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सरकार बनी नहीं और JDU ने शुरू कर दी प्रेशर पॉलिटिक्‍स

जनता जनार्दन संवाददाता , Jun 06, 2024, 16:52 pm IST
Keywords: JDU Demands Decoded   एनडीए की सरकार   जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार   जातिगत जनगणना  
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सरकार बनी नहीं और JDU ने शुरू कर दी प्रेशर पॉलिटिक्‍स एनडीए की सरकार बनने से पहले भाजपा के सहयोगी दलों खास कर जेडीयू ने दबाव बनाने की शुरुआत कर दी है. मोदी 3.0 सरकार बनने से पहले ही प्रेशर पॉलिटिक्‍स के तहत जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार  ने अपनी बड़ी डिमांड रख दी है. नीतीश कुमार अग्निवीर पर नए तरीके से विचार, समान नागरिक संहिता (UCC) पर व्यापक चर्चा, जातिगत जनगणना, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और मंत्रालय में भागीदारी पर गंभीर दिख रहे हैं.

जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, "अग्निवीर योजना को लेकर मतदाताओं का एक वर्ग नाराज है. हमारी पार्टी चाहती है कि जिन कमियों पर जनता ने सवाल उठाए हैं उन पर विस्तार से चर्चा हो और उन्हें दूर किया जाए... यूसीसी पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर सीएम नीतीश कुमार विधि आयोग प्रमुख को पत्र लिखा चुके हैं. हम इसके खिलाफ नहीं हैं, लेकिन सभी हितधारकों से बात करके इसका समाधान निकाला जाना चाहिए.

केसी त्यागी का बयान संकेत है कि आगे भी लगातार जेडीयू अपनी बात रखेगी और मुस्तैदी से रखती रहेगी. इसके साथ ही इशारों में उन्होंने भाजपा के लिए टेंशन बढ़ाने के संकेत दे दिए हैं. जेडीयू का यूसीसी, अग्निवीर, जातीय जनगणना जैसे मुद्दों पर हमेशा से अलग रुख रहा है. इसको लेकर भाजपा पर प्रेशर डाला जा सकता है. इसके अलावा सूत्रों ने मंत्रालयों से जुड़ी जेडीयू की मांग को भी हाईलाइट किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, नीतीश कुमार चाहते हैं कि अग्निवीर योजना पर मोदी 3.0 सरकार बनने के साथ ही नए तरीके से सोचा जाए. इसके अलावा जेडीयू का मानना है कि समान नागरिक संहिता एक पेचीदा विषय है. इस मुद्दे पर सबकी अपनी-अपनी राय है. इसलिए सभी राजनीतिक दलों और स्टेक होल्टर्स से इस पर व्यापक रूप से चर्चा हो. क्योंकि इस मुद्दे पर शुरू से सभी राजनीतिक दलों में गतिरोध रहा है. कोई दल चाहता है कि इसे फौरन लागू किया जाना चाहिए. वहीं, कई दल इसके पक्ष में नहीं है.

अग्निवीर योजना को लेकर भी जेडीयू का भाजपा के साथ मतभेद हैं. उनका कहना है कि ज्‍यादातर राजनीतिक दल इसके पक्ष में नहीं हैं. सिर्फ भाजपा ही इस योजना पर अडिग है. बिहार में जेडीयू और राजद की महागठबंधन सरकार के समय अग्निवीर योजना के विरोध में हिसंक प्रदर्शन हुआ था. वहीं, केंद्र सरकार के नहीं चाहने के बावजूद नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने जातीय सर्वे कराकर उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की थी. हालांकि, इस पर काफी विवाद भी हुआ था.

केंद्र में लगातार तीसरी बार नरेंद्र मोदी सरकार बनने से पहले नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू ने वन नेशन वन इलेक्‍शन को लेकर नरम रुख दिखाया है. सूत्रों के मुताबिक उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी सहमति दे दी है. वहीं, नई सरकार में नीतीश कुमार तीन महत्वपूर्ण मंत्रालयों की मांग कर रहे हैं. पिछली बार नीतीश कुमार की पार्टी से मोदी सरकार में एक कैबिनेट मंत्री आरसीपी सिंह थे. इसके अलावा चुनाव नतीजे सामने आने के साथ ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा वाला पुराना मुद्दा भी सिर उठाने लगा है.
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