आज की कविता सुनती आई, उत्तर में कश्मीर की बातें
शशिपाल शर्मा 'बालमित्र' ,
Aug 17, 2017, 6:49 am IST
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नई दिल्लीः भारतीय संस्कृति, अध्यात्म, काल खंड और सनातन परंपरा के अग्रणी सचेता प्रख्यात संस्कृत विद्वान पंडित शशिपाल शर्मा बालमित्र द्वारा संकलित दैनिक पंचांग, आज की वाणी, इतिहास में आज का दिन और उनकी सुमधुर आवाज में आज का सुभाषित आप प्रतिदिन सुनते हैं. जैसा कि हमने पहले ही लिखा था, पंडित जी अपनी सामाजिक और सृजनात्मक सक्रियता के लिए भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यात हैं. उनके पाठकों शुभेच्छुओं का एक बड़ा समूह है. जनता जनार्दन ने भारतीय संस्कृति के प्रति अपने खास लगाव और उसकी उन्नति, सरंक्षा की दिशा में अपने प्रयासों के क्रम में अध्यात्म के साथ ही समाज और साहित्य के चर्चित लोगों के कृतित्व को लेखन के साथ-साथ ऑडियो रूप में प्रस्तुत करने का अभिनव प्रयोग शुरू कर ही रखा है, और पंडित जी उसके एक बड़े स्तंभ हैं. इसी क्रम में पंडित शशिपाल शर्मा बालमित्र ने एक स्वरचित कविता रची और अपने एक प्रशंसक के अनुरोध पर सस्वर पाठ भी किया. तो आप भी आनंद लीजिए. प्रस्तुत है पंडित शशिपाल शर्मा बालमित्र की कविता उनकी आवाज के ऑडियो के साथः आज की कविता आज की कविता सुनती आई उत्तर में कश्मीर की बातें। कोई कहता स्वर्ग धरा पर अति सुंदर कोई बतलाते।। दैत्यलोक की किंतु कहानी वहाँ हो रही है साकार। राष्ट्रद्रोह में रत पापी जन करते निर्दोषों पर वार।। वीर हमारे सैनिक कितने वहाँ जूझते प्राण गँवाते। देखें कितने वर्ष लगेंगे दैत्यग्रस्त भू स्वर्ग बनाते।। जिनके धन और पत्थरबाज़ी से आतंकी पलते हैं। वे पोषक असली आतंकी कैसे शासन को छलते हैं।। आतंकी हथियार हैं उनके जिन्हें चलाते हैं वे नीच। विष का वृक्ष बाद में दोषी पहला दोषी रहा जो सींच।। पहले मारो उस माली को जिसकी करतूते हैं काली । उसके लिए सज़ा हर छोटी उसपर जचती है हर गाली।। बालमित्र जागो नव शासन सुनो न नीचों की आवाज़। जो उनको नागरिक बताते वे हैं इसी कोढ़ की खाज।। करें समर्थन जो पापी का वे ही करते आए पाप। टोडी बच्चों ने बैठाए सत्ता पर ज़हरीले साँप।। -शशिपाल शर्मा 'बालमित्र' |