विदेश मंत्री बनीं रहेंगी हिना रब्बानी खार

जनता जनार्दन संवाददाता , Apr 11, 2012, 10:38 am IST
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विदेश मंत्री बनीं रहेंगी हिना रब्बानी खार इस्लामाबाद: पाकिस्तान सरकार ने आज कहा कि वर्तमान विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार को हटाए जाने की कोई योजना नहीं है। इस बयान के बाद अब विदेश मंत्री रब्बानी खार अपने पद पर बनीं रहेंगी।

सरकारी प्रवक्ता ने खार से जुड़ी खबरों को निराधार और अटकल करार दिया। प्रधानमंत्री आवास के प्रवक्ता ने कहा कि मीडिया ने प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी के हालिया वक्तव्य से संकेत निकाला जिसमें उन्होंने कहा कि एक बदलाव आसन्न है।

प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री की टिप्पणी में नई टीम का हवाला नए विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी और भारत के मनोनितच्उच्चायुक्त सलमान बशीर के संदर्भ में कहा गया। इससे पहले यह खबर आई थी हिना रब्बानी खार को उनके पद से हटाया जा सकता है।

इन अटकलों का बाजार तब गर्म हुआ था जब अमेरिकी मंत्री के साथ बैठक में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की बात काट दी थी। इसके बाद ही राजनीतिक हलकों में ऐसी खबरें आई थीं कि उन्हें विदेश मंत्री के पद से हटाया जा सकता है।

इसके बाद गिलानी ने विदेश मंत्रालय को ये कहकर चौंका दिया कि एक नई टीम कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए भारत के साथ बातचीत करेगी। गिलानी और पीपीपी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक, जल्द ही मंत्रिमंडल में फेरबदल किए जाने की योजना है।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका के उप सहायक विदेश मंत्री थॉमस नाइड्स उस वक्त हैरान रह गए जब गत चार अप्रैल को बैठक के दौरान खार ने सार्वजनिक तौर पर राष्ट्रपति की टिप्पणी पर विरोधाभासी बयान दिया था। थॉमस ने मई में शिकागो में अफगानिस्तान मुद्दे को लेकर होने वाली बैठक में पाकिस्तान की भागीदारी का मुद्दा उठाया था।

जरदारी ने कहा था कि यदि अमेरिका पाकिस्तान को बैठक में आने का न्योता देता है तो उनकी सरकार इस मुद्दे पर अवश्य चर्चा करेगी। इसी दौरान खार ने राष्ट्रपति का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले पर तब तक चर्चा नहीं की जा सकती जब तक संसद का संयुक्त सत्र पाकिस्तान-अमेरिका के संबंधों को लेकर चल रही अपनी समीक्षा पूरी नहीं कर लेता।

सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति जरदारी की मौजूदगी में खार के इस अड़ियल रुख को देखकर दंग रह गया था। उस दौरान खार ने खुद को ऐसे पेश किया था, मानो वह महत्वपूर्ण विदेशी मामलों पर निर्णय करने वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की मुखिया हों। जरदारी की अजमेर यात्रा के दौरान खार उनके साथ नहीं आई थीं। दोनों के बीच मनमुटाव को इसका कारण बताया जा रहा है।
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