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काशी के विद्वान लक्ष्मीकांत दीक्षित हैं प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य आचार्य
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jan 22, 2024, 12:38 pm IST
Keywords: Acharya Laxmikant Dixit भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
सालों के इंतजार के बाद वह शुभ घड़ी आ गई है जब राजा राम अपने भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित होने जा रहे हैं. लंबे समय तक टेंट और फिर अस्थायी गर्भगृह में विराजित रहे रामलला आज भव्य गर्भगृह में विराजित होंगे. दोपहर साढ़े 12 बजे के अभिजीत मुहूर्त में रामलला की नई मूर्ति की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों प्राण प्रतिष्ठा होगी. अंग्रेजी कैलेंडर में यह तारीख 22 जनवरी की है तो हिंदी पंचांग के अनुसार यह शुभ समय पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी, विक्रम संवत 2080 को मृगशिरा नक्षत्र में अभिजीत मुहूर्त का है. इस समय सभी शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम मुख्य आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित कराएंगे, जिसमें यजमान पीएम मोदी होंगे. काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मुख्य आचार्य होंगे. मंदिर ट्रस्ट ने इस भव्य और दिव्य अनुष्ठान का मुख्य पुजारी चुना है. उनके साथ 4 अन्य पुजारी भी होंगे. काशी के प्रकांड विद्वान लक्ष्मीकांत दीक्षित का संबंध प्रतापी महाराज शिवाजी से है. पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के पूर्वज पंडित गागा भट्ट थे, जिन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक कराया था. आज प्राण प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह में मुख्य आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित, पीएम मोदी समेत 5 लोग मौजूद रहेंगे. लक्ष्मीकांत दीक्षित मूल रूप से महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के रहने वाले हैं. लेकिन कई पीढ़ियों से उनका परिवार काशी में रह रहा है. लक्ष्मीकांत दीक्षित वाराणसी के मीरघाट स्थित सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य हैं. उनकी गिनती काशी के प्रकांड विद्वानों में होती है. उन्होंने विभिन्न वेदों का गहराई से अध्ययन किया है साथ ही पूजा पद्वति के भी ज्ञाता हैं. प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त मशहूर ज्योतिषाचार्य और धर्म-शास्त्रों के ज्ञाता गणेशवर शास्त्री द्रविड़ ने निकाला है. राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के सारे अनुष्ठान उन्हीं के मार्गदर्शन में हो रहे हैं. 9 दिसंबर 1958 को काशी के रामनगर में जन्मे गणेश्वर शास्त्री के पिता राजराजेश्वर शास्त्री पंडितराज की उपाधि से सम्मानित थे. |
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