विवरण हमं एक सप्ताह के भीतर सत्तारूढ़ दल के दो वरिष्ठ सदस्यों और किसी एक सफेदपोश माफिया सरगना और एक बड़े बिल्डर या ठेकेदार की संस्तुति के साथ अग्रसरित करें।

नोट: दूरदर्शन के बड़े अधिकारी रहे लेखक, आलोचक प्रभु झिंगरन ने उक्त विज्ञापन परोपकार की भावनावश फेसबुक पर डाला है, अतः उनका कथन है कि उनकी किसी तरह की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती, फिर भी अगर किसी को यह नौकरी मिल जाती है तो कृपया उनका भी ध्यान रखें।
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