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गुलजार ने दिया संवत्सर व्याख्यान, मीर तकी मीर की त्रिजन्मशतवार्षिकी की शुरुआत
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Mar 14, 2024, 19:11 pm IST
Keywords: Sahitya Akademi Award 2024 साहित्य अकादमी पुरस्कार 20234 साहित्य अकादमी पुरस्कार Award 2023 for Hindi Guljaar Renowned Social Activist
![]() नई दिल्ली: साहित्योत्सव के तीसरे दिन आज 32 सत्रों में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में पुरस्कृत रचनाकारों के साथ लेखक सम्मिलन, आदिवासी कवि सम्मिलन, एलजीबीटीक्यू सम्मिलन, मीर तकी मीर जन्मत्रिशतवार्षिकी संगोष्ठी और गुलजार द्वारा संवत्सर व्याख्यान मुख्य आकर्षण था। लेखक सम्मिलन में कल पुरस्कृत हुए रचनाकारों ने अपनी सृजन की रचना प्रक्रिया को पाठकों के साथ साझा किया। इन सभी के अनुभव बिल्कुल अलग और दिल को छूने वाले थे। लेकिन सामान्यतः सामाजिक भेदभाव ही वह पहली सीढ़ी थी जिसने सभी को लेखक बनने के लिए प्रेरित किया। मीर तकी मीर की त्रिजन्मशतवार्षिकी के पहले दिन उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि सैयद एहतेशाम हसनैन, पूर्व कुलपति, हैदराबाद विश्वविद्यालय थे और विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रख्यात उर्दू लेखक एवं गीतकार गुलज़ार तथा पूर्व कुलपति, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के सैयद शाहिद मेहदी थे। संगोष्ठी की अध्यक्षता साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने की और बीज वक्तव्य प्रख्यात उर्दू विद्वान अहमद महफूज़ ने प्रस्तुत किया। अन्य सत्रों में शाफ़े क़िदवई, कौसर मज़हरी, हक़्क़ानी अल क़ासमी, सरवत ख़ान, शाफ़े क़िदवई , कौसर मज़हरी, हक़्क़ानी अल क़ासमी, सरवत ख़ान, शीन काफ निज़ाम, लीलाधर मंडलोई, जानकी प्रसाद शर्मा ने भाग लिया। गुलजार ने अपने संवत्सर व्याख्यान में कहा कि सिनेमा थोड़ा थोड़ा इतिहास होता है और मैं इस इतिहास की परिभाषाएँ समय-समय पर बदलने मंे विश्वास रखता हूँ। उन्होंने सिनेमा की व्यापक पहचान और साहित्य से उसके गहरे रिश्तो, के कई उदाहरण देते हुए अपनी बात रखी। उन्होंने शेक्सपियर उठाओ पर्दा कविता द्वारा और देवदास, दो बीघा जमीन से लेकर नई फिल्मों तक, सिनेमा और साहित्य की गहरी पड़ताल प्रस्तुत की। |
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