Friday, 06 December 2024  |   जनता जनार्दन को बुकमार्क बनाएं
आपका स्वागत [लॉग इन ] / [पंजीकरण]   
 

टिकट से नहीं बल्कि यहां से होती है रेलवे को करोड़ों की कमाई

जनता जनार्दन संवाददाता , Oct 04, 2023, 7:30 am IST
Keywords: Railways Earning   Railway Ticket   Railway earned from freight   रेल मंत्रालय   राजस्व में हुआ है इजाफा   रेलवे टिकट  
फ़ॉन्ट साइज :
टिकट से नहीं बल्कि यहां से होती है रेलवे को करोड़ों की कमाई रेलवे में हर दिन करीब करोड़ों लोग सफर करते हैं, फिर भी रेलवे को टिकट से इतनी कमाई नहीं होती है... अगर रेलवे को टिकट से सबसे ज्यादा कमाई नहीं होती है तो फिर कहां से होती है? क्या आप जानते हैं इस बारे में. आज हम आपको बताते हैं कि रेलवे की सबसे ज्यादा कमाई माल की ढुलाई से होती है. पहली तिमाही में रेलवे ने माल ढुलाई से फिर हजारों करोड़ की कमाई कर ली है. 

रेलवे ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 75.82 करोड़ टन माल की ढुलाई की जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 73.66 करोड़ टन था. रेलवे की माल ढुलाई इन छह महीनों में 2.15 करोड़ टन अधिक रही. रेल मंत्रालय की तरफ से इस बारे में जानकारी दी गई है. 


रेल मंत्रालय ने बयान में कहा है कि रेलवे ने अप्रैल-सितंबर में 81,697 करोड़ रुपये कमाये हैं, जो पिछले साल की समान अवधि के 78,991 करोड़ रुपये के मुकाबले लगभग 2,706 करोड़ रुपये अधिक है.

बयान के मुताबिक, सितंबर में 12.35 करोड़ टन माल की ढुलाई की गई जो साल भर पहले की समान अवधि के 11.58 करोड़ टन की तुलना में 6.67 प्रतिशत अधिक है.

माल लदान में वृद्धि से रेलवे के राजस्व में भी वृद्धि हुई है. रेलवे ने सितंबर, 2022 में 12,332.7 करोड़ रुपये की माल ढुलाई आय के मुकाबले सितंबर, 2023 में 12,956.95 करोड़ रुपये का माल राजस्व अर्जित किया जो करीब 5.06 प्रतिशत अधिक है.

मंत्रालय ने कहा कि रेलवे ने सितंबर के महीने में कोयले में 5.97 करोड़ टन, लौह अयस्क में 1.42 करोड़ टन, पिग आयरन और तैयार इस्पात में 57.8 लाख टन, सीमेंट में 62.5 लाख टन, खाद्यान्न में 45.4 लाख टन और उर्वरक में 42.3 लाख टन का लदान किया.

रेलवे ने कहा है कि ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण और त्वरित नीति निर्माण से समर्थित कारोबार विकास इकाइयों के काम ने उसे इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने में मदद की है.

अन्य यात्रा & स्थान लेख
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल