पीएम मोदी ने पूछा- पहले भी और आज भी NDA तो हार कहां?

जनता जनार्दन संवाददाता , Jun 07, 2024, 18:06 pm IST
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पीएम मोदी ने पूछा- पहले भी और आज भी NDA तो हार कहां? कांग्रेस को तीन चुनावों में जितनी सीट मिली, उतनी सीट हमे इस बार मिली है. 10 साल बाद भी कांग्रेस 100 के आंकड़े के पार नहीं पहुंची है. हम विजय को पचाना जानते हैं. न विजय का उन्माद, न पराजय का उपहास, न हम हारे थे और न हम हारे हैं. लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने से पहले शुक्रवार को संसद के सेंट्रल हॉल में एनडीए संसदीय दल की बैठक में नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में इन पंक्तियों के साथ विपक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आज देश को सिर्फ और सिर्फ एनडीए पर भरोसा है.

तीसर बार सरकार बनाने की प्रक्रिया में जुटे एनडीए के सभी सांसदों से पीएम मोदी ने कहा कि पराजितों का उपहास नहीं करते. इससे पहले राजनाथ सिंह ने एनडीए संसदीय दल के नेता के उनके नाम का प्रस्ताव रखा था. इसके बाद सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को एनडीए संसदीय दल का नेता चुन लिया गया. इसके बाद उन्होंने सबका आभार जताते हुए कहा कि सरकार चलाने के लिए बहुमत और देश चलाने के लिए सर्वमत जरूरी है. एनडीए सबसे सफल गठबंधन है. एनडीए की तीन दशक की यात्रा सफल रही है. एनडीए के दलों के बीच अटूट रिश्ता है.

लोकसभा चुनाव में एनडीए को 293 सीटें मिलीं हैं. वहीं, विपक्षी दलों के इंडी गठबंधन के खाते में 234 सीटें गई हैं. लोकसभा में जीत के लिए बहुमत का आंकड़ा 272 है. ऐसे में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की राह में एनडीए के लिए कोई रुकावट नहीं है. तेलुगुदेशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और जेडीयू के प्रमुख नीतीश कुमार ने आगे बढ़कर पीएम मोदी का अभिवादन किया. इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि देश ने एनडीए के गुड गर्वनेंस को देखा ही नहीं बल्कि मैं कह सकता हूं कि जीया है.

एनडीए संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद अपने भाषण में पीएम मोदी ने ईवीएम को लेकर सवाल करने वाले विपक्ष पर तंज करते हुए कहा, 'नतीजों के बाद हमने पूछा, 'EVM जिंदा है या मर गया'. मगर ईवीएम ने विपक्ष को चुप करा दिया. 4 जून को लोकतंत्र को घेरने की तैयारी थी. अब 5 साल तक ईवीएम सुनाई नहीं देगा. विपक्ष निराशा लेकर मैदान में आया था.' उन्होंने कहा कि विपक्ष ने सिर्फ भ्रम और झूठ फैलाया. लोगों को गुमराह किया. विपक्ष ने भारत को बदनाम करने की साजिश रची. उसने रुकावट डालने की कोशिश की.
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