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लक्ष्मण रेखा महिलाओं को नहीं पूरूषों को चाहिए: ज्योतिरादित्य सिंधिया

लक्ष्मण रेखा महिलाओं को नहीं पूरूषों को चाहिए: ज्योतिरादित्य सिंधिया इंदौर: पूरा देश इस समय दिल्ली गैंगरेप के कारण उबल रहा हैं वहीं समाज के कुछ पुरोधागण बलात्कार के लिए नारियों को ही दोष दे रहे हैं ऐसे में जहां आम आदमी उन्हें इस बात के लिए उन्हें कोस रहा हैं वहीं युवाओं के प्रतिनिधि बनें केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि लक्ष्मण रेखा महिलाओं के लिए नहीं बल्कि पुरूषों के लिए होनी चाहिए।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कुछ दबंग पूरूषों के कारण आज देश की बहू-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं।

जरूरत बहू-बेटियों को मर्यादित और लक्ष्मण रेखा खींचने की नहीं हैं बल्कि पुरूषों को मर्यादित होने की है। जो लोग नारियों को दोष दे रहे हैं उनकी मनोस्थिति के बारे में आप पता लगा सकते हैं कि उनका बौद्धिक स्तर किस तरह का है जो समाज और देश के कितने काम आयेगा?

मालूम होगा कि केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ज्योतिरादित्य सिंधिया का यह बयान मध्यप्रदेश के उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर आया हैं जिन्होंने कहा था कि 'एक शब्‍द होता है मर्यादा, जब भी लक्ष्‍मण रेखा पार होती है, तब ही मर्यादा की सीमा पार होती है, सीता का हरण रावण करता है।

इसलिए महिलाओं औऱ लड़कियों को मर्यादा में ही रहना चाहिए। मोहन भागवत के इस बयान को राष्ट्रीय महिला आयोग ने बेतुका और किरण बेदी ने जानकारी का अभाव बताया था।  हालांकि इस बात के लिए भाजपा ने मध्यप्रदेश के मंत्री उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की जमकर क्लास ली थी।

जिसके बाद कैलाश ने कहा कि उन्होंने किसी व्यक्ति विशेष के बारे में नहीं कहा था बल्कि एक सामान्य बात कही थी, उनका मतलब हंगामा खड़ा करना नहीं था।
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